रांचीः झारखंड में कोरोना का कहर जारी है. हर दिन संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. इस पर नियंत्रण पाने के लिए सरकारी अफसरान हर दिन नए नए दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं. लेकिन अधिकारियों को शायद नहीं पता कि उनके निर्देशों को धरातल पर उतारने वाले किस तरह की लापरवाही बरत रहे हैं. ताजा मामला नेपाल हाउस स्थित विशेष टीका केंद्र से जुड़ा है. नेपाल हाउस राज्य सरकार के सचिवालय की वह बिल्डिंग है, जहां स्वास्थ्य मंत्री और सचिव भी बैठते हैं. इस कैंपस में टीकाकरण केंद्र बनाया गया है.
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मायूस होकर लौटे लोग
11 अप्रैल को करीब 60 लोगों का टीकाकरण होना था. इसके लिए लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. सभी लोगों को सुबह 10:00 से 5:00 के बीच अलग-अलग समय पर वैक्सीन लेने के लिए नेपाल हाउस स्थित टीका केंद्र में बुलाया गया था. इसमें ज्यादातर बुजुर्ग लोग थे, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि जब लोग तय समय पर टीकाकरण केंद्र पहुंचे तो उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा. नेपाल हाउस सचिवालय के मेन गेट पर ड्यूटी देने वाले गार्ड ने बताया कि आज टीका केंद्र खुला ही नहीं है.
रांची के सिंह मोड़ इलाके में रहने वाले रिटायर्ड आरडी सिंह नामक शख्स ने ईटीवी भारत से संपर्क किया और अपनी आपबीती बताई. उन्होंने अपने रजिस्ट्रेशन की कॉपी भी साझा की. ईटीवी की टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि आज टीकाकरण केंद्र में कोई आया ही नहीं है. खास बात है कि झारखंड का स्वास्थ्य विभाग पूरे राज्य में टीकाकरण अभियान चला रहा है.
पिछले दिनों वैक्सीन की किल्लत के कारण अभियान प्रभावित होने की नौबत आ गई थी लेकिन स्वास्थ्य सचिव के पहल पर समय रहते कोविशील्ड और कोवैक्सीन की खेप झारखंड आ गई, तब स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने कहा था कि झारखंड में ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन शायद उन्हें नहीं पता कि निचले स्तर पर आदेशों कि किस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है. तय समय पर टीका लेने नेपाल हाउस पहुंचे लोगों ने कहा कि अगर किसी कारणवश टीका केंद्र नहीं खोला जाना था तो इसकी जानकारी उन्हें मिलनी चाहिए थी या फिर दूसरे केंद्र पर टीका मुहैया कराना चाहिए था.