रांची: बैसाखी यानी खुखियां बांटने का त्यौहार है. बैसाखी खासतौर पर सिख धर्म के लोग नववर्ष के रूप में मनाते हैं. इस त्योहार का सिख समुदाय में काफी महत्व है. बैसाखी के त्योहार देश भर में 13 अप्रैल को बैसाखी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं और फसल के कटकर घर आ जाने की खुशी में भगवान और प्रकृति को धन्यवाद करते हैं. वहीं, हेमेत सोरेन ने भी समस्त देश-वासियों को बैसाखी की देर सारी शुभकानाएं दी है.
लोगों को देते है शुभकामनाएं
रबी की फसल कटने के बाद इस पर्व के माध्यम से लोग खुशियां मनाते हैं. बैसाखी खुशियां बांटने का त्योहार है और इस खास अवसर पर लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को शुभकामनाएं देते हैं.
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अलग-अलग नामों से जाना जाता है
देश के अलग-अलग जगहों पर इसे अलग नामों से मनाया जाता है-जैसे असम में बिहू, बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पूरम विशु के नाम से लोग इसे मनाते हैं. हालांकि इस बार लॉकडाउन की वजह से लोग अपने-अपने घरों में ही रहकर बैसाखी का पर्व मनाएं.