रांची: मेधा सूची प्रकाशन को लेकर आंदोलनरत पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन का घेराव किया. नाराज अभ्यर्थियों ने सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेपीएससी) के उदासीन रवैया पर नाराजगी जताते हुए अविलंब मेधा सूची प्रकाशित करने की मांग की है.
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साल 2017 में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा दो विज्ञापन 01/2017 और 02/2017 निकाला गया था. जिसके तहत पंचायत सचिव और लिपिक पदों (विभिन्न जिला और राज्य स्तरीय संवर्ग) के विरुद्ध विज्ञापन प्रकाशित की गई थी. जिसकी लिखित परीक्षा साल 2018 के जनवरी और फरवरी में विभिन्न तिथियों को आयोजित की गई थी. लिखित परीक्षा का परिणाम साल 2019 में प्रकाशित की गई. और सभी सफल अभ्यर्थियों का कंप्यूटर दक्षता परीक्षा के साथ-साथ हिंदी टंकण परीक्षा ली गई. इसमें सफल कुल 4948 अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन का कार्य साल 2019 के सितम्बर में विभिन्न तिथियों को सम्पन्न की गई.
3 साल से मेधा सूची का हो रहा है इंतजार
सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के बाद से छात्र मेधा सूची प्रकाशित होने की प्रतिक्षा कर रहे हैं. लगभग 3 वर्षों से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी आज तक अंतिम मेधा सूची प्रकाशित नहीं की गई है. रिजल्ट प्रकाशन में काफी विलम्ब होने के कारण अभ्यर्थियों में निराशा है. शुक्रवार को सैकड़ों पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने एक दिवसीय प्रोजेक्ट भवन का घेराव किया. धरना पर बैठे छात्रों ने कहा कि अब तक आश्वासन से अलावा कुछ भी नहीं मिला है.
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2017 में 3088 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया हुई शुरू
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा वर्ष 2017 में 3088 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो साढ़े 4 साल बाद भी अब तक अधूरी है. लिखित और स्किल जांच के बाद सफल अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद अंतिम मेधा सूची प्रकाशित होनी है. जो सितंबर 2019 से लंबित है. पंचायत चुनाव के पूर्व पंचायत सचिव पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर सफल अभ्यर्थियों द्वारा अंतिम मेधा सूची प्रकाशित करने के लिए आंदोलन शुरू किया गया है.