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झारखंड में गांव की सरकार पर कोरोना का ग्रहण, टल सकता है पंचायत चुनाव

झारखंड में पंचायत चुनाव पर लगा कोरोना का ग्रहण छंटता हुआ नहीं दिख रहा है. राज्य सरकार ने मार्च के अंत तक पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की थी. लेकिन लगातार बढ़ रहे संक्रमण की वजह से इसके टलने के आसार बढ़ गए हैं.

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झारखंड में गांव की सरकार पर ग्रहण
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Published : Jan 12, 2022, 6:32 PM IST

Updated : Jan 12, 2022, 7:00 PM IST

रांची: राज्य में एक्सटेंशन पर चल रही गांव की सरकार पर कोरोना का ग्रहण फिलहाल छंटता हुआ नहीं दिख रहा है. कोरोना की तीसरी लहर के आते ही झारखंड में पंचायत चुनाव के एक बार फिर टलने के आसार बढ़ गये हैं. राज्य सरकार वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अब तक दो बार पंचायतों के कार्यकाल का एक्सटेंशन देकर किसी तरह काम चला रही है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में पंचायत चुनाव को लेकर मचा घमासान, सीपी सिंह ने 40 करोड़ की उगाही का लगाया आरोप

मार्च तक होना था चुनाव: राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष यानी मार्च तक चुनाव कराने की तैयारी की थी. लेकिन झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर के कारण राज्य में बढ़ रहे संक्रमितों की संख्या को देखते हुए इसके टलने के आसार बढ गये हैं. सरकारी स्तर पर पंचायत चुनाव की तैयारी पूरी की जा रही थी. मगर एक बार फिर सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कोरोना की रफ्तार कम होने तक चुनाव की प्रतीक्षा की जाए. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि गांव की सरकार बनाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है और इसके लिए तैयारी भी पूरी की जा चुकी है. मगर कोरोना महामारी को भी हमें देखना होगा. इसकी रफ्तार यदि कम होगी तभी चुनाव हो सकेगा.

देखें वीडियो

2020 से लंबित है पंचायत चुनाव: झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में होना था. पहले राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली होने के कारण चुनाव नहीं हो सका. फिर कोरोना के कारण चुनाव लटकता जा रहा है. ऐसे में सरकार पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अब तक दो बार एक्सटेंशन देकर किसी तरह काम चला रही है.

ये भी पढ़ें- PESA Law के तहत पंचायत चुनाव कराने की मांग को मंत्री आलमगीर आलम ने ठुकराया, कहा- पूर्व की तरह होंगे चुनाव

पंचायत चुनाव पर सियासत: इधर एक वर्ष से लंबित पंचायत चुनाव कराने को लेकर सियासत जारी है. विपक्षी दल बीजेपी इस बहाने सरकार पर दवाब बनाने में जुटी है. बीजेपी द्वारा राज्य सरकार पर जान बूझकर पंचायत चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाया जा रहा है. बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने राज्य सरकार पर पंचायत चुनाव टालने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस बहाने सत्तारूढ़ दल द्वारा वसूली की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव हो सकता हैं तो झारखंड जैसे छोटे राज्य में चुनाव क्यों नहीं कराए जा सकते हैं.

झारखंड में दो बार हुए हैं पंचायत चुनाव: राज्य में काफी जद्दोजहद के बाद पहली बार वर्ष 2010 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुए थे. उसके बाद 2015 में एक बार फिर गांव की सरकार बनी जिसमें राज्यभर में 4402 मुखिया, 545 जिला परिषद सदस्य, 5423 पंचायत समिति सदस्य, 54330 ग्राम पंचायत सदस्यों का निर्वाचन हुआ था. वर्तमान में झारखंड में कुल 32660 गांव हैं जिसमें निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल दिसंबर 2020 में ही समाप्त हो चुका है.ऐसे में पंचायत चुनाव को लेकर यहां सियासत जारी है.

रांची: राज्य में एक्सटेंशन पर चल रही गांव की सरकार पर कोरोना का ग्रहण फिलहाल छंटता हुआ नहीं दिख रहा है. कोरोना की तीसरी लहर के आते ही झारखंड में पंचायत चुनाव के एक बार फिर टलने के आसार बढ़ गये हैं. राज्य सरकार वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अब तक दो बार पंचायतों के कार्यकाल का एक्सटेंशन देकर किसी तरह काम चला रही है.

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मार्च तक होना था चुनाव: राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष यानी मार्च तक चुनाव कराने की तैयारी की थी. लेकिन झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर के कारण राज्य में बढ़ रहे संक्रमितों की संख्या को देखते हुए इसके टलने के आसार बढ गये हैं. सरकारी स्तर पर पंचायत चुनाव की तैयारी पूरी की जा रही थी. मगर एक बार फिर सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कोरोना की रफ्तार कम होने तक चुनाव की प्रतीक्षा की जाए. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि गांव की सरकार बनाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है और इसके लिए तैयारी भी पूरी की जा चुकी है. मगर कोरोना महामारी को भी हमें देखना होगा. इसकी रफ्तार यदि कम होगी तभी चुनाव हो सकेगा.

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2020 से लंबित है पंचायत चुनाव: झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में होना था. पहले राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली होने के कारण चुनाव नहीं हो सका. फिर कोरोना के कारण चुनाव लटकता जा रहा है. ऐसे में सरकार पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अब तक दो बार एक्सटेंशन देकर किसी तरह काम चला रही है.

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पंचायत चुनाव पर सियासत: इधर एक वर्ष से लंबित पंचायत चुनाव कराने को लेकर सियासत जारी है. विपक्षी दल बीजेपी इस बहाने सरकार पर दवाब बनाने में जुटी है. बीजेपी द्वारा राज्य सरकार पर जान बूझकर पंचायत चुनाव नहीं कराने का आरोप लगाया जा रहा है. बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने राज्य सरकार पर पंचायत चुनाव टालने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस बहाने सत्तारूढ़ दल द्वारा वसूली की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव हो सकता हैं तो झारखंड जैसे छोटे राज्य में चुनाव क्यों नहीं कराए जा सकते हैं.

झारखंड में दो बार हुए हैं पंचायत चुनाव: राज्य में काफी जद्दोजहद के बाद पहली बार वर्ष 2010 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुए थे. उसके बाद 2015 में एक बार फिर गांव की सरकार बनी जिसमें राज्यभर में 4402 मुखिया, 545 जिला परिषद सदस्य, 5423 पंचायत समिति सदस्य, 54330 ग्राम पंचायत सदस्यों का निर्वाचन हुआ था. वर्तमान में झारखंड में कुल 32660 गांव हैं जिसमें निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल दिसंबर 2020 में ही समाप्त हो चुका है.ऐसे में पंचायत चुनाव को लेकर यहां सियासत जारी है.

Last Updated : Jan 12, 2022, 7:00 PM IST
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