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झारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार ने सरकार की बढ़ाई चिंता, जानिए क्या है वजह - jharkhand government worried about slow pace

झारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. झारखंड में धान क्रय केंद्र में किसान अपने धान बेच रहे हैं लेकिन कई ऐसे जिले हैं जहां अब तक धान की खरीदारी शुरू नहीं हुई है. सरकार ने 31 मार्च तक 80 लाख टन झारखंड में धान की खरीदारी का लक्ष्य तय कर रखा है. ऐसे में ये लक्ष्य कैसे पूरा हो पाएगा?

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झारखंड में धान खरीद
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Published : Jan 4, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 6:27 PM IST

रांचीः झारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार है. हालत यह है कि राजधानी रांची सहित राज्य के कई जिलों में अभी तक धान क्रय शुरू भी नहीं हो पाई है. 2 जनवरी तक राज्यभर में 3 लाख 45 हजार 927 क्विंटल ही धान खरीदी गयी है. जबकि इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य 80 लाख क्विंटल का है. राज्य में 64 हजार 856 निबंधित किसानों को एमएसपी पर धान बेचने के लिए मैसेज किया है, जिसमें 6 हजार 936 किसानों ने धान बेचा है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में धान खरीद की शुरुआत, 50 फीसदी राशि का तुरंत भुगतान, 90 दिनों में मिलेंगे बाकी पैसे


झारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार के पीछे ये है वजह
15 दिसंबर से निर्धारित दर पर झारखंड में धान खरीद की शुरुआत हुई है. सरकार ने इस वर्ष हर प्रखंडों में स्थित लैम्प्स में 562 धान क्रय केंद्र बनाया है. राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपया निर्धारित किया है. इस बार सरकार ने धान प्राप्त करने के वक्त ही 50% भुगतान करने का निर्णय लिया है. इसके बाद शेष राशि 3 महीने के अंदर भुगतान की जाएगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

राजधानी रांची के नामकुम से हुई शुरुआत के बाद किसानों ने धान बेचना शुरू किया लेकिन एक-दो दिन बाद यह रफ्तार धीमी पड़ गयी है. हालत यह है कि राजधानी के तमाड़, बुंडू जैसे इलाके में 15 दिन बीतने के बाद भी धान खरीद की शुरुआत नहीं हुई है. धान बेचने में किसानों की उदासीनता के पीछे का वजह बेमौसम हुई बारिश के कारण धान का गीला होना और सरकार के द्वारा पैसे के भुगतान में होने वाली देरी माना जा रहा है.

रांची के नामकुम अरसंडे धान खरीद केंद्र सोमवार को खाली पड़ा रहा. लैम्प्स पर तैनात जनसेवक जयमसी कच्छप की मानें तो नियम के अनुसार 17 प्रतिशत तक नमी वाले धान की खरीद की जा सकती है. उन्होंने कहा कि बेमौसम हुई बारिश के कारण धान भीग गया है, ज्यादा नमी के कारण धान किसान नहीं बेच रहे हैं. इसके अलावा त्यौहार के मौसम के कारण किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं. पिठौरिया के किसान अब्दुल गफ्फार के अनुसार एक तो देरी से धान खरीद शुरू हुई है इसके कारण कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए परेशानी बढी हुई है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग के अनुसार अभी तक रांची जिला में 20 हजार क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है. त्यौहार और बारिश की वजह से धान खरीद की रफ्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई है.

इसे भी पढ़ें- Paddy Scam in Jharkhand: 65 हजार फर्जी किसानों ने सरकार को लगाया चूना

झारखंड में इस वर्ष धान की बंपर पैदावार हुई है. जिसको देखते हुए सरकार ने 31 मार्च तक 80 लाख टन झारखंड में धान की खरीदारी का लक्ष्य तय कर रखा है. राज्य में करीब 2.25 लाख किसानों ने निबंधन कराया है. पिछले वर्ष धान खरीद में आई शिकायत के बाद इस वर्ष सरकार ने प्रत्येक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया है. इन सबके बीच धान खरीद की धीमी रफ्तार ने सरकार की चिंता बढा दी है.

रांचीः झारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार है. हालत यह है कि राजधानी रांची सहित राज्य के कई जिलों में अभी तक धान क्रय शुरू भी नहीं हो पाई है. 2 जनवरी तक राज्यभर में 3 लाख 45 हजार 927 क्विंटल ही धान खरीदी गयी है. जबकि इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य 80 लाख क्विंटल का है. राज्य में 64 हजार 856 निबंधित किसानों को एमएसपी पर धान बेचने के लिए मैसेज किया है, जिसमें 6 हजार 936 किसानों ने धान बेचा है.

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झारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार के पीछे ये है वजह
15 दिसंबर से निर्धारित दर पर झारखंड में धान खरीद की शुरुआत हुई है. सरकार ने इस वर्ष हर प्रखंडों में स्थित लैम्प्स में 562 धान क्रय केंद्र बनाया है. राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपया निर्धारित किया है. इस बार सरकार ने धान प्राप्त करने के वक्त ही 50% भुगतान करने का निर्णय लिया है. इसके बाद शेष राशि 3 महीने के अंदर भुगतान की जाएगी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

राजधानी रांची के नामकुम से हुई शुरुआत के बाद किसानों ने धान बेचना शुरू किया लेकिन एक-दो दिन बाद यह रफ्तार धीमी पड़ गयी है. हालत यह है कि राजधानी के तमाड़, बुंडू जैसे इलाके में 15 दिन बीतने के बाद भी धान खरीद की शुरुआत नहीं हुई है. धान बेचने में किसानों की उदासीनता के पीछे का वजह बेमौसम हुई बारिश के कारण धान का गीला होना और सरकार के द्वारा पैसे के भुगतान में होने वाली देरी माना जा रहा है.

रांची के नामकुम अरसंडे धान खरीद केंद्र सोमवार को खाली पड़ा रहा. लैम्प्स पर तैनात जनसेवक जयमसी कच्छप की मानें तो नियम के अनुसार 17 प्रतिशत तक नमी वाले धान की खरीद की जा सकती है. उन्होंने कहा कि बेमौसम हुई बारिश के कारण धान भीग गया है, ज्यादा नमी के कारण धान किसान नहीं बेच रहे हैं. इसके अलावा त्यौहार के मौसम के कारण किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं. पिठौरिया के किसान अब्दुल गफ्फार के अनुसार एक तो देरी से धान खरीद शुरू हुई है इसके कारण कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए परेशानी बढी हुई है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी अल्बर्ट बिलुंग के अनुसार अभी तक रांची जिला में 20 हजार क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है. त्यौहार और बारिश की वजह से धान खरीद की रफ्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई है.

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झारखंड में इस वर्ष धान की बंपर पैदावार हुई है. जिसको देखते हुए सरकार ने 31 मार्च तक 80 लाख टन झारखंड में धान की खरीदारी का लक्ष्य तय कर रखा है. राज्य में करीब 2.25 लाख किसानों ने निबंधन कराया है. पिछले वर्ष धान खरीद में आई शिकायत के बाद इस वर्ष सरकार ने प्रत्येक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया है. इन सबके बीच धान खरीद की धीमी रफ्तार ने सरकार की चिंता बढा दी है.

Last Updated : Jan 4, 2022, 6:27 PM IST
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