रांची: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तारीफ की है. पश्चिमी सिंहभूम की छह वर्षीय आदिवासी बच्ची मानव तस्करों के चंगुल में आ गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर समय रहते बच्ची को तस्कर के चंगुल से मुक्त करा लिया गया. इसकी जानकारी मिलने पर कैलाश सत्यार्थी ने फोन पर मुख्यमंत्री के साथ संवाद किया और उनकी तारीफ की. बातचीत के दौरान उन्होंने झारखंड को देश का पहला बाल मित्र राज्य बनाने का अनुरोध किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सालों से झारखंड को बाल तस्करी जैसे अभिशाप का सामना करना पड़ रहा है. झारखंड के बच्चों को सुरक्षित भविष्य प्रदान करना सरकार का लक्ष्य है. व्यवस्था सुदृढ़ कर सरकार इस अभिशाप को खत्म करने की पूरी कोशिश कर रही है. बच्चों के लिए एक सुरक्षित भविष्य प्रदान करने के लिए सभी लोगों को आगे आना होगा.
ये भी पढ़े- जामताड़ाः ईसीएल की बंद कोयला खदान में CISF की टीम पर हमला, 6 जवान घायल
बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम स्थित मनोहरपुर के कुंडुसाईं गांव की छह वर्षीय आदिवासी बच्ची को उस समय सुरक्षित बचा लिया गया. जब मानव तस्कर उसे काम कराने कहीं लेकर जा रहा था. मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट कर कैलाश सत्यार्थी के साथ हुई बातचीत का ब्यौरा साझा किया है. बाल श्रम उन्मूलन के लिए सराहनीय कार्य की वजह से कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार मिला था.