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रांची: ग्रामीण क्षेत्रों में दिखा अव्यवस्था का आलम, मतदान कर्मियों के लिए नहीं है मुकम्मल व्यवस्था - तीसरे तरण का चरण

झारखंड विधानसभा चपनाव 2019 के तीसरे तरण को लेकर विभिन्न विधानसभा सीटों पर मतदान किया जा रहा है. खिजरी विधानसभा सीट पर मतदान जारी है लेकिन वहां कि व्यवस्था ठीक नहीं है. मतदान कर्मी खुद ही चौकी का जुगाड़ कर मतदान करवा रहे हैं.

Khizri Assembly Seat in ranchi
चौकी पर बैठकर मतदान
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Published : Dec 12, 2019, 2:00 PM IST

रांची: तीसरे चरण के मतदान 17 सीटों के लिए हो रहा है. विभिन्न विधानसभा सीटों पर सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक मतदान होना है. जबकि सिल्ली और खिजरी विधानसभा सीट पर 7:00 बजे से 3:00 बजे तक मतदान होगा. खिजरी विधानसभा क्षेत्र में शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल है. ईटीवी भारत की टीम शहरी क्षेत्र के अलावा खिजरी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के बूथों का भी जायजा लिया और यहां पर अव्यवस्थाओं का आलम दिखा.

देखें पूरी खबर

ग्रामीण क्षेत्र में नहीं है कोई व्यवस्था
एक तरफ जहां चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने विभिन्न जगह पर आदर्श बूथ बनाए गए हैं. तमाम तरीके की सुविधाएं दी जा रही हैं. चाय, पानी के आलावा मतदाताओं का फूलों से स्वागत हो रहा है लेकिन इसी खिजरी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एरिया में मतदाता तो छोड़िए चुनाव कर्मियों को खुद बैठने तक की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

ये भी देखें- झारखंड विधानसभा का तीसरा चरण, लगातार हार के बाद भी मैदान में डटे हैं बाबूलाल और सुदेश

चौकी पर की जा रही मतदान
ग्रामीणों के पास जब टेबल चेयर नहीं मिला तब चौकी से ही काम चलाना पड़ रहा है. मतदाताओं के साथ-साथ इस व्यवस्था से चुनावकर्मी भी खासे नाराज दिख रहे हैं. वहीं, निरीक्षण करने पंहूची मैजिस्ट्रेट तो सीधे-सीधे इस मामले को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए.

कैसी विडंबना है
आदर्श बूथ के नाम पर एक तरफ जहां वाहवाही लूटी जा रही है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की बूथों की ओर ध्यान नहीं दिया गया है. यह कहीं से भी सही नहीं है कि एक तरफ जहां शहरी क्षेत्र के बूथों को आदर्श मॉडल बूथ बना कर सेल्फी ली जा रही हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचे मतदाता कर्मियों को बैठने के लिए चेयर तक नसीब नहीं हो रहा है. यह

रांची: तीसरे चरण के मतदान 17 सीटों के लिए हो रहा है. विभिन्न विधानसभा सीटों पर सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक मतदान होना है. जबकि सिल्ली और खिजरी विधानसभा सीट पर 7:00 बजे से 3:00 बजे तक मतदान होगा. खिजरी विधानसभा क्षेत्र में शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल है. ईटीवी भारत की टीम शहरी क्षेत्र के अलावा खिजरी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के बूथों का भी जायजा लिया और यहां पर अव्यवस्थाओं का आलम दिखा.

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ग्रामीण क्षेत्र में नहीं है कोई व्यवस्था
एक तरफ जहां चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने विभिन्न जगह पर आदर्श बूथ बनाए गए हैं. तमाम तरीके की सुविधाएं दी जा रही हैं. चाय, पानी के आलावा मतदाताओं का फूलों से स्वागत हो रहा है लेकिन इसी खिजरी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एरिया में मतदाता तो छोड़िए चुनाव कर्मियों को खुद बैठने तक की व्यवस्था करनी पड़ रही है.

ये भी देखें- झारखंड विधानसभा का तीसरा चरण, लगातार हार के बाद भी मैदान में डटे हैं बाबूलाल और सुदेश

चौकी पर की जा रही मतदान
ग्रामीणों के पास जब टेबल चेयर नहीं मिला तब चौकी से ही काम चलाना पड़ रहा है. मतदाताओं के साथ-साथ इस व्यवस्था से चुनावकर्मी भी खासे नाराज दिख रहे हैं. वहीं, निरीक्षण करने पंहूची मैजिस्ट्रेट तो सीधे-सीधे इस मामले को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए.

कैसी विडंबना है
आदर्श बूथ के नाम पर एक तरफ जहां वाहवाही लूटी जा रही है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की बूथों की ओर ध्यान नहीं दिया गया है. यह कहीं से भी सही नहीं है कि एक तरफ जहां शहरी क्षेत्र के बूथों को आदर्श मॉडल बूथ बना कर सेल्फी ली जा रही हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचे मतदाता कर्मियों को बैठने के लिए चेयर तक नसीब नहीं हो रहा है. यह

Intro:रांची।

तीसरे चरण के मतदान 17 सीटों के लिए हो रहा है .विभिन्न विधानसभा सीटों पर सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक मतदान होना है. जबकी सिल्ली और खिजरी विधानसभा सीट पर 7:00 बजे से 3:00 बजे तक मतदान हो रही है .खिजरी विधानसभा क्षेत्र में शहरी क्षेत्र के अलावे ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल है. ईटीवी भारत की टीम शहरी क्षेत्र के अलावे खिजरी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के बुथों का भी जायजा लिया. यहां अव्यवस्थाओं का आलम दिखा.


Body:एक तरफ जहां चुनाव आयोग और जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न जगह पर आदर्श बूथ बनाए गए हैं. तमाम तरीके की सुविधाएं दी जा रही है ,चाय पानी के आलावे मतदाताओं का फूलों से स्वागत हो रहा है .लेकिन इसी खिजरी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एरिया में मतदाता तो छोड़िए चुनाव कर्मियों को खुद मतदान केंद्रों के ताला खोल बैठने और मतदान की व्यवस्था करनी पड़ रही है. ग्रामीणों के पास जब टेबल चेयर नहीं मिला तब चौकी से ही काम चलाना पड़ रहा है .इस तस्वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लगातार वाहवाही लूटने वाले प्रशासन इस ओर कितना ध्यान दिया है. मतदाताओं के साथ-साथ इस व्यवस्था से चुनाव कर्मी भी खासे नाराज दिख रहे हैं. वही निरीक्षण करने पंहूची मैजिस्ट्रेट महोदया तो सीधे-सीधे इस मामले को लेकर अपना हाथ खड़े कर रहे हैं.

बाइट-मतदान कर्मी,खिजरी विधानसभा।

बाइट- मजिस्ट्रेट, खिजरी विधानसभा।




Conclusion:आदर्श बूथ के नाम पर एक तरफ जहां वाहवाही लूटी जा रही है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की बुथों की ओर ध्यान नहीं दिया गया है .यह कहीं से भी सही नहीं है कि एक तरफ जहां शहरी क्षेत्र के बूथों को आदर्श मॉडल बूथ बना कर सेल्फी ली जा रही हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचे मतदाता कर्मियों को बैठने के लिए चेयर तक नसीब नहीं हो रहा है .यह कैसी विडंबना है.
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