नई दिल्ली/रांची: लोकसभा में शून्यकाल के दौरान गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने चाईबासा नरसंहार का मुद्दा उठाया और झारखंड में हेमंत सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन की मांग की. वहीं जमशेदपुर से सांसद विद्युत वरण महतो ने हाथियों की समस्या का मामला उठाया और मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की.
गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे चाईबासा नरसंहार के विरोध में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन के बाद आज ये मुद्दा लोकसभा में सुनाई दिया. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि 19 जनवरी को पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदरी थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा गांव में 7 लोगों की हत्या कर दी गई लेकिन आज तक इस मामले में कांग्रेस ने एक शब्द तक नहीं कहा. उन्होंने कहा कि विकास विरोधी और अफीम पैदा करने वाले लोगों ने साल 2016 में एक पत्थलगड़ी शुरू की और दलील दी कि वहां देश का कोई कानून लागू नहीं किया जा सकता. तत्कालीन सरकार ने पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज करवाई, जिसे मौजूदा सरकार ने खत्म कर दिया. निशिकांत दुबे ने ये भी कहा कि नक्सलवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस-झामुमो सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए.
जमशेदपुर से सांसद विद्युत वरण महतो ये भी पढ़ें-चाईबासा नरसंहार के खिलाफ संसद परिसर में भाजपा सांसदों का प्रदर्शन
10 लाख रुपए मिले मुआवजा
जमशेदपुर से सांसद विद्युत वरण महतो ने प्रदेश में हाथियों की समस्या को उठाया. उन्होंने बताया कि एक साल के दौरान हाथियों की वजह से 25 से ज्यादा लोगों की जान गई है. इसके साथ ही करीब 300 घरों को नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि फिलहाल दो से ढाई लाख मुआवजा मिलता है जिसे कम से कम 10 लाख रुपए बढ़ाना चाहिए.
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12:21 PM : Dr. Nishikant Dubey, Godda, Jharkhand
01:11 PM : Bidyut Baran Mahato, Jamshedpur, Jharkhand (Elephant)
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संसद में उठा चाईबासा नरसंहार का मामला, हाथियों का मुद्दा भी गरमाया
Nishikant Dubey on chaibasa Massacre and Bidyut Baran Mahato on elephant issue in jharkhand
संसद में बुधवार को झारखंड के मुद्दों की गूंज सुनाई दी. भाजपा सांसदों ने पहले संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद लोकसभा में शून्य काल के दौरान निशिकांत दुबे और विद्युत वरण महतो ने झारखंड के मुद्दों को उठाया. निशिकांत दुबे ने तो झारखंड में राष्ट्रपति शासन की मांग तक कर डाली.
नई दिल्ली/रांची: लोकसभा में शून्यकाल के दौरान गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने चाईबासा नरसंहार का मुद्दा उठाया और झारखंड में हेमंत सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन की मांग की. वहीं जमशेदपुर से सांसद विद्युत वरण महतो ने हाथियों की समस्या का मामला उठाया और मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की.
चाईबासा नरसंहार के विरोध में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन के बाद आज ये मुद्दा लोकसभा में सुनाई दिया. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि 19 जनवरी को पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदरी थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा गांव में 7 लोगों की हत्या कर दी गई लेकिन आज तक इस मामले में कांग्रेस ने एक शब्द तक नहीं कहा. उन्होंने कहा कि विकास विरोधी और अफीम पैदा करने वाले लोगों ने साल 2016 में एक पत्थलगड़ी शुरू की और दलील दी कि वहां देश का कोई कानून लागू नहीं किया जा सकता. तत्कालीन सरकार ने पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज करवाई, जिसे मौजूदा सरकार ने खत्म कर दिया. निशिकांत दुबे ने ये भी कहा कि नक्सलवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस-झामुमो सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए.
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10 लाख रुपए मिले मुआवजा
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