रांची: भाजपा के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक और उनके बॉडीगार्ड्स पर हमले के पीछे नक्सलियो की साजिश एके 47 लूटने की थी. हथियार लूटने के लिए ही इस हमले को अंजाम दिया गया था. एनआईए के शुरुआती जांच में यह तथ्य सामने आया है. इस हमले में गुरुचरण नायक के दो बॉडीगार्ड शहीद हो गए थे.
एनआईए की जांच में यह खुलासा हुआ है कि नक्सलियों की योजना हमला कर एके 47 समेत पुलिस के दूसरे हथियार लूटने की थी. एनआईए ने आरंभिक जांच में पाया है कि नायक के दोनों बॉडीगार्ड की गला काट कर हत्या कर दी गई थी और हथियार लूटे गए थे. यह पूरी तरह से हथियार लूटने की साजिश का ही हिस्सा था. इस मामले में पुलिस ने शुरूआती कार्रवाई करते हुए नौ लोगों को गिरफ्तार किया था. जून महीनें में एनआईए ने इस केस को टेकओवर कर जांच शुरू की थी.
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कौन कौन हैं आरोपी: एनआईए ने इस मामले में भाकपा माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य और एक करोड़ के ईनामी मिसिर बेसरा, गोयलकेरा में सक्रिय उग्रवादी रघु, अश्विन, चंदन, करमचंद उर्फ मोछू, सुशांत, सागेन, कांडे होनहागा, सोनाराम होनहागा को आरोपी बनाया है. पांच जनवरी को घटना के बाद गोयलकेरा थाने में केस दर्ज किया गया था. इस केस में अलग से केस संख्या आरसी 3/22 दर्ज की गई है. केस का अनुसंधान एनआईए ब्रांच रांची के इंस्पेक्टर सच्चिदानंद कुमार कर रहे हैं.
हमले में दो अंगरंक्षकों की हुई थी मौत: भाजपा के पूर्व विधायक गुरूचरण नायक 4 जनवरी 2022 को गोयलकेरा के झिलरूआ गांव में एक फुटबॉल प्रतियोगिता में अतिथि बन कर गए थे. ग्राम विकास समित के द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के दौरान नक्सलियों ने हमला कर दिया था. प्रतिबंधित भाकपा माओवादियों के द्वारा किए गए हमले में गुरूचरण नायक ने किसी तरह ग्रामीणों की मदद से मौके से भागकर अपनी जान बचायी थी, वहीं मौके पर उनके दो सरकारी अंगरक्षक शंकर नायक और ठाकुर हेंब्रम की माओवादियों ने हत्या कर दी थी, जबकि एक अंगरक्षक गंभीर रूप से जख्मी हुआ था. हमले में माओवादियों ने अंगरक्षकों की हथियार भी लूट लिया था.