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PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप की संपत्ति पर NIA की दबिश, झारखंड से बंगाल तक छापेमारी - पीएलएफआई

झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप के द्वारा दहशत के बल पर कमाई गई अकूत संपत्ति पर पहली बार एनआईए ने दबिश डाली है. NIA ने गुरुवार को पीएलएफआई के टेरर फंडिंग मामले में रांची, गुमला, खूंटी और कोलकाता के 10 ठिकानों पर छापेमारी की. एनआईए अधिकारियों के मुताबिक छापेमारी में झारखंड और पश्चिम बंगाल पुलिस की भी मदद ली गई.

NIA की छापेमारी
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Published : Feb 22, 2019, 9:04 AM IST

रांची: झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप के द्वारा दहशत के बल पर कमाई गई अकूत संपत्ति पर पहली बार एनआईए ने दबिश डाली है. एनआईए ने गुरुवार को पीएलएफआई के टेरर फंडिंग मामले में रांची, गुमला, खूंटी और कोलकाता के 10 ठिकानों पर छापेमारी की है.

NIA की छापेमारी

एनआईए की टीम संबंधित ठिकानों पर पहुंची

बता दें कि सुबह चार बजे बजे से ही एनआईए की टीम संबंधित ठिकानों पर पहुंच गई थी. एनआईए अधिकारियों के मुताबिक छापेमारी में झारखंड और पश्चिम बंगाल पुलिस की भी मदद ली गई. अधिकारियों के मुताबिक जांच एजेंसी ने दिनेश गोप के पैसों से जुड़ी कंपनियों और गोप के पैसे से कारोबार करने वाले कारोबारियों के यहां छापेमारी की है.

निवेश से संबंधित कागजात बरामद
पीएलएफआई सुप्रीमो और उससे जुड़े नक्सल कैडरों ने कई कंपनियों में अपना निवेश किया है. छापेमारी के दौरान निवेश संबंधी कागजात, निवेश से जुड़ी डायरी भी एनआईए ने बरामद की है. एनआईए ने कई फर्जी पैन कार्ड और कागजात भी बरामद किए हैं. छापेमारी के दौरान 3.41 लाख नगद, फिक्स डिपॉजिट और बैंक अकाउंट के डिटेल मिले हैं. जांच के दौरान एनआईए की टीम को यह भी जानकारी मिली है कि पीएलएफआई ने कई शेल कंपनियों में भी निवेश किया है. छापेमारी के दौरान 40 मोबाइल फोन भी एनआईए ने जब्त किए हैं.

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क्या है पूरा मामला
नोटबंदी के दौरान पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने रांची स्थित एक बैंक से 25 लाख जमा कराने के लिए पेट्रोल पंप के मालिक चंद्र शेखर कुमार को पैसे भिजवाए थे. पैसे गुमला के एक ठेकेदार के जरिए भेजे गए थे. बाद में रांची पुलिस से इस मामले की जांच एनआईए को दे दिया गया था.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा SP के भाई को धमकी देने वाला गिरफ्तार, पीड़ित के दुकान पर ही काम करता था आरोपी

फरार है दिनेश गोप
इस मामले में एनआईए ने विनोद कुमार, यमुना प्रसाद, चन्द्र शेखर कुमार और नंदकिशोर, मोहन कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. उनके खिलाफ चार्जशीट भी हो चुका है. इस मामले में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप फिलहाल फरार चल रहा है.

रांची: झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप के द्वारा दहशत के बल पर कमाई गई अकूत संपत्ति पर पहली बार एनआईए ने दबिश डाली है. एनआईए ने गुरुवार को पीएलएफआई के टेरर फंडिंग मामले में रांची, गुमला, खूंटी और कोलकाता के 10 ठिकानों पर छापेमारी की है.

NIA की छापेमारी

एनआईए की टीम संबंधित ठिकानों पर पहुंची

बता दें कि सुबह चार बजे बजे से ही एनआईए की टीम संबंधित ठिकानों पर पहुंच गई थी. एनआईए अधिकारियों के मुताबिक छापेमारी में झारखंड और पश्चिम बंगाल पुलिस की भी मदद ली गई. अधिकारियों के मुताबिक जांच एजेंसी ने दिनेश गोप के पैसों से जुड़ी कंपनियों और गोप के पैसे से कारोबार करने वाले कारोबारियों के यहां छापेमारी की है.

निवेश से संबंधित कागजात बरामद
पीएलएफआई सुप्रीमो और उससे जुड़े नक्सल कैडरों ने कई कंपनियों में अपना निवेश किया है. छापेमारी के दौरान निवेश संबंधी कागजात, निवेश से जुड़ी डायरी भी एनआईए ने बरामद की है. एनआईए ने कई फर्जी पैन कार्ड और कागजात भी बरामद किए हैं. छापेमारी के दौरान 3.41 लाख नगद, फिक्स डिपॉजिट और बैंक अकाउंट के डिटेल मिले हैं. जांच के दौरान एनआईए की टीम को यह भी जानकारी मिली है कि पीएलएफआई ने कई शेल कंपनियों में भी निवेश किया है. छापेमारी के दौरान 40 मोबाइल फोन भी एनआईए ने जब्त किए हैं.

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क्या है पूरा मामला
नोटबंदी के दौरान पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने रांची स्थित एक बैंक से 25 लाख जमा कराने के लिए पेट्रोल पंप के मालिक चंद्र शेखर कुमार को पैसे भिजवाए थे. पैसे गुमला के एक ठेकेदार के जरिए भेजे गए थे. बाद में रांची पुलिस से इस मामले की जांच एनआईए को दे दिया गया था.

ये भी पढ़ें- लोहरदगा SP के भाई को धमकी देने वाला गिरफ्तार, पीड़ित के दुकान पर ही काम करता था आरोपी

फरार है दिनेश गोप
इस मामले में एनआईए ने विनोद कुमार, यमुना प्रसाद, चन्द्र शेखर कुमार और नंदकिशोर, मोहन कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. उनके खिलाफ चार्जशीट भी हो चुका है. इस मामले में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप फिलहाल फरार चल रहा है.

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झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठन पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप के द्वारा दहशत के बल पर कमाई गई अकूत संपत्ति पर पहली बार एनआईए ने दबिश डाली है। एनआईए ने गुरुवार को पीएलएफआई के टेरर फंडिंग मामले में रांची, गुमला, खूंटी और कोलकाता के 10 ठिकानों पर छापेमारी की है ।सुबह 4 बजे बजे से ही एनआईए की टीम संबंधित ठिकानों पर पहुंच गई थी। एनआईए अधिकारियों के मुताबिक छापेमारी में झारखंड और पश्चिम बंगाल पुलिस की भी मदद ली गई ।अधिकारियों के मुताबिक जांच एजेंसी ने दिनेश गोप के पैसों से जुड़ी कंपनियों और गोप के पैसे से कारोबार करने वाले कारोबारियों के यहां छापेमारी की है।

निवेश से सम्बंधित कागजात बरामद

पीएलएफआई सुप्रीमो और उससे जुड़े नक्सल कैडरों ने कई कंपनियों में अपना निवेश किया है ।छापेमारी के दौरान निवेश संबंधी कागजात ,निवेश से जुड़ी डायरी भी एनआईए ने बरामद की है। एनआईए ने कई फर्जी पैन कार्ड और कागजात भी बरामद किए हैं छापेमारी के दौरान 3.41 लाख नगदी ,फिक्स डिपॉजिट और बैंक अकाउंट की डिटेल मिले हैं। जांच के दौरान एनआईए की टीम को यह भी जानकारी मिली है कि पीएलएफआई ने कई शैल कंपनियो में भी निवेश किया है। तुम्हारी के दौरान 40 मोबाइल फोन भी एनआईए ने जप्त किए हैं।

क्या है पूरा मामला

नोटबंदी के दौरान पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप ने रांची स्थित एक बैंक से 25 लाख जमा कराने के लिए पेट्रोल पंप के मालिक चंद्र शेखर कुमार को पैसे भिजवाए थे । पैसे गुमला के एक ठेकेदार के जरिए भेजे गए थे। बाद में रांची पुलिस से इस मामले की जांच एनआईए को दे दिया गया था इस मामले में एनआईए ने विनोद कुमार ,यमुना प्रसाद ,चन्द्र शेखर कुमार, नंदकिशोर ,मोहन कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उनके खिलाफ चार्जशीट भी हो चुका है ।इस मामले में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश को फिलहाल फरार चल रहा है।






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