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मुठभेड़ में 2 नक्सलियों की मौत पर NHRC ने मांगी रिपोर्ट, 4 हफ्तों का दिया वक्त - NHRC seeks report

12 सितंबर 2017 को चाईबासा के गुदड़ी इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शालू बुद और एक महिला माओवादी इसरंती उर्फ छोटकी मारे गए थे. इस मुठभेड़ को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने रिपोर्ट मांगी है.

फाइल फोटो
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Published : Oct 24, 2019, 7:14 AM IST

रांची: चाईबासा में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 2 नक्सलियों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने रिपोर्ट मांगी है. एनएचआरसी ने इस संबंध में झारखंड के डीजीपी कमलनयन चौबे को पत्र के जरिए सूचित किया है.

क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, 12 सितंबर 2017 को चाईबासा के गुदड़ी इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शालू बुद और एक महिला माओवादी इसरंती उर्फ छोटकी मारे गए थे. पूरे मामले में एनएचआरसी के सामने शिकायत की गई थी, जिसके बाद एनएचआरसी मामले की जांच कर रही है. एनएचआरसी ने पहले भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी. हालांकि पूर्व में रिपोर्ट नहीं भेजे जाने के कारण दोबारा 4 हफ्तों का वक्त देकर डीसी-एसपी से रिपोर्ट मांगी गई है.

ये भी पढ़ें- राजनीतिक हत्या, ऑनर किलिंग और गैंगवार में झारखंड सबसे आगे, NCRB के आंकड़े से हुआ खुलासा

किस तरह की मांगी रिपोर्ट
एनएचआरसी ने मृत दोनों माओवादियों के फिंगर प्रिंट, उनके हथियार पर मिले फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट मांगी है. मृतकों के फिंगर प्रिंट हथियार पर मिले फिंगर प्रिंट से मिल रहा या नहीं, इसपर भी विशेषज्ञ की राय के साथ रिपोर्ट मांगी गई है. इसके साथ ही हैंडवॉश की रिपोर्ट मांगी गई है, जिससे यह पता चले कि मृत माओवादियों ने फायरिंग की थी या नहीं. घटना के वक्त का सीन ऑफ क्राइम, घायल पुलिसकर्मियों के संबंध में रिपोर्ट और पुलिसिया जांच रिपोर्ट की मांग भी एनएचआरसी ने की है. रिपोर्ट नहीं मिलने पर ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की बात भी एनएचआरसी ने लिखी है.

रांची: चाईबासा में पुलिस के साथ मुठभेड़ में 2 नक्सलियों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने रिपोर्ट मांगी है. एनएचआरसी ने इस संबंध में झारखंड के डीजीपी कमलनयन चौबे को पत्र के जरिए सूचित किया है.

क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, 12 सितंबर 2017 को चाईबासा के गुदड़ी इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शालू बुद और एक महिला माओवादी इसरंती उर्फ छोटकी मारे गए थे. पूरे मामले में एनएचआरसी के सामने शिकायत की गई थी, जिसके बाद एनएचआरसी मामले की जांच कर रही है. एनएचआरसी ने पहले भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी. हालांकि पूर्व में रिपोर्ट नहीं भेजे जाने के कारण दोबारा 4 हफ्तों का वक्त देकर डीसी-एसपी से रिपोर्ट मांगी गई है.

ये भी पढ़ें- राजनीतिक हत्या, ऑनर किलिंग और गैंगवार में झारखंड सबसे आगे, NCRB के आंकड़े से हुआ खुलासा

किस तरह की मांगी रिपोर्ट
एनएचआरसी ने मृत दोनों माओवादियों के फिंगर प्रिंट, उनके हथियार पर मिले फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट मांगी है. मृतकों के फिंगर प्रिंट हथियार पर मिले फिंगर प्रिंट से मिल रहा या नहीं, इसपर भी विशेषज्ञ की राय के साथ रिपोर्ट मांगी गई है. इसके साथ ही हैंडवॉश की रिपोर्ट मांगी गई है, जिससे यह पता चले कि मृत माओवादियों ने फायरिंग की थी या नहीं. घटना के वक्त का सीन ऑफ क्राइम, घायल पुलिसकर्मियों के संबंध में रिपोर्ट और पुलिसिया जांच रिपोर्ट की मांग भी एनएचआरसी ने की है. रिपोर्ट नहीं मिलने पर ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की बात भी एनएचआरसी ने लिखी है.

Intro:दो नक्सलियो की मुठभेड़ में मौत पर NHRC ने मांगी रिपोर्ट ,चाईबासा के डीसी - एसपी से मांगी गई रिपोर्ट

रांची।
चाईबासा में पुलिस के साथ मुठभेड़ में दो नक्सलियों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) ने रिपोर्ट की मांग की है। एनएचआरसी ने इस संबंध में झारखंड के डीजीपी कमलनयन चौबे से पत्र के माध्यम से सूचित किया है।


क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, 12 सितंबर 2017 को चाईबासा के गुदड़ी इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के  शालू बुद व एक महिला माओवादी इसरंती उर्फ छोटकी मारे गए थे। पूरे मामले में एनएचआरसी के समक्ष शिकायत की गई थी। जिसके बाद एनएचआरसी मामले की जांच कर रही है। एनएचआरसी ने पूर्व में भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी। हालांकि पूर्व में रिपोर्ट नहीं भेजे जाने के कारण दुबारा चार हफ्तों का वक्त देकर डीसी- एसपी से रिपोर्ट मांगी गई है।

किस तरह की रिपोर्ट मांगी

एनएचआरसी ने मृत दोनों माओवादियों के फिंगर प्रिंट, उनके हथियार पर मिले फिंगर प्रिंट की रिपोर्ट मांगी है। मृतकों का फिंगर प्रिंट हथियार पर मिले फिंगर प्रिंट से मिल रहा या नहीं, इसपर भी विशेषज्ञ की राय के साथ रिपोर्ट मांगी गई है। हैंडवॉश की रिपोर्ट मांगी गई है, जिससे यह पता चले कि मृत माओवादियों ने फायरिंग की थी या नहीं। घटना के वक्त का सीन ऑफ क्राइम, घायल पुलिसकर्मियों के संबंध में रिपोर्ट व पुलिसिया जांच रिपोर्ट की मांग भी एनएचआरसी ने की है। रिपोर्ट नहीं मिलने पर ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की बात भी एनएचआरसी ने लिखी है।Body:1Conclusion:2
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