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हेमंत सोरेन बने झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री, सामने है कई चुनौतियां

हेमंत सोरेन ने राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया. सत्ता में आने के बाद राज्य में कई चुनौतियां हैं, जिसका सामना हेमंत सरकार को करना होगा. चुनाव से पहले जेएमएम ने जनता के लिए मेनिफेस्टो जारी किया था. जनता से वादा किया था कि वो सत्ता में आएंगे तो कई समस्याओं पर काम करेंगे. मेनिफेस्टो में किए गए वादों को हेमंत सोरेन की सरकार को निभाना होगा.

CM Hemant Soren faces many challenges
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Published : Dec 29, 2019, 2:32 PM IST

रांची: हेमंत सोरेन ने राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया. सत्ता में आने के बाद राज्य में कई चुनौतियां हैं, जिसका सामना हेमंत सरकार को करना होगा. रघुवर सरकार को विदा करने वाली जनता हेमंत सरकार से कई उम्मीदें लगाए बैठी है.

महागठबंधन में तीन पार्टी है. जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी. हेमंत सोरेन को सबसे पहले इन पार्टी के साथ बेहतर तालमेल बनाकर चलना होगा. चुनाव से पहले जेएमएम ने जनता के लिए मेनिफेस्टो जारी किया था. जनता से वादा किया था कि वो सत्ता में आएंगे तो कई समस्याओं पर काम करेंगे. मेनिफेस्टो में किए गए वादों को हेमंत सोरेन की सरकार को निभाना होगा.

स्थानीय आरक्षण
झारखंड के लोगों को नौकरी मुहैया कराना हेमंत सरकार के लिए बड़ा काम होगा. मेनिफेस्टो में जेएमएम ने सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है. वहीं, कांग्रेस ने हर परिवार के सदस्य को नौकरी देने का वादा किया है.

जमीन अधिग्रहण
झारखंड में जमीन अधिग्रहण एक बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर भूमि अधिग्रहण बिल को कमजोर करने का आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के समय आदिवासियों को उनकी भूमि का हक दिलाने का वादा किया. जेएमएम ने भूमि अधिकार कानून बनाने का वादा किया है.

पारा शिक्षक मामला
इस चुनाव में पारा शिक्षक का मामला खूब उठा. बीजेपी सरकार ने अप्रशिक्षित पारा शिक्षक को हटाने का आदेश दिया था. हालांकि हाई कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी. अभी यह मामला कोर्ट में लंबित है. हेमंत की सरकार को पारा शिक्षकों को स्थायी करना भी एक काम होगा.

जेपीएससी परीक्षा
झारखंड लोक सेवा आयोग की नाकामी को लेकर भी युवाओं में काफी गुस्सा देखा गया. इसका मुख्य कारण है कि आयोग ने 17 अगस्त 2015 को जिस परीक्षा का विज्ञापन निकाला था वो 25 जनवरी 2019 तक पूरी नहीं हो पाई.

बिजली मुफ्त
जेएमएम ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी. ऐसे में इस बड़े वादे को पूरा करना भी हेमंत सरकार के लिए चुनौती होगी.

रोजगार
बोरोजगारी दूर करना हेमंत सोरेन के लिए बड़ी चुनौती होगी. जेएमएम ने अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने के दो साल के अंदर 5 लाख युवकों को नौकरी देने और बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है.

ये भी पढ़ें: हेमंत सोरेन के पैतृक गांव में मनी दीवाली, जमकर थिरके कार्यकर्ता और गांव के लोग

किसानों के लिए काम
जेएमएम और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने घोषणा पत्र में किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने इसी फॉर्मूले को अपनाया था और कांग्रेस की सरकार बनी भी. झारखंड के किसान भी इस फैसले की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

रांची: हेमंत सोरेन ने राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया. सत्ता में आने के बाद राज्य में कई चुनौतियां हैं, जिसका सामना हेमंत सरकार को करना होगा. रघुवर सरकार को विदा करने वाली जनता हेमंत सरकार से कई उम्मीदें लगाए बैठी है.

महागठबंधन में तीन पार्टी है. जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी. हेमंत सोरेन को सबसे पहले इन पार्टी के साथ बेहतर तालमेल बनाकर चलना होगा. चुनाव से पहले जेएमएम ने जनता के लिए मेनिफेस्टो जारी किया था. जनता से वादा किया था कि वो सत्ता में आएंगे तो कई समस्याओं पर काम करेंगे. मेनिफेस्टो में किए गए वादों को हेमंत सोरेन की सरकार को निभाना होगा.

स्थानीय आरक्षण
झारखंड के लोगों को नौकरी मुहैया कराना हेमंत सरकार के लिए बड़ा काम होगा. मेनिफेस्टो में जेएमएम ने सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है. वहीं, कांग्रेस ने हर परिवार के सदस्य को नौकरी देने का वादा किया है.

जमीन अधिग्रहण
झारखंड में जमीन अधिग्रहण एक बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर भूमि अधिग्रहण बिल को कमजोर करने का आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के समय आदिवासियों को उनकी भूमि का हक दिलाने का वादा किया. जेएमएम ने भूमि अधिकार कानून बनाने का वादा किया है.

पारा शिक्षक मामला
इस चुनाव में पारा शिक्षक का मामला खूब उठा. बीजेपी सरकार ने अप्रशिक्षित पारा शिक्षक को हटाने का आदेश दिया था. हालांकि हाई कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी. अभी यह मामला कोर्ट में लंबित है. हेमंत की सरकार को पारा शिक्षकों को स्थायी करना भी एक काम होगा.

जेपीएससी परीक्षा
झारखंड लोक सेवा आयोग की नाकामी को लेकर भी युवाओं में काफी गुस्सा देखा गया. इसका मुख्य कारण है कि आयोग ने 17 अगस्त 2015 को जिस परीक्षा का विज्ञापन निकाला था वो 25 जनवरी 2019 तक पूरी नहीं हो पाई.

बिजली मुफ्त
जेएमएम ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जाएगी. ऐसे में इस बड़े वादे को पूरा करना भी हेमंत सरकार के लिए चुनौती होगी.

रोजगार
बोरोजगारी दूर करना हेमंत सोरेन के लिए बड़ी चुनौती होगी. जेएमएम ने अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने के दो साल के अंदर 5 लाख युवकों को नौकरी देने और बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है.

ये भी पढ़ें: हेमंत सोरेन के पैतृक गांव में मनी दीवाली, जमकर थिरके कार्यकर्ता और गांव के लोग

किसानों के लिए काम
जेएमएम और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने घोषणा पत्र में किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने इसी फॉर्मूले को अपनाया था और कांग्रेस की सरकार बनी भी. झारखंड के किसान भी इस फैसले की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

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New CM Hemant Soren faces many challenges in jharkhand


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