रांचीः झारखंड पुलिस मुख्यालय ने 27 जनवरी को बुलाए गए नक्सल बंद और प्रतिरोध सप्ताह को लेकर पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है. बंद के दौरान नक्सली हमले की आशंका जताई गई है. इसे देखते हुए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बंद के दौरान सतर्क रहने की हिदायत दी गई है. गौरतलब है कि भाकपा माओवादियों ने अपने नेता प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की रिहाई को लेकर प्रतिरोध सप्ताह मनाने की शुरुआत कर दी है.
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21 से 26 तक प्रतिरोध दिवसः प्रशांत बोस की रिहाई की मांग को लेकर नक्सलियों का प्रतिरोध सप्ताह शुरू हो गया है. 21 से 26 जनवरी तक माओवादी प्रतिरोध सप्ताह मनाएंगे. इसके बाद 27 को एक दिनी बिहार -झारखंड बंद बुलाया गया है. माओवादियों के द्वारा इस दौरान पुलिस कैंप, सुरक्षा बलों के पोस्ट- पिकेट, पेट्रोल पार्टी, वीवीआईपी या बैंक स्कॉर्ट पार्टी को निशाना बनाया जा सकता है. राज्य पुलिस के आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं. आशंका जताई गई है कि प्रतिरोध सप्ताह के दौरान माओवादी आमलोगों को एसपीओ करार देकर हत्या, पुल पुलिया या रेलवे ट्रैक को उड़ाने, विकास योजनाओं को बाधित करने जैसे वारदातों को भी अंजाम दे सकते हैं.
कई बिंदुओं पर कार्रवाई का निर्देशः सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक सभी सुरक्षाकैंपों को विशेष अलर्ट पर रखा जाए. साथ ही वहां तैनात कर्मियों को भी सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए जाएं. सीआरपीएफ, एसएसबी, जैप, आईआरबी समेत सभी सुरक्षाबलों को भी संभावित नक्सल हमलों को लेकर जानकारी देने का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है. मुख्यालय के निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षाकर्मियों का मूवमेंट ऑपरेशनल कामों के लिए ही होगा. कैंप आने जाने के रास्तों में भी आईईडी जांच की जाएगी. नेशनल हाईवे और अन्य प्रमुख रास्तों को माओवादी प्रभाव के लिहाज से मैपिंग की जाएगी. इसके बाद इस रास्तों पर वाहनों की आवाजाही होगी. ग्रामीण बाजार हाट में पुलिस बलों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. साथ ही माओवादी बैनर पोस्टर लगाकर हटाने जाने वाली पुलिस बलों को एंबुश कर टारगेट किया जा सकता है.