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Naxalite in Jharkhand: भाकपा माओवादियों का प्रतिरोध सप्ताह, पुलिस मुख्यालय ने जारी किया अलर्ट

झारखंड में माओवादी आज से प्रतिरोध सप्ताह मना रहे हैं. उनका यह प्रतिरोध सप्ताह 26 जनवरी तक चलेगा. इसे लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट जारी कर दिया है.

Naxalite in Jharkhand
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Published : Jan 21, 2022, 7:02 AM IST

Updated : Jan 21, 2022, 7:35 AM IST

रांचीः झारखंड पुलिस मुख्यालय ने 27 जनवरी को बुलाए गए नक्सल बंद और प्रतिरोध सप्ताह को लेकर पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है. बंद के दौरान नक्सली हमले की आशंका जताई गई है. इसे देखते हुए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बंद के दौरान सतर्क रहने की हिदायत दी गई है. गौरतलब है कि भाकपा माओवादियों ने अपने नेता प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की रिहाई को लेकर प्रतिरोध सप्ताह मनाने की शुरुआत कर दी है.

ये भी पढ़ेंः 27 जनवरी को बिहार झारखंड बंद, प्रशांत बोस की रिहाई की मांग को लेकर माओवादियों ने किया एलान

21 से 26 तक प्रतिरोध दिवसः प्रशांत बोस की रिहाई की मांग को लेकर नक्सलियों का प्रतिरोध सप्ताह शुरू हो गया है. 21 से 26 जनवरी तक माओवादी प्रतिरोध सप्ताह मनाएंगे. इसके बाद 27 को एक दिनी बिहार -झारखंड बंद बुलाया गया है. माओवादियों के द्वारा इस दौरान पुलिस कैंप, सुरक्षा बलों के पोस्ट- पिकेट, पेट्रोल पार्टी, वीवीआईपी या बैंक स्कॉर्ट पार्टी को निशाना बनाया जा सकता है. राज्य पुलिस के आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं. आशंका जताई गई है कि प्रतिरोध सप्ताह के दौरान माओवादी आमलोगों को एसपीओ करार देकर हत्या, पुल पुलिया या रेलवे ट्रैक को उड़ाने, विकास योजनाओं को बाधित करने जैसे वारदातों को भी अंजाम दे सकते हैं.

कई बिंदुओं पर कार्रवाई का निर्देशः सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक सभी सुरक्षाकैंपों को विशेष अलर्ट पर रखा जाए. साथ ही वहां तैनात कर्मियों को भी सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए जाएं. सीआरपीएफ, एसएसबी, जैप, आईआरबी समेत सभी सुरक्षाबलों को भी संभावित नक्सल हमलों को लेकर जानकारी देने का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है. मुख्यालय के निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षाकर्मियों का मूवमेंट ऑपरेशनल कामों के लिए ही होगा. कैंप आने जाने के रास्तों में भी आईईडी जांच की जाएगी. नेशनल हाईवे और अन्य प्रमुख रास्तों को माओवादी प्रभाव के लिहाज से मैपिंग की जाएगी. इसके बाद इस रास्तों पर वाहनों की आवाजाही होगी. ग्रामीण बाजार हाट में पुलिस बलों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. साथ ही माओवादी बैनर पोस्टर लगाकर हटाने जाने वाली पुलिस बलों को एंबुश कर टारगेट किया जा सकता है.

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भाकपा माओवादियों की प्रेस रिलीज
बंद को लेकर जारी किया था प्रेस रिलीजः भाकपा माओवादियों के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के द्वारा एक प्रेस रिलीज जारी कर बंद और प्रतिरोध दिवस मनाने का ऐलान किया गया था. प्रेस विज्ञप्ति के जरिए माओवादियों ने मांग की है कि उनके वृद्ध नेता ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो कमेटी के सचिव एक करोड़ के ईनामी प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को जल्द बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाय. साथ ही प्रशांत बोस और शीला मरांडी को राजनीतिक बंदी का दर्जा देकर दोनों को बिना शर्त रिहा किया जाए. माओवादियों ने कहा है कि प्रशांत बोस और शीला मरांडी कई तरह की बीमारियों से जुझ रहे हैं. बीमारी के बावजूद उन्हें यातना दी जा रही है. राजनीतिक बंदियों को मिलने वाले अधिकार दोनों को देने की मांग माओवादियों ने रखी है.

रांचीः झारखंड पुलिस मुख्यालय ने 27 जनवरी को बुलाए गए नक्सल बंद और प्रतिरोध सप्ताह को लेकर पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है. बंद के दौरान नक्सली हमले की आशंका जताई गई है. इसे देखते हुए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बंद के दौरान सतर्क रहने की हिदायत दी गई है. गौरतलब है कि भाकपा माओवादियों ने अपने नेता प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की रिहाई को लेकर प्रतिरोध सप्ताह मनाने की शुरुआत कर दी है.

ये भी पढ़ेंः 27 जनवरी को बिहार झारखंड बंद, प्रशांत बोस की रिहाई की मांग को लेकर माओवादियों ने किया एलान

21 से 26 तक प्रतिरोध दिवसः प्रशांत बोस की रिहाई की मांग को लेकर नक्सलियों का प्रतिरोध सप्ताह शुरू हो गया है. 21 से 26 जनवरी तक माओवादी प्रतिरोध सप्ताह मनाएंगे. इसके बाद 27 को एक दिनी बिहार -झारखंड बंद बुलाया गया है. माओवादियों के द्वारा इस दौरान पुलिस कैंप, सुरक्षा बलों के पोस्ट- पिकेट, पेट्रोल पार्टी, वीवीआईपी या बैंक स्कॉर्ट पार्टी को निशाना बनाया जा सकता है. राज्य पुलिस के आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं. आशंका जताई गई है कि प्रतिरोध सप्ताह के दौरान माओवादी आमलोगों को एसपीओ करार देकर हत्या, पुल पुलिया या रेलवे ट्रैक को उड़ाने, विकास योजनाओं को बाधित करने जैसे वारदातों को भी अंजाम दे सकते हैं.

कई बिंदुओं पर कार्रवाई का निर्देशः सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक सभी सुरक्षाकैंपों को विशेष अलर्ट पर रखा जाए. साथ ही वहां तैनात कर्मियों को भी सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए जाएं. सीआरपीएफ, एसएसबी, जैप, आईआरबी समेत सभी सुरक्षाबलों को भी संभावित नक्सल हमलों को लेकर जानकारी देने का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है. मुख्यालय के निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में सुरक्षाकर्मियों का मूवमेंट ऑपरेशनल कामों के लिए ही होगा. कैंप आने जाने के रास्तों में भी आईईडी जांच की जाएगी. नेशनल हाईवे और अन्य प्रमुख रास्तों को माओवादी प्रभाव के लिहाज से मैपिंग की जाएगी. इसके बाद इस रास्तों पर वाहनों की आवाजाही होगी. ग्रामीण बाजार हाट में पुलिस बलों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. साथ ही माओवादी बैनर पोस्टर लगाकर हटाने जाने वाली पुलिस बलों को एंबुश कर टारगेट किया जा सकता है.

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भाकपा माओवादियों की प्रेस रिलीज
बंद को लेकर जारी किया था प्रेस रिलीजः भाकपा माओवादियों के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के द्वारा एक प्रेस रिलीज जारी कर बंद और प्रतिरोध दिवस मनाने का ऐलान किया गया था. प्रेस विज्ञप्ति के जरिए माओवादियों ने मांग की है कि उनके वृद्ध नेता ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो कमेटी के सचिव एक करोड़ के ईनामी प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को जल्द बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाय. साथ ही प्रशांत बोस और शीला मरांडी को राजनीतिक बंदी का दर्जा देकर दोनों को बिना शर्त रिहा किया जाए. माओवादियों ने कहा है कि प्रशांत बोस और शीला मरांडी कई तरह की बीमारियों से जुझ रहे हैं. बीमारी के बावजूद उन्हें यातना दी जा रही है. राजनीतिक बंदियों को मिलने वाले अधिकार दोनों को देने की मांग माओवादियों ने रखी है.
Last Updated : Jan 21, 2022, 7:35 AM IST
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