रांची: आरयू और युगांतर भारती नेचर फाउंडेशन के साथ दामोदर बचाओ आंदोलन के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार का विषय कोविड के बाद पर्यावरणीय चुनौतियां और आजीविका का था. इस विशेष मौके पर कई पर्यावरणविद और देश के जाने-माने शिक्षाविद भी शामिल हुए.
विधायक सरयू राय ने किया कार्यक्रम की शुरुआतराष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत विधायक सह दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष सरयू राय ने दीप जलाकर किया. मौके पर रांची विश्वविद्यालय के वीसी रमेश कुमार पांडे, कुलसचिव एमसी मेहता, पद्मश्री आरके सिन्हा, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी के अलावे कई प्रबुद्ध लोग शामिल रहे.
कोरोना के बाद की स्थिति को लेकर चर्चाकोरोना महामारी की रोकथाम और कोरोना महामारी के बाद की स्थिति को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई. पर्यावरण को कितनी क्षति हुई है. पर्यावरण को अब कैसे बचाया जाए और पर्यावरण संरक्षण को लेकर शिक्षाविद और पर्यावरणविद की ओर से चिंता भी व्यक्त की गई. कोरोना महामारी के दौरान भी प्लास्टिक का धड़ल्ले से उपयोग हुआ है. कोरोना महामारी से बचाव को लेकर ऐसे कई सामग्रियां बनाई गई है जो प्लास्टिक से ही निर्मित है और प्लास्टिक को डिस्पोजल कैसे किया जाए इस विषय को लेकर भी विशेष रूप से चर्चा हुई. मौके पर दामोदर बचाओ अभियान के अध्यक्ष सरयू राय ने कहा कि लोगों को जन जागरूकता करके ही इस महामारी से बचाया जा सकता है.
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मनरेगा आयुक्त को भी किया गया था आमंत्रित
पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी होना होगा. वहीं सरयू राय ने कहा कि गरीबों को इस कोरोना के कारण जो परेशानी हुई है उस पर भी चर्चा हो रही है. इसी परिपेक्ष में मनरेगा आयुक्त को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. कोरोना महामारी के बाद की स्थिति को लेकर इस राष्ट्रीय सेमिनार में आकलन किया जाएगा. पर्यावरण में क्षति के साथ-साथ समाज में हुई परेशानी और समस्या को भी जाना जाएगा. इससे जुड़ी एक रिपोर्ट तैयार कर संबंधित अधिकारियों और सरकार को भी भेजा जाएगा.