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लॉकडाउन के दौरान घर में ही पढ़ी गई अलविदा जुम्मे की नमाज, लोगों ने कहा- देशहित में लिया निर्णय

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Published : May 22, 2020, 7:23 PM IST

लॉकडाउन को देखते हुए राजधानी रांची में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रमजान के अलविदा जुम्मे की नमाज घरों में पढ़ी. समुदाय के लोगों ने कहा कि देशहित में यह निर्णय लिया गया है.

Muslim community Celebrated advida jumma
घरों में मनाया अलविदा जुम्मा

रांची: माह-ए-रमजान के पाक महीने में अलविदा का जुम्मा का काफी महत्व है. बरककत के इस महीने में लॉकडाउन की वजह से लोगों ने अलविदा जुम्मे की नमाज घर से ही पढ़ी. जिसमें ऊपर वाले से दुनिया में अमन-चैन की दुआ मांगी.

मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातचीत

अमूमन रमजान के अलविदा जुम्मे के दिन हर वर्ष मस्जिदों में भीड़ देखी जाती थी और लोग एक दूसरे से गले मिलकर रमजान के अलविदा जुम्मे को मनाने का काम करते थे. लेकिन इस बार कोरोना के संकट को देखते हुए राजधानी रांची में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने देशहित में नमाज घरों में पढ़ने का काम किया.

ये भी पढ़ें- सखी मंडल की ये महिलाएं हैं आत्मनिर्भर, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कर रही हैं खेती

इसी को लेकर हमारे संवाददाता हितेश कुमार चौधरी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातचीत करते हुए जानकारी ली तो समुदाय के लोगों ने कहा कि हर वर्ष मस्जिदों में सामूहिक नमाज अदा की जाती थी, लेकिन इस बार देश हित को देखते हुए इमारत-ए-सरिया और एदार-ए-सरिया मुस्लिम संगठन ने राज्य के सभी मस्जिदों के इमाम से अपील की है कि इस बार अंतिम और अलविदा जुम्मा की नमाज अपने घरों में ही अदा करें.

रांची: माह-ए-रमजान के पाक महीने में अलविदा का जुम्मा का काफी महत्व है. बरककत के इस महीने में लॉकडाउन की वजह से लोगों ने अलविदा जुम्मे की नमाज घर से ही पढ़ी. जिसमें ऊपर वाले से दुनिया में अमन-चैन की दुआ मांगी.

मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातचीत

अमूमन रमजान के अलविदा जुम्मे के दिन हर वर्ष मस्जिदों में भीड़ देखी जाती थी और लोग एक दूसरे से गले मिलकर रमजान के अलविदा जुम्मे को मनाने का काम करते थे. लेकिन इस बार कोरोना के संकट को देखते हुए राजधानी रांची में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने देशहित में नमाज घरों में पढ़ने का काम किया.

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इसी को लेकर हमारे संवाददाता हितेश कुमार चौधरी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातचीत करते हुए जानकारी ली तो समुदाय के लोगों ने कहा कि हर वर्ष मस्जिदों में सामूहिक नमाज अदा की जाती थी, लेकिन इस बार देश हित को देखते हुए इमारत-ए-सरिया और एदार-ए-सरिया मुस्लिम संगठन ने राज्य के सभी मस्जिदों के इमाम से अपील की है कि इस बार अंतिम और अलविदा जुम्मा की नमाज अपने घरों में ही अदा करें.

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