रांची: हजारीबाग मॉब लिंचिंग की गूंज 10 फरवरी को लोकसभा में भी सुनाई दी. सांसद संजय सेठ ने रूपेश पांडेय हत्याकांड को लोकसभा में उठाया और सीबीआई जांच की मांग की. सांसद ने इस मामले में राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है और सभी लोग दहशत में हैं.
ये भी पढे़ं- हजारीबाग में शव के साथ सड़क पर उतरे आक्रोशित ग्रामीण, मॉब लिंचिंग के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग
हजारीबाग में मॉब लिंचिंग: देश की संसद में बोलते हुए संजय सेठ ने झारखंड में बढ़ती मॉबलिंचिंग की घटना पर चिंता जताया और बताया कि हजारीबाग में सरस्वती पूजा मूर्ति विसर्जन में शामिल किशोर रूपेश पांडे की हत्या जुलूस से खींच कर की गई और सरकार कानूनी कार्रवाई के बजाय कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करवा दी. संजय सेठ ने लोकसभा में कहा कि दिन प्रतिदिन झारखंड की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है. अन्य जिलों में भी मॉब लिंचिंग की घटनाएं हो चुकी है. राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं और लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है.
ये भी पढ़ें- झारखंड में इंटरनेट सेवा बंद, दो गुटों की झड़प में युवक की मौत के बाद माहौल तनावपूर्ण
सिमडेगा में मॉब लिंचिंग: संसद ने लोकसभा में बताया कि कुछ दिन पूर्व सिमडेगा में एक युवक संजू प्रधान को घर से खींच कर जमकर पिटाई की गई और परिवार के सामने ही भीड़ ने जिंदा जला दिया. आश्चर्यजनक बात यह रही कि पुलिस इन घटनाओं में मूकदर्शक बनी रही. सिमडेगा की घटना में तो पुलिस वीडियो बनाती रही. सरकार और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं के कारण झारखंड में दहशत का माहौल है. स्थिति यह है कि कब, कहां, किसे भीड़ खींच कर मार दे, कहना मुश्किल है.
चुप क्यों हैं बुद्धिजीवी
सांसद ने कहा इस मामले में सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि इन घटनाओं पर देश के बुद्धिजीवी, तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता और भी ऐसे कई लोग जो बात बात में लोकतंत्र की आजादी मांगते हैं, मोमबत्तियां जलाते हैं, सब के सब लोग खामोश हैं. उन्होंने आग्रह किया कि इन मामलों में हस्तक्षेप किया जाए.