रांची: JPSC के खिलाफ सोशल मीडिया पर आंदोलन तेज कर दिया गया है. JPSC सातवीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा पीटी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगातार लग रहा है. इसे लेकर छात्रों का एक समूह आंदोलनरत है. सड़क से सदन तक यह मामला तूल पकड़ चुका है. कई अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं, तो कुछ अभ्यर्थी आमरण अनशन कर रहे हैं. पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी अभ्यर्थियों की ओर से अभियान चलाया जा रहा है. छात्रों की रणनीति बुधवार को सीएम आवास घेराव की भी है.
जेपीएससी अभ्यर्थी सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच रांची के मोराबादी मैदान में कुछ छात्र आमरण अनशन पर बैठे हैं. आमरण अनशन कर रहे छात्रों का कहना है कि यह आंदोलन मरते दम तक जारी रहेगा. क्योंकि जेपीएससी में भ्रष्टाचार व्याप्त है और कोई भी सुनने वाला नहीं है. मामले को लेकर मुख्यमंत्री से लगातार गुहार की जा रही है. राज्यपाल को पूरे मामले से अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक जेपीएससी के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. अभ्यर्थियों का कहना है कि आमरण अनशन के अलावा इस राज्य में जेपीएससी को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने का कोई उपाय नहीं है. वहीं, ऑनलाइन और सोशल मीडिया के जरिए भी विद्यार्थी अभिभावक और जेपीएससी से संबंधित लोग जागरूक हो रहे हैं. दूसरी ओर झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन की ओर से 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम निर्धारित किया गया है.
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धरने पर भी बैठे हैं अभ्यर्थी
बापू वाटिका के सामने धरने पर बैठे अभ्यर्थियों की माने तो झारखंड स्टेट यूनियन की ओर से बुधवार को न्याय मार्च निकाला जाएगा और इस न्याय मार्च में राज्य भर के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे. इस आंदोलन के समर्थन में कई छात्र संघ भी खड़े हो गए हैं. आजसू छात्र संगठन ने भी अभ्यर्थियों को पूरा समर्थन देने का ऐलान किया है. जेपीएससी सातवीं से लेकर दसवीं सिविल सेवा पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग लगातार की जा रही है. इसी मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास घेराव करने की रणनीति भी छात्रों की ओर से बनाई गई है.