रांचीः झारखंड में इस साल मॉब लिंचिंग के तीन मामले सामने आए हैं. तीनों मामले मार्च महीने में तीन हफ्ते के अंदर हुए हैं. हद तो ये है कि तीन में से दो मॉब लिचिंग राजधानी रांची में हुई है. झारखंड पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार साल 2013 से 2021 के बीच झारखंड में मॉब लिंचिंग की 21 घटनाएं सामने आई हैं.
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झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटनाएं
19 मार्च 2021: गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र के घूगरू पाठ गांव में गुरुवार को खादी उरांव नाम के व्यक्ति की गला काटकर हत्या कर दी गई. इसके बाद ग्रामीणों ने शुक्रवार को हत्या के आरोपी रामचंद्र उरांव की पीट पीटकर कर हत्या दी.
13 मार्च 2021: रांची के अनगड़ा स्थित सिरका गांव में महेशपुर निवासी मुबारक खान नाम के 26 वर्षीय युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. घटना शनिवार की देर रात की है. टायर चोरी के आरोप में मुबारक खान को ग्रामीणों ने पेड़ में बांधकर इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई.
07 मार्च 2021: रांची के अपर बाजार में 22 वर्षीय सचिन कुमार वर्मा को मिनी ट्रक चोरी करने के शक में रातभर पीटा गया. 40 से अधिक लोगों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिसके बाद अगले दिन उसकी मौत हो गई.
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इंसानियत को लहूलुहान करती भीड़
- 12 मई 2020: दुमका जिले में ग्रामीणों ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसके एक साथी को घायल कर दिया. दोनों पर बकरी चुराने का आरोप लगाया गया था. मृतक का नाम सुभान मियां और घायल का नाम दुलाल मिर्धा था.
- 16 जून 2019: सरायकेला में 16 जून को तबरेज अंसारी समेत तीन युवक बाइक पर सवार होकर जमशेदपुर की तरफ जा रहे थे, इसी बीच धातकीडीह के पास ग्रामीणों ने उसे रोक दिया और चोर समझकर उसकी पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दी. पुलिस ने 17 जून को तबरेज उर्फ सोनू को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. जहां उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद उसे सरायकेला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान 18 जून को उसकी मौत हो गई.
- 19 जून 2019: गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के बुधुडीह में चोरी के आरोप में ग्रामीणों ने चार लोगों को पकड़ा और जमकर पिटाई कर दी. इस घटना में सलीम नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग जख्मी हो गए.
- 11 मार्च 2019: पलामू के हैदरनगर में एक युवक को उसकी बहन के साथ छेड़खानी करने का विरोध करना महंगा पड़ गया. वकील खान और दानिश खान खारदीहा गांव में किसी काम से गए थे. इसी दौरान मनचलों के ओर से ग्रामीणों ने दोनों भाईयों पर हमला बोल दिया और जमकर पिटाई की. घटना में वकील खान की मौके पर ही मौत हो गई.
साल 2018 में सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग
03 दिसंबर 2018: राजधानी रांची से लगभग 60 किलोमीटर दूर मांडर पुलिस थाना की सीमा के तहत नगरा गांव में एक 35 वर्षीय विक्षिप्त व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया गया.
10 नवंबर 2018: चाईबासा में ग्रामीणों ने नाबालिग से बलात्कार के आरोपी 21 वर्षीय युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
26 अक्टूबर 2018: गुमला जिले के घाघरा पुलिस सीमा के अंतर्गत देवकी गांव में ग्रामीणों ने भाजपा कार्यकर्ता अशोक सिंह के बेटे की हत्या कर दी.
09 अक्टूबर 2018: सरायकेला जिले के निमाडीह थाना क्षेत्र के अंतर्गत मानीकुई गांव में एक बीमार महिला के बलात्कार के प्रयास में कथित तौर पर गुस्साए ग्रामीणों ने ओझा बिपिन दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
18 सितंबर 2018: साहिबगंज में एक बुजुर्ग व्यक्ति मॉब लिंचिंग का शिकार हो गया. ग्रामीणों की उग्र भीड़ ने उस पर डंडे, लात और घुसों की बरसात कर दी. जिससे उस व्यक्ति की जान चली गई. ये मामला मिर्जा चौकी थाना अंतर्गत कुची पहाड़ का था.
09 सितंबर 2018: दुमका जिले में सड़क हादसे में दो साल के बच्चे की मौत से गुस्साए लोगों ने गाड़ी ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
06 सितंबर 2018: पलामू जिले के पांडु थाना क्षेत्र में ग्रामीणों ने तीन लोगों को पकड़ा और उनकी बेदम पिटाई की. चोरी के शक में बबलू, गुड्डू और विकास की पिटाई की गई. घटना में एक युवक को जान गंवानी पड़ी.
13 जून 2018: गोड्डा जिले में मवेशी चुराने के संदेह में गुस्साई भीड़ ने दो लोगों को पीट-पीट कर मार डाला. ग्रामीणों ने सिराबुद्दीन अंसारी और मुर्तजा अंसारी पर13 भैंस चुराने का आरोप लगाया था.
07 मई 2018: गिरिडीह के बेंगाबाद थाना अंतर्गत सतीबड़ गांव में एक 40 वर्षीय व्यक्ति को कथित तौर बैटरी चोर करार देकर पीट पीटकर हत्या कर दी गई. क्रशर मैकेनिक मोहम्मद सरफुद्दीन गांव में एक कोल्हू मशीन की मरम्मत के बाद मधुपुर अपने घर लौट रहा था.
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मॉब लिंचिंग का पुराना मर्ज
- 29 जून 2017: मुस्लिम व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी उर्फअसगर अली को गोमांस ले जाने के आरोप में रामगढ़ के बजरटांड़ में भीड़ द्वारा पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई.
- 18 मई 2017: जमशेदपुर के पास आदिवासी बहुल इलाकों में बच्चों के अपहरण में सक्रिय गिरोह के व्हाट्सएप अफवाहों के बाद दो अलग-अलग घटनाओं में लिंचिंग की गई.
- 1 मार्च 2016: दो मवेशी व्यापारी मजलूम अंसारी और इम्तियाज खान को लातेहार के झब्बार में कुछ लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला.
- अगस्त 2014: सरायकेला के 50 वर्षीय राधा मोहन मुंडा को स्थानीय ग्रामीणों ने कथित तौर पर गांव में एक 35 वर्षीय महिला से बलात्कार के प्रयास के बाद पीट-पीटकर मार डाला.
- 07 मार्च 2014: रामगढ़ जिले में साजिद अंसारी की कार से मोबाइल फोन की बैटरी चोरी करने के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.
- 16 फरवरी 2013: गुमला जिले के स्वारिया गांव में एक लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में तीन लोगों को जमकर पीटा गया. जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
ये आंकड़े इशारा करते हैं कि झारखंड में भीड़ तंत्र का ये गुनाह नया नहीं है. भीड़ का न तो कोई चेहरा होता है और ना ही उसकी कोई पहचान होती है. इसी बात का फायदा आपराधिक तत्व उठाते हैं और तुरंत इंसाफ के नाम पर हैवानियत से इंसानियत को लहूलुहान कर देते हैं. ऐसे घटनाएं सभ्य समाज के लिए किसी भी तरीके से जायज नहीं ठहराई जा सकती. सवाल ये है कि लोगों का पुलिस और कानून पर विश्वास नहीं रहा या लोगों में पुलिस और कानून का खौफ नहीं रहा.