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विधायक सरयू राय ने किया सवाल, लॉकडाउन-3 में रियायत को लेकर क्यों है असमंजस, सरकार करे क्लियर

निर्दलीय विधायक सरयू राय ने सूबे की सरकार पर सवाल उठाया है उन्होंने कहा कि जब पड़ोसी राज्यों के लोग लॉकडाउन-3 में नियंत्रित छूट के साथ रह रहे हैं. इसके साथ ही उन इलाकों में आर्थिक गतिविधियां भी चल रही है. ऐसे में झारखंड में कोई निर्णय क्यों नहीं लिया जा रहा है.

saryu, सरयू
सरयू राय, विधायक
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Published : May 12, 2020, 9:18 PM IST

रांची: जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि जब पड़ोसी राज्यों के लोग लॉकडाउन-3 में नियंत्रित छूट के साथ रह रहे हैं. इसके साथ ही उन इलाकों में आर्थिक गतिविधियां भी चल रही है. ऐसे में झारखंड में कोई निर्णय क्यों नहीं लिया जा रहा है. राय ने कहा कि इसके पीछे कोई न कोई ठोस कारण होगा. राय ने कहा कि उम्मीद थी कि लॉकडाउन-3 में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए राज्य सरकार के स्तर से किसी न किसी प्रकार की नियंत्रित छूट मिलने की घोषणा मंगलवार को होगी. ऐसा नहीं हुआ, तो जरूर इसके पीछे कोई न कोई कारण होगा.

सरयू राय ने कहा कि झारखंड के पड़ोसी राज्यों में लॉकडाउन की अवधि में 3 मई 2020 से ही आर्थिक गतिविधियां चलाने के लिए किसी न किसी प्रकार की नियंत्रित छूट दी है. उन्होंने कहा कि यदि लॉकडाउन में झारखंड को भी छूट मिलती है तो उद्योग, व्यवसाय और अन्य आर्थिक गतिविधियों की और रोजाना काम करनेवाले श्रमिकों की परेशानियां एक सीमा तक दूर हो जाएगी.

ये भी पढ़ें- गर्भवती महिला के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, सरकार ने सौंपा जवाब

सरयू राय ने कहा कि खेती का समय आ रहा है, देश का अन्न भंडार भरा रहने के लिए कृषि गतिविधियां आरंभ होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसानों के बैंक खाते में केवल 5 हजार रुपये डाल देने से खेती-किसानी की सहायता हो जाएगी, सही नहीं है. उन्होंने कहा कि खेती के लिए किसानों को जरूरी उपकरण, कृषि यंत्रों के पाट-पुर्जें, बीज और कीटनाशक भी चाहिए. जिनका मिलना बाजार खोलने से ही संभव होगा.

रांची: जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि जब पड़ोसी राज्यों के लोग लॉकडाउन-3 में नियंत्रित छूट के साथ रह रहे हैं. इसके साथ ही उन इलाकों में आर्थिक गतिविधियां भी चल रही है. ऐसे में झारखंड में कोई निर्णय क्यों नहीं लिया जा रहा है. राय ने कहा कि इसके पीछे कोई न कोई ठोस कारण होगा. राय ने कहा कि उम्मीद थी कि लॉकडाउन-3 में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए राज्य सरकार के स्तर से किसी न किसी प्रकार की नियंत्रित छूट मिलने की घोषणा मंगलवार को होगी. ऐसा नहीं हुआ, तो जरूर इसके पीछे कोई न कोई कारण होगा.

सरयू राय ने कहा कि झारखंड के पड़ोसी राज्यों में लॉकडाउन की अवधि में 3 मई 2020 से ही आर्थिक गतिविधियां चलाने के लिए किसी न किसी प्रकार की नियंत्रित छूट दी है. उन्होंने कहा कि यदि लॉकडाउन में झारखंड को भी छूट मिलती है तो उद्योग, व्यवसाय और अन्य आर्थिक गतिविधियों की और रोजाना काम करनेवाले श्रमिकों की परेशानियां एक सीमा तक दूर हो जाएगी.

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सरयू राय ने कहा कि खेती का समय आ रहा है, देश का अन्न भंडार भरा रहने के लिए कृषि गतिविधियां आरंभ होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसानों के बैंक खाते में केवल 5 हजार रुपये डाल देने से खेती-किसानी की सहायता हो जाएगी, सही नहीं है. उन्होंने कहा कि खेती के लिए किसानों को जरूरी उपकरण, कृषि यंत्रों के पाट-पुर्जें, बीज और कीटनाशक भी चाहिए. जिनका मिलना बाजार खोलने से ही संभव होगा.

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