रांची: राजधानी में हर दिन करोना विस्फोट हो रहा है. हर दिन संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री से लेकर आमजन सभी चिंतित हैं. शहरों में चिकित्सा सुविधा इंतजाम को लेकर हर दिन बैठकों का दौर जारी है. स्वास्थ्य सचिव, डीसी, एसडीएम और तमाम स्वास्थ्य महकमा अस्पतालों की निगरानी कर रहा है और व्यवस्था का जायजा ले रहा है. लेकिन राजधानी मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर दूर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है.
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था बदतर
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल उस समय खुली जब मांडर विधायक बंधु तिर्की अपने विधानसभा क्षेत्र के लापुंग प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रात 10 बजे अचानक पहुंचे. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था देखकर बिफर पड़े. यहां अव्यवस्था और डॉक्टरों, नर्सों को गायब देख सिविल सर्जन रांची को फोन किया और जमकर फटकार लगाई. उन्होंने देखा कि स्वास्थ्य के केंद्र खुले जरूर हैं लेकिन वहां एक भी स्वास्थ्यकर्मी मौजूद नहीं है. डिस्पेंसरी में दवाईयां बिखरी पड़ी हैं. ये व्यवस्था उस समय है जब कोरोना अपने विकराल रूप में है. स्वास्थ्य विभाग के सारे अधिकारी, कर्मचारी सिर्फ शहरों तक ही केंद्रित हैं. लेकिन मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था की जो हालत बद से बदतर है.