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विधायक बंधु तिर्की ने सीएम को लिखा पत्र, बर्खास्त आरक्षी को ज्वाइन कराने का किया आग्रह - मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

मांडर विधायक बंधु तिर्की ने बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा. इसमें उन्होंने आरक्षी सेवा पद से बर्खास्त आरक्षी को योगदान कराए जाने के संबंध में आग्रह किया.

MLA Bandhu Tirkey wrote a letter to CM Hemant soren
मांडर विधायक बंधु तिर्की
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Published : Dec 9, 2020, 7:59 PM IST

रांची: मांडर विधायक बंधु तिर्की ने बुधवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरक्षी सेवा पद से बर्खास्त आरक्षी को योगदान कराए जाने के संबंध में आग्रह किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे इस पत्र में कहा है आखिर किस कारण से नियुक्ति के बाद 2 वर्ष तक वेतन भत्ता प्राप्त करने के बाद इन्हें हटा दिया गया. आज वे दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने का आग्रह किया है.

उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि जेएसएससी द्वारा आयोजित झारखंड आरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा विज्ञापन संख्या 4/2015 के तहत आरक्षियो की नियुक्ति झारखंड के सभी जिलों और झारखंड सशस्त्र पुलिस में किया गया था. सभी आरक्षियों ने झारखंड सरकार द्वारा आयोजित नियुक्ति की सभी मापदंडों जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, शारीरिक दक्षता, मेडिकल जांच और दस्तावेज सत्यापन और मेरिट सूची जैसी सभी प्रक्रिया शामिल है. इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद फिर से तीन बार मेडिकल जांच नियुक्ति के दौरान, प्रशिक्षण भेजने से पूर्व और प्रशिक्षण संस्थान में किया गया था, जिसके बाद आरक्षियों को भिन्न-भिन्न सेवा कार्यों में झारखंड जगुआर, साइबर अपराध, श्रावणी मेला, जीआरपी, सीआईडी और एटीइस में पदस्थापित किया गया.

ये भी पढे़ं: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के दोषी की तिहाड़ जेल में मौत

इस बीच सरकार द्वारा निर्धारित वेतन और भत्ता प्राप्ति के दौरान ही सेवा काल से उन लोगों को अपेक्स मेडिकल बोर्ड द्वारा नोट फीट वर्किंग कैंडिडेट घोषित कर दिया गया, जो अपेक्स मेडिकल बोर्ड द्वारा आरक्षियों (जिसमें मेडिकल नॉट फिट-77,आरक्षण कोटि-5 और मेरिट सूची-1 के आधार पर) को लगभग 22 महीने बाद बर्खास्त कर दिया गया. बर्खास्तगी से पूर्व किसी भी प्रकार का पक्ष रखने का मौका इन्हें नहीं दिया गया, जिसका वाद उच्च न्यायालय में लंबित है.

रांची: मांडर विधायक बंधु तिर्की ने बुधवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरक्षी सेवा पद से बर्खास्त आरक्षी को योगदान कराए जाने के संबंध में आग्रह किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे इस पत्र में कहा है आखिर किस कारण से नियुक्ति के बाद 2 वर्ष तक वेतन भत्ता प्राप्त करने के बाद इन्हें हटा दिया गया. आज वे दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने का आग्रह किया है.

उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि जेएसएससी द्वारा आयोजित झारखंड आरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा विज्ञापन संख्या 4/2015 के तहत आरक्षियो की नियुक्ति झारखंड के सभी जिलों और झारखंड सशस्त्र पुलिस में किया गया था. सभी आरक्षियों ने झारखंड सरकार द्वारा आयोजित नियुक्ति की सभी मापदंडों जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, शारीरिक दक्षता, मेडिकल जांच और दस्तावेज सत्यापन और मेरिट सूची जैसी सभी प्रक्रिया शामिल है. इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद फिर से तीन बार मेडिकल जांच नियुक्ति के दौरान, प्रशिक्षण भेजने से पूर्व और प्रशिक्षण संस्थान में किया गया था, जिसके बाद आरक्षियों को भिन्न-भिन्न सेवा कार्यों में झारखंड जगुआर, साइबर अपराध, श्रावणी मेला, जीआरपी, सीआईडी और एटीइस में पदस्थापित किया गया.

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इस बीच सरकार द्वारा निर्धारित वेतन और भत्ता प्राप्ति के दौरान ही सेवा काल से उन लोगों को अपेक्स मेडिकल बोर्ड द्वारा नोट फीट वर्किंग कैंडिडेट घोषित कर दिया गया, जो अपेक्स मेडिकल बोर्ड द्वारा आरक्षियों (जिसमें मेडिकल नॉट फिट-77,आरक्षण कोटि-5 और मेरिट सूची-1 के आधार पर) को लगभग 22 महीने बाद बर्खास्त कर दिया गया. बर्खास्तगी से पूर्व किसी भी प्रकार का पक्ष रखने का मौका इन्हें नहीं दिया गया, जिसका वाद उच्च न्यायालय में लंबित है.

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