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ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामला: सीएम हेमंत सोरेन के बचाव में उतरे मंत्री आलमगीर आलम, भाजपा पर लगाया साजिश का आरोप

मुख्यमंत्री पर ऑफिस ऑफ प्रोफिट का लगा आरोप पूरी तरह से साजिश है. यह कहना है मंत्री आलमगीर आलम का. उन्होंने कहा कि इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी की साजिश है.

minister alamgir alam statement
ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामला
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Published : May 10, 2022, 1:27 PM IST

Updated : May 10, 2022, 1:38 PM IST

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के लगे आरोप को मंत्री आलमगीर आलम ने प्रोपेगेंडा बताया है. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा भेजे गये नोटिस का जवाब देने का आज अंतिम दिन है मुख्यमंत्री जवाब देने के लिए समय की मांग भी कर सकते हैं.


मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग के नोटिस का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री समय की मांग भी कर सकते हैं. न्यायिक व्यवस्था के तहत यह अधिकार है.उन्होंने सरकार पर किसी तरह का खतरा होने से इनकार करते हुए कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में आई है, तब से गैर भाजपा शासित राज्यों को अस्थिर करने की कोशिश की जाती रही है. ऐसे में झारखंड भी अछूता नहीं है और गठबंधन सरकार इसको लेकर पूरी तरह सतर्क है.

आलमगीर आलम, मंत्री
चुनाव आयोग पर सबकी टिकी हैं निगाहेंः चुनाव आयोग द्वारा भेजे गये शो कॉज के बाद से झारखंड की सियासी गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. सरकार को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है और लोग इसे अपने अपने ढंग से व्याख्या करने में जुटे हैं. इन सबके बीच चुनाव आयोग की चिठ्ठी का जवाब देने की आज यानी 10 मई को आखिरी तारीख है. विधि विशेषज्ञों और सलाहकारों से राय लेने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से जवाब तैयार कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री द्वारा चुनाव आयोग से जवाब देने के लिए कुछ समय की मांग की गई है. हालांकि इसकी पुष्टि अभी झामुमो या मुख्यमंत्री की ओर से नहीं की गई है. पूर्व सीएम रघुवर दास ने लगाया था आरोपः पूर्व सीएम रघुवर दास के नेतृत्व में 12 फरवरी को राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर भाजपा नेताओं का एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया था. जिसके बाद राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. तत्पश्चात भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को चिठ्ठी भेजकर रिपोर्ट मंगवाई. मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में जवाब मांगा है.

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के लगे आरोप को मंत्री आलमगीर आलम ने प्रोपेगेंडा बताया है. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा भेजे गये नोटिस का जवाब देने का आज अंतिम दिन है मुख्यमंत्री जवाब देने के लिए समय की मांग भी कर सकते हैं.


मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग के नोटिस का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री समय की मांग भी कर सकते हैं. न्यायिक व्यवस्था के तहत यह अधिकार है.उन्होंने सरकार पर किसी तरह का खतरा होने से इनकार करते हुए कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार केंद्र में आई है, तब से गैर भाजपा शासित राज्यों को अस्थिर करने की कोशिश की जाती रही है. ऐसे में झारखंड भी अछूता नहीं है और गठबंधन सरकार इसको लेकर पूरी तरह सतर्क है.

आलमगीर आलम, मंत्री
चुनाव आयोग पर सबकी टिकी हैं निगाहेंः चुनाव आयोग द्वारा भेजे गये शो कॉज के बाद से झारखंड की सियासी गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. सरकार को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है और लोग इसे अपने अपने ढंग से व्याख्या करने में जुटे हैं. इन सबके बीच चुनाव आयोग की चिठ्ठी का जवाब देने की आज यानी 10 मई को आखिरी तारीख है. विधि विशेषज्ञों और सलाहकारों से राय लेने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से जवाब तैयार कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री द्वारा चुनाव आयोग से जवाब देने के लिए कुछ समय की मांग की गई है. हालांकि इसकी पुष्टि अभी झामुमो या मुख्यमंत्री की ओर से नहीं की गई है. पूर्व सीएम रघुवर दास ने लगाया था आरोपः पूर्व सीएम रघुवर दास के नेतृत्व में 12 फरवरी को राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर भाजपा नेताओं का एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया था. जिसके बाद राजभवन ने भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था. तत्पश्चात भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को चिठ्ठी भेजकर रिपोर्ट मंगवाई. मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर खनन पट्टा मामले में जवाब मांगा है.
Last Updated : May 10, 2022, 1:38 PM IST
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