ETV Bharat / city

हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े मामले में 5 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में बचाव पक्ष की तरफ से दलील दी गई. अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

jharkhand-high-court
हाई कोर्ट
author img

By

Published : Jun 30, 2022, 8:06 AM IST

Updated : Jun 30, 2022, 4:56 PM IST

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से बहस पूरी कर ली गई है. बचाव पक्ष की तरफ से कपिल सिब्बल कोर्ट में पक्ष रखा. अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

इससे पहले 23 जून को झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई थी. हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा और राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा था. उन्होंने अदालत में यह जानकारी दी थी कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है. उस एसएलपी पर सुनवाई अभी होनी है. इसलिए उन्हें इस मामले में कुछ समय दिया जाए. 11 जुलाई तक के लिए इस मामले की सुनवाई को स्थगित की जाए. अदालत ने उनके आग्रह को नजरअंदाज करते हुए सुनवाई के लिए आज की तिथि निर्धारित की थी.

ये भी पढ़ें:- हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े मामले में आज की बहस खत्म, 30 जून को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका: इससे पहले याचिका सुनवाई योग्य नहीं है यह कहते हुए हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को याचिका के मेंटेवलटी पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था. उसके बाद हेमंत सोरेन से संबंधित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने उस याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए उसकी विस्तृत सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की. इसके बाद राज्य सरकार और हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई लंबित है. अभी तिथि निर्धारित नहीं की गई है.

क्या है पूरा मामला: आपको बता दें कि मनरेगा में वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े पीआईएल पर सुनवाई के दौरान ईडी ने झारखंड हाईकोर्ट में एक सीलबंद लिफाफा पेश किया था. ईडी की दलील थी कि उसके पास शैल कंपनी से जुड़े कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं. लिहाजा, सीएम से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े पीआईएल को भी एक साथ सुना जाना चाहिए. ईडी के स्टैंड को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों केस के मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट को आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में खनन लीज से जुड़े पीआईएल संख्या 727 और शल कंपनी से जुड़े पीआईएल संख्या 4290 को मेंटेनेबल बताया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों केस के मेरिट पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया था.

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से बहस पूरी कर ली गई है. बचाव पक्ष की तरफ से कपिल सिब्बल कोर्ट में पक्ष रखा. अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

इससे पहले 23 जून को झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई थी. हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा और राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा था. उन्होंने अदालत में यह जानकारी दी थी कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है. उस एसएलपी पर सुनवाई अभी होनी है. इसलिए उन्हें इस मामले में कुछ समय दिया जाए. 11 जुलाई तक के लिए इस मामले की सुनवाई को स्थगित की जाए. अदालत ने उनके आग्रह को नजरअंदाज करते हुए सुनवाई के लिए आज की तिथि निर्धारित की थी.

ये भी पढ़ें:- हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े मामले में आज की बहस खत्म, 30 जून को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका: इससे पहले याचिका सुनवाई योग्य नहीं है यह कहते हुए हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को याचिका के मेंटेवलटी पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था. उसके बाद हेमंत सोरेन से संबंधित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने उस याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए उसकी विस्तृत सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की. इसके बाद राज्य सरकार और हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई लंबित है. अभी तिथि निर्धारित नहीं की गई है.

क्या है पूरा मामला: आपको बता दें कि मनरेगा में वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े पीआईएल पर सुनवाई के दौरान ईडी ने झारखंड हाईकोर्ट में एक सीलबंद लिफाफा पेश किया था. ईडी की दलील थी कि उसके पास शैल कंपनी से जुड़े कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं. लिहाजा, सीएम से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े पीआईएल को भी एक साथ सुना जाना चाहिए. ईडी के स्टैंड को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों केस के मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट को आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में खनन लीज से जुड़े पीआईएल संख्या 727 और शल कंपनी से जुड़े पीआईएल संख्या 4290 को मेंटेनेबल बताया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों केस के मेरिट पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया था.

Last Updated : Jun 30, 2022, 4:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.