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मजदूरों का सहारा बना मनरेगा, मानव दिवस सृजन के टूटे सारे रिकॉर्ड - रांची में मनरेगा योजना का लाभ

रांची में ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति की समीक्षा की गई. इस दौरान सचिव ने मानव दिवस सृजन में बढ़ोतरी के लिए सभी उप विकास आयुक्तों को बधाई दी.

mgnrega became the support of workers in ranchi
सचिव आराधना पटनायक
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Published : Jan 22, 2021, 8:01 PM IST

रांची: कोविड- 19 की वजह से लड़खड़ा चुकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मनरेगा की योजनाएं मील का पत्थर साबित हुई हैं. बीते 9 महीने में ही 935 लाख मानव दिवस का सृजन हो चुका है. राज्य गठन के बाद से अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था. रोजगार के बढ़ते डिमांड को देखते हुए मार्च के अंत तक 1,100 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य तय कर दिया गया है. अब तक कुल 11 लाख 78 हजार 995 नए परिवरों को जॉबकार्ड दिया गया है. जिसमें कुल 15 लाख 81 हजार 748 मजदूर शामिल हैं. वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड के लिए 800 लाख मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.

मानव दिवस सृजन में बढ़ोतरी को लेकर दी बधाई

ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में शुक्रवार को सभी जिलों के डीडीसी और बीडीओ के साथ मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की गई. विभागीय सचिव ने मानव दिवस सृजन में बढ़ोतरी के लिए सभी उप विकास आयुक्तों को बधाई दी. प्रवासी मजदूरों के लौटने से इस कार्यबल में और वृद्धि हुई है. पूर्व के सालों में जहां औसतन लगभग डेढ़ लाख लोग प्रतिदिन कार्य करते थे. वहीं, राज्य सरकार के प्रयास से इस वित्तीय साल में औसतन लगभग 4 लाख लोग प्रतिदिन कार्य कर रहे हैं.

मानव दिवस सृजन का आंकड़ा

  • 2016- 17 में 707 लाख
  • 2017-18 में 592.74 लाख
  • 2018-19 में 536.59 लाख
  • 2019-20 में 642.01 लाख
  • 2020-2021 में 935 लाख

वर्तमान वित्तीय साल में अब तक कुल 12.15 लाख योजनाओं पर कार्य प्रारंभ हुआ है. जिसमें से विगत 9 माह में ही 3.76 लाख योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है, जो पूर्व के सालों की तुलना में काफी अधिक है.

रिजेक्ट ट्रांजेक्शन की समीक्षा

रिजेक्ट ट्रांजेक्शन की समीक्षा करते हुए सचिव ने कहा कि परिलक्षित प्रतिवेदन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020 -21 कुछ कारणों से रिजेक्ट हुए ट्रांजेक्शन में लगभग 25,000 ट्रांजेक्शन का एफटीओ सृजन नहीं हो पाया है. एफटीओ सृजन नहीं होना मजदूरों को ससमय मजदूरी नहीं मिलने का एक मुख्य कारण है. उन्होंने रिजेक्ट ट्रांजेक्शन को अगले 2 दिन में शून्य कराने का निर्देश दिया. अभी तक साल में सोशल ऑडिट यूनिट ने 80,528 मुद्दे अपलोड किए गए हैं. जिससे 43,329 पर करवाई प्रतिवेदन दिया गया है. राशि की वसूली की अपलोडिंग एक सप्ताह में पूर्ण करने का सचिव ने निर्देश दिया है.

लंबित आवास को पूरा करने का निर्देश

सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में वित्तीय वर्ष 2020-21 में पंजीकरण और स्वीकृति में धीमी प्रगति की भी बिंदुवार समीक्षा की और वित्तीय वर्ष 2019-20 में लंबित आवास को पूरा करने का निर्देश दिया. सचिव ने 3 दिन के अंदर सभी योग्य लाभुकों को आवास के लिए पंजीकृत कर स्वीकृत करवाने और प्रतिदिन डिले आवास अधिकाधिक पूर्ण करवाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्होंने सभी अयोग्य लाभुकों को रिमांड मॉड्यूल के तहत विलोपित करने का प्रस्ताव 2 दिनों के अंदर भेजने को कहा.

ये भी पढ़े- झारखंड हाई कोर्ट का रांची नगर निगम को निर्देश, कहा- बड़ा तालाब में जाने वाले गंदगी को रोकें

योजनाओं के औचक निरीक्षण का निर्देश

विभागीय सचिव ने सभी उप विकास आयुक्तों को सप्ताह में 2 दिन क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं के औचक निरीक्षण का निर्देश दिया ताकि वास्तविक तस्वीर सामने आ सके. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में झारखंड के मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी भी मौजूद थे.

रांची: कोविड- 19 की वजह से लड़खड़ा चुकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मनरेगा की योजनाएं मील का पत्थर साबित हुई हैं. बीते 9 महीने में ही 935 लाख मानव दिवस का सृजन हो चुका है. राज्य गठन के बाद से अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था. रोजगार के बढ़ते डिमांड को देखते हुए मार्च के अंत तक 1,100 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य तय कर दिया गया है. अब तक कुल 11 लाख 78 हजार 995 नए परिवरों को जॉबकार्ड दिया गया है. जिसमें कुल 15 लाख 81 हजार 748 मजदूर शामिल हैं. वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड के लिए 800 लाख मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.

मानव दिवस सृजन में बढ़ोतरी को लेकर दी बधाई

ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में शुक्रवार को सभी जिलों के डीडीसी और बीडीओ के साथ मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की गई. विभागीय सचिव ने मानव दिवस सृजन में बढ़ोतरी के लिए सभी उप विकास आयुक्तों को बधाई दी. प्रवासी मजदूरों के लौटने से इस कार्यबल में और वृद्धि हुई है. पूर्व के सालों में जहां औसतन लगभग डेढ़ लाख लोग प्रतिदिन कार्य करते थे. वहीं, राज्य सरकार के प्रयास से इस वित्तीय साल में औसतन लगभग 4 लाख लोग प्रतिदिन कार्य कर रहे हैं.

मानव दिवस सृजन का आंकड़ा

  • 2016- 17 में 707 लाख
  • 2017-18 में 592.74 लाख
  • 2018-19 में 536.59 लाख
  • 2019-20 में 642.01 लाख
  • 2020-2021 में 935 लाख

वर्तमान वित्तीय साल में अब तक कुल 12.15 लाख योजनाओं पर कार्य प्रारंभ हुआ है. जिसमें से विगत 9 माह में ही 3.76 लाख योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है, जो पूर्व के सालों की तुलना में काफी अधिक है.

रिजेक्ट ट्रांजेक्शन की समीक्षा

रिजेक्ट ट्रांजेक्शन की समीक्षा करते हुए सचिव ने कहा कि परिलक्षित प्रतिवेदन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020 -21 कुछ कारणों से रिजेक्ट हुए ट्रांजेक्शन में लगभग 25,000 ट्रांजेक्शन का एफटीओ सृजन नहीं हो पाया है. एफटीओ सृजन नहीं होना मजदूरों को ससमय मजदूरी नहीं मिलने का एक मुख्य कारण है. उन्होंने रिजेक्ट ट्रांजेक्शन को अगले 2 दिन में शून्य कराने का निर्देश दिया. अभी तक साल में सोशल ऑडिट यूनिट ने 80,528 मुद्दे अपलोड किए गए हैं. जिससे 43,329 पर करवाई प्रतिवेदन दिया गया है. राशि की वसूली की अपलोडिंग एक सप्ताह में पूर्ण करने का सचिव ने निर्देश दिया है.

लंबित आवास को पूरा करने का निर्देश

सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में वित्तीय वर्ष 2020-21 में पंजीकरण और स्वीकृति में धीमी प्रगति की भी बिंदुवार समीक्षा की और वित्तीय वर्ष 2019-20 में लंबित आवास को पूरा करने का निर्देश दिया. सचिव ने 3 दिन के अंदर सभी योग्य लाभुकों को आवास के लिए पंजीकृत कर स्वीकृत करवाने और प्रतिदिन डिले आवास अधिकाधिक पूर्ण करवाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्होंने सभी अयोग्य लाभुकों को रिमांड मॉड्यूल के तहत विलोपित करने का प्रस्ताव 2 दिनों के अंदर भेजने को कहा.

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योजनाओं के औचक निरीक्षण का निर्देश

विभागीय सचिव ने सभी उप विकास आयुक्तों को सप्ताह में 2 दिन क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं के औचक निरीक्षण का निर्देश दिया ताकि वास्तविक तस्वीर सामने आ सके. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में झारखंड के मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी भी मौजूद थे.

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