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मानव तस्करी की शिकार बच्चियों से मुख्यमंत्री की सीधी बात, दिल्ली से कराई गई थी रेस्क्यू - victims of human trafficking

रांची स्थित आवास में सीएम हेमंत सोरेन रेस्क्यू किए गए 41 बच्चियों और 3 बच्चों से मुलाकात कर रहे हैं. सभी बच्चे ज्यादातर साहिबगंज और सिंहभूम के हैं. फिलहाल, बच्चियों को प्रेमाश्रय, चुटिया और दीया सेवा संस्थान, बरियातू रोड में रखा गया है.

meeting of CM soren with rescued chidren
रेस्क्यू किए गए बच्चों से सीएम की मुलाकात
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Published : Nov 7, 2020, 1:34 PM IST

रांचीः मानव तस्करी की शिकार 41 बच्चियों और 3 बच्चों से सीएम हेमंत सोरेन अपने आवास पर मुलाकात कर रहे हैं. सभी बच्चे अलग-अलग जिले के हैं. इनमें ज्यादातर बच्चे साहिबगंज और सिंहभूम के हैं. सभी को पिछले दिनों दिल्ली से रेस्क्यू कराया गया था. फिलहाल, बच्चियों को प्रेमाश्रय, चुटिया और दीया सेवा संस्थान, बरियातू रोड में रखा गया है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-लोहरदगा में ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था हुई फेल, महज 32 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन क्लास में हुए शामिल

सीडब्ल्यूसी की चेयर पर्सन रूपा वर्मा ने बताया कि मानव तस्करी की शिकार बच्चियों को रेस्क्यू कराना एक बहुत बड़ी सफलता है. बता दें कि झारखंड की गरीबी का फायदा उठाकर यहां के भोले-भाले लोगों की धड़ल्ले से ह्यूमन ट्रैफिकिंग होती रही है. ज्यादातर मामलों में स्थानीय लोगों की भूमिका सामने आती है.

आश्चर्य की बात है कि लॉकडाउन के दौरान भी बच्चियों की मानव तस्करी होती रही. रांची के अनगड़ा इलाके से कई लड़कियों को सिलाई की ट्रेनिंग का झांसा देकर गुजरात ले जाया गया था, जिन्हें पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवी संस्था के बाहर से रेस्क्यू किया गया.

रांचीः मानव तस्करी की शिकार 41 बच्चियों और 3 बच्चों से सीएम हेमंत सोरेन अपने आवास पर मुलाकात कर रहे हैं. सभी बच्चे अलग-अलग जिले के हैं. इनमें ज्यादातर बच्चे साहिबगंज और सिंहभूम के हैं. सभी को पिछले दिनों दिल्ली से रेस्क्यू कराया गया था. फिलहाल, बच्चियों को प्रेमाश्रय, चुटिया और दीया सेवा संस्थान, बरियातू रोड में रखा गया है.

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सीडब्ल्यूसी की चेयर पर्सन रूपा वर्मा ने बताया कि मानव तस्करी की शिकार बच्चियों को रेस्क्यू कराना एक बहुत बड़ी सफलता है. बता दें कि झारखंड की गरीबी का फायदा उठाकर यहां के भोले-भाले लोगों की धड़ल्ले से ह्यूमन ट्रैफिकिंग होती रही है. ज्यादातर मामलों में स्थानीय लोगों की भूमिका सामने आती है.

आश्चर्य की बात है कि लॉकडाउन के दौरान भी बच्चियों की मानव तस्करी होती रही. रांची के अनगड़ा इलाके से कई लड़कियों को सिलाई की ट्रेनिंग का झांसा देकर गुजरात ले जाया गया था, जिन्हें पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवी संस्था के बाहर से रेस्क्यू किया गया.

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