रांची: मेयर आशा लकड़ा ने गुरुवार को कहा है कि जेएमएम द्वारा लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं. क्योंकि शबाना खान द्वारा वार्ड 17 में 1 दिसंबर को लगभग एक करोड़ की योजना का शिलान्यास किया गया और 2 दिसंबर को वार्ड 10 में 14वें वित्त आयोग से आवंटित राशि से लगभग तीन करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया गया. इसके साथ ही वार्ड संख्या 45 में नसीम गद्दी 4 दिसंबर को करोड़ों की योजना का शिलान्यास किया जाना है. यह फंड भारतीय जनता पार्टी के सरकार में आवंटित की गई थी. भारतीय जनता पार्टी और उनके जनप्रतिनिधि किसी भी जाति, धर्म का पक्षपात नहीं करते हैं.
उन्होंने कहा है कि हिंदपीढ़ी क्षेत्र के वार्ड की स्थिति पूर्व के वर्षों की तुलना में आज बेहतर है. सबसे अधिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को ही केंद्र और राज्य सरकार का लाभ मिलता रहा है. चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना हो या रोड, नाली निर्माण की योजना हो. अगर अन्य जरूरत की चीजें को कोई चैलेंज करता है तो इसका रिकॉर्ड भी निकाल कर दिखाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जेएमएम सोची समझी साजिश के तहत अल्पसंख्यकों को भाजपा विरोधी साबित करना चाहती है. जेएमएम अपनी नाकामी को छिपाने के लिए वार्ड पार्षदों को गुमराह कर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित कर रहा हैं. नगर निगम के सभी वार्ड पार्षद एक परिवार की तरह है.
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आशा लकड़ा ने कहा कि जब-जब उन्हें कोई समस्या हुई है. उनके साथ मेयर हमेशा खड़ी रही हैं. वर्तमान सरकार ने 25 करोड़ का फंड आवंटित किया था, जिसमें हाई कोर्ट के निर्देश पर लगभग 15 करोड़ की लागत से कार्य किया जाना है. वैसे स्थानों को चिन्हित कर वहां जरूरत के हिसाब से निर्माण कार्यों में लगाया जा रहा है न कि किसी के साथ भेदभाव किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि जेएमएम ने प्रेस वार्ता में वार्ड 35 का भी जिक्र किया है, जबकि वार्ड 35 में 15 वे वित्त से प्राप्त 25 करोड़ की राशि से 75 लाख रुपये की योजना स्वीकृत की गई है. इससे स्पष्ट है कि जेएमएम अल्पसंख्यक समुदाय को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ खड़ा करना चाहती है. अल्पसंख्यक समुदाय के पार्षदों को भड़काना चाहती है. इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने जांच को लेकर कहा है कि राज्य में जेएमएम-कांग्रेस की सरकार है. राज्य के मुखिया स्वयं नगर विकास विभाग के मंत्री है. वे स्वयं इसका प्रमाण दे सकते हैं.