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लॉकडाउन और कोरोना के बीच पिस रहे मजदूर, जानें कितने हैं मजबूर

झारखंड के प्रवासी मजदूर देश के दूसरे राज्यों में लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए हैं और उनके सामने भोजन की सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है. हालांकि, प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सूचना भवन में कंट्रोल रूम बनाया है और सचिव स्तर के अधिकारियों समेत कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर सरकार ने जारी किया है. कई मजदूरों को मदद भी मिल रही है.

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Published : Apr 12, 2020, 3:40 PM IST

Updated : Apr 12, 2020, 3:48 PM IST

रांची: झारखंड के सात लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर देश के दूसरे राज्यों में लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए हैं और उनके सामने भोजन की सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है. रोज कमाने खाने वाले मजदूरों के पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वह जहां फंसे हैं, वहां से राशन खरीद सकें. प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सूचना भवन में कंट्रोल रूम बनाया है और सचिव स्तर के अधिकारियों समेत कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर सरकार ने जारी किया है. जिस पर प्रवासी मजदूर लगातार राज्य सरकार के अधिकारियों से संपर्क किया कर रहे हैं. जिसके बाद उन्हें मदद पहुंचाने का प्रयास जारी है.

देखें स्पेशल स्टोरी
कई राज्यों में फंसे हैं मजदूर
आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 27 मार्च तक राज्य सरकार के पास लगभग 25 हजार प्रवासी मजदूर होने की सूचना थी. लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा 7,48,667 पहुंच गया है. महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु समेत अन्य राज्यों में झारखंड के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं और लगातार सरकार से सहायता की गुहार लगा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- PM के साथ बैठक में बोले CM, केंद्र से की राहत की मांग


राहत पहुंचाने का काम
वहीं, 9 अप्रैल के आंकड़े के मुताबिक, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से अब तक श्रम, रोजगार और प्रशिक्षण विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर 21, 424 कॉल के जरिए 7,48,667 झारखंड के लोगों के फंसे होने की सूचना सरकार को मिली है. इसमें से 5025 जगहों पर 4,86,061 मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिली है. जिनमें से 4733 जगह पर 3,57,717 मजदूरों के खाने और रहने की व्यवस्था की गई है. बाकी लोगों के लिए भी सरकार राहत पहुंचाने का काम कर रही है.

ये भी पढ़ें- चाईबासाः लॉकडॉउन में 18 परिवारों पर अनाज का संकट, मामला संज्ञान में आते ही एक्टिव हुआ प्रशासन

मजदूरों की मदद का अनुरोध
लगातार हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किए जा रहे हैं और कई शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं. शिकायतों में कई मजदूरों ने यह भी बताया है कि वह जहां ठहरे हैं, उसके आसपास के लोग उन्हें संदिग्ध समझते हैं. साथ ही राशन, मास्क की मांग भी की जा रही है, ताकि वह भी कोरोना संक्रमण से अपना बचाव कर सकें. साथ ही कई मजदूरों ने यह भी जानकारी दी है कि उनकी शिकायत के बाद भी अब तक राहत नहीं मिल पाई है. इसके बाद राज्य सरकार के वरीय अधिकारियों ने उस जिले के पदाधिकारियों से संपर्क स्थापित किया है और मजदूरों की मदद का अनुरोध किया है.

लगातार मुख्यमंत्री फीडबैक ले रहे
राज्य सरकार लगातार प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को लेकर काम कर रही है और खुद मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं के समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सूचना भवन स्थित कंट्रोल रूम का दौरा भी किया था. साथ ही प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री से भी बात की थी. जिसके बाद प्रवासी मजदूरों को सहायता भी दी जा रही है. इसके साथ ही जिन पदाधिकारियों को प्रवासी मजदूरों के समस्या की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनसे लगातार मुख्यमंत्री फीडबैक भी ले रहे हैं.

शिकायतों पर काम की जा रही
इसके साथ ही राज्यस्तरीय कोरोना नियंत्रण केंद्र में भी आ रहे शिकायतों पर काम की जा रही है. यहां खाद्य सामग्री, चिकित्सा, विधि व्यवस्था और झारखंड में फंसे मजदूरों के संबंधित 8460 मामले आए हैं. जिनमें से 4879 मामलों पर सहायता उपलब्ध कराए जा चुके हैं. बाकी बचे मामलों पर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही राज्य में प्रवासी मजदूरों के लिए 611 राहत कैंप में 92846 मजदूरों को खाना खिलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- 5 ड्रोन से हो रही रांची के हिंदपीढ़ी की मॉनिटरिंग, यहीं से हैं झारखंड में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज

बेबस मजदूर झारखंड लौटने का इंतजार कर रहे
सरकार के प्रयास के बावजूद देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है. बेबस मजदूर झारखंड लौटने का इंतजार कर रहे हैं. सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने प्रवासी मजदूरों की समस्या के समाधान को लेकर किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा है कि राज्य सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव लगातार प्रवासी मजदूरों तक हर स्तर से मदद पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. इसके साथ ही पार्टी के लोग भी दूसरे राज्यों में प्रवासी मजदूरों को मदद पहुंचा रहे हैं.

क्या कहा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि सरकार के स्तर से जहां प्रवासी मजदूरों को मदद पहुंचाई जा रही है, वहीं पार्टी की ओर से बनाए गए कंट्रोल रूम में भी लगातार प्रवासी मजदूरों की जानकारी मिल रही है. उन तक भी सहायता पहुंचाई जा रही है. साथ ही झारखंड में फंसे दूसरे राज्य के मजदूरों के लिए भी राज्य सरकार की ओर से भोजन का इंतजाम किया गया है.

ये भी पढ़ें- कोरोना हॉटस्पॉट इलाके में तैनात पुलिसकर्मियों की हो मेडिकल जांच, पुलिस एसोसिएशन ने की मांग

मदद की जरूरत
ऐसे में कई प्रवासी मजदूरों के रिश्तेदार भी लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें घर तक वापस लाने के लिए कार्रवाई की जाए. स्थानीय अजय कुमार ने कहा कि उनके भी जान-पहचान के लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. सरकार की तरफ से मदद मिल रही है, लेकिन उन्हें और मदद की जरूरत है. वहीं स्थानीय रंजन ने अपील की है कि प्रवासी मजदूरों को वहां के समाज के लोग भी मदद करें. ताकि इस संकट की घड़ी में अपने घरों से दूर उन्हें थोड़ी राहत मिल सके.

राज्य के बाहर मजदूरी करने वाले लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर. अलग-अलग राज्यों के लिए नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया है.

  • विनय कुमार चौबे (दिल्ली)-9430119083
  • प्रशांत कुमार (हरियाणा)-9431126679
  • अमरेंद्र प्रतापसिंह (महाराष्ट्र)-9262997700
  • हिमानी पांडे (राजस्थान, दादर नगर हवेली, दमन दीव, मेघालय)-943114 0525
  • केके सोन (गुजरात, अरूणाचल प्रदेश, त्रिपुरा)-943170 88 83
  • पूजा सिंघल (पंजाब)-9431114011
  • आराधना पटनायक (उत्तर प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड)-9431100988
  • अमरेंद्र प्रताप सिंह (महाराष्ट्र)-9262997700
  • अबूबकर सिद्दीकी (केरल)-9955107207
  • अजय कुमार सिंह (कर्नाटक,असम, गोवा)-9431107352
  • प्रवीण कुमार टोप्पो (बिहार, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर)-8986628258
  • अविनाश कुमार (तमिलनाडु,मध्य प्रदेश)-9431107266
  • राहुल पुरवार (ओडिशा,हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड)-9955345321
  • के रवि कुमार (छत्तीसगढ़,मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप)-9431313503
  • अमिताभ कौशल (पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, लद्दाख)-9431160001
  • राहुल शर्मा (तेलंगाना)-94 31118199

रांची: झारखंड के सात लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर देश के दूसरे राज्यों में लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए हैं और उनके सामने भोजन की सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है. रोज कमाने खाने वाले मजदूरों के पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि वह जहां फंसे हैं, वहां से राशन खरीद सकें. प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सूचना भवन में कंट्रोल रूम बनाया है और सचिव स्तर के अधिकारियों समेत कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबर सरकार ने जारी किया है. जिस पर प्रवासी मजदूर लगातार राज्य सरकार के अधिकारियों से संपर्क किया कर रहे हैं. जिसके बाद उन्हें मदद पहुंचाने का प्रयास जारी है.

देखें स्पेशल स्टोरी
कई राज्यों में फंसे हैं मजदूर
आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 27 मार्च तक राज्य सरकार के पास लगभग 25 हजार प्रवासी मजदूर होने की सूचना थी. लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा 7,48,667 पहुंच गया है. महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु समेत अन्य राज्यों में झारखंड के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं और लगातार सरकार से सहायता की गुहार लगा रहे हैं.

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राहत पहुंचाने का काम
वहीं, 9 अप्रैल के आंकड़े के मुताबिक, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से अब तक श्रम, रोजगार और प्रशिक्षण विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर 21, 424 कॉल के जरिए 7,48,667 झारखंड के लोगों के फंसे होने की सूचना सरकार को मिली है. इसमें से 5025 जगहों पर 4,86,061 मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिली है. जिनमें से 4733 जगह पर 3,57,717 मजदूरों के खाने और रहने की व्यवस्था की गई है. बाकी लोगों के लिए भी सरकार राहत पहुंचाने का काम कर रही है.

ये भी पढ़ें- चाईबासाः लॉकडॉउन में 18 परिवारों पर अनाज का संकट, मामला संज्ञान में आते ही एक्टिव हुआ प्रशासन

मजदूरों की मदद का अनुरोध
लगातार हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किए जा रहे हैं और कई शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं. शिकायतों में कई मजदूरों ने यह भी बताया है कि वह जहां ठहरे हैं, उसके आसपास के लोग उन्हें संदिग्ध समझते हैं. साथ ही राशन, मास्क की मांग भी की जा रही है, ताकि वह भी कोरोना संक्रमण से अपना बचाव कर सकें. साथ ही कई मजदूरों ने यह भी जानकारी दी है कि उनकी शिकायत के बाद भी अब तक राहत नहीं मिल पाई है. इसके बाद राज्य सरकार के वरीय अधिकारियों ने उस जिले के पदाधिकारियों से संपर्क स्थापित किया है और मजदूरों की मदद का अनुरोध किया है.

लगातार मुख्यमंत्री फीडबैक ले रहे
राज्य सरकार लगातार प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को लेकर काम कर रही है और खुद मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं के समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सूचना भवन स्थित कंट्रोल रूम का दौरा भी किया था. साथ ही प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री से भी बात की थी. जिसके बाद प्रवासी मजदूरों को सहायता भी दी जा रही है. इसके साथ ही जिन पदाधिकारियों को प्रवासी मजदूरों के समस्या की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनसे लगातार मुख्यमंत्री फीडबैक भी ले रहे हैं.

शिकायतों पर काम की जा रही
इसके साथ ही राज्यस्तरीय कोरोना नियंत्रण केंद्र में भी आ रहे शिकायतों पर काम की जा रही है. यहां खाद्य सामग्री, चिकित्सा, विधि व्यवस्था और झारखंड में फंसे मजदूरों के संबंधित 8460 मामले आए हैं. जिनमें से 4879 मामलों पर सहायता उपलब्ध कराए जा चुके हैं. बाकी बचे मामलों पर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही राज्य में प्रवासी मजदूरों के लिए 611 राहत कैंप में 92846 मजदूरों को खाना खिलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- 5 ड्रोन से हो रही रांची के हिंदपीढ़ी की मॉनिटरिंग, यहीं से हैं झारखंड में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज

बेबस मजदूर झारखंड लौटने का इंतजार कर रहे
सरकार के प्रयास के बावजूद देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है. बेबस मजदूर झारखंड लौटने का इंतजार कर रहे हैं. सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने प्रवासी मजदूरों की समस्या के समाधान को लेकर किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा है कि राज्य सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव लगातार प्रवासी मजदूरों तक हर स्तर से मदद पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. इसके साथ ही पार्टी के लोग भी दूसरे राज्यों में प्रवासी मजदूरों को मदद पहुंचा रहे हैं.

क्या कहा कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि सरकार के स्तर से जहां प्रवासी मजदूरों को मदद पहुंचाई जा रही है, वहीं पार्टी की ओर से बनाए गए कंट्रोल रूम में भी लगातार प्रवासी मजदूरों की जानकारी मिल रही है. उन तक भी सहायता पहुंचाई जा रही है. साथ ही झारखंड में फंसे दूसरे राज्य के मजदूरों के लिए भी राज्य सरकार की ओर से भोजन का इंतजाम किया गया है.

ये भी पढ़ें- कोरोना हॉटस्पॉट इलाके में तैनात पुलिसकर्मियों की हो मेडिकल जांच, पुलिस एसोसिएशन ने की मांग

मदद की जरूरत
ऐसे में कई प्रवासी मजदूरों के रिश्तेदार भी लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें घर तक वापस लाने के लिए कार्रवाई की जाए. स्थानीय अजय कुमार ने कहा कि उनके भी जान-पहचान के लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. सरकार की तरफ से मदद मिल रही है, लेकिन उन्हें और मदद की जरूरत है. वहीं स्थानीय रंजन ने अपील की है कि प्रवासी मजदूरों को वहां के समाज के लोग भी मदद करें. ताकि इस संकट की घड़ी में अपने घरों से दूर उन्हें थोड़ी राहत मिल सके.

राज्य के बाहर मजदूरी करने वाले लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर. अलग-अलग राज्यों के लिए नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया है.

  • विनय कुमार चौबे (दिल्ली)-9430119083
  • प्रशांत कुमार (हरियाणा)-9431126679
  • अमरेंद्र प्रतापसिंह (महाराष्ट्र)-9262997700
  • हिमानी पांडे (राजस्थान, दादर नगर हवेली, दमन दीव, मेघालय)-943114 0525
  • केके सोन (गुजरात, अरूणाचल प्रदेश, त्रिपुरा)-943170 88 83
  • पूजा सिंघल (पंजाब)-9431114011
  • आराधना पटनायक (उत्तर प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड)-9431100988
  • अमरेंद्र प्रताप सिंह (महाराष्ट्र)-9262997700
  • अबूबकर सिद्दीकी (केरल)-9955107207
  • अजय कुमार सिंह (कर्नाटक,असम, गोवा)-9431107352
  • प्रवीण कुमार टोप्पो (बिहार, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर)-8986628258
  • अविनाश कुमार (तमिलनाडु,मध्य प्रदेश)-9431107266
  • राहुल पुरवार (ओडिशा,हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड)-9955345321
  • के रवि कुमार (छत्तीसगढ़,मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप)-9431313503
  • अमिताभ कौशल (पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, लद्दाख)-9431160001
  • राहुल शर्मा (तेलंगाना)-94 31118199
Last Updated : Apr 12, 2020, 3:48 PM IST
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