रांची: बुंडू में सोमवार को मनसा पूजा हर्षोल्लास और पारंपरिक रीतिरिवाज से मनाया गया. हर साल 17 अगस्त को मनाया जाने वाला मनसा पूजा में लोग सर्पों की देवी मनसा देवी की मूर्त्ती स्थापित कर अराधना करते हैं. क्षेत्र में सांपों का प्रकोप न हो इसी उद्देश्य से मनसा देवी की अराधना कर देवी को खुश किया जाता है.
पुरातन काल से चले आ रहे मनसा पूजा के लिए पंच परगना के लोग दिन भर उपवास रखते हैं. शाम को तलाबों या अन्य जलाशयों से बारी लाया जाता है. यहीं भक्त देवी मनसा को खुश करने के लिए जीभ या गाल पर लोहे से छेद करते हैं. ऐसी मान्यता है कि बारी के मनसा मंदिर पहुंचने पर यदि रास्ते में सोए हुए भक्त पर बारी का पांव पड़ता है तो भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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इस साल मनसा पूजा पर बड़ी संख्या में बच्चे-बूढे़ सहित बच्चे भी रोड पर लेट गए. बारी लाने वाले भक्तों ने लेटे सभी व्यक्तियों पर पांव रखा. बुंडू के मैनेजर तालाब और बड़ा तलाब से बारी उठाकर मनसा मंदिर तक लाया गया. मनसा पूजा पर मंदिरों में कोरोना को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा गया.