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रांची: आम की बिक्री पर कोरोना का ग्रहण, दाम में 25 फीसदी की आई गिरावट

आम के बाजार में भी कोरोना का ग्रहण लग गया है. सस्ता होने के बावजूद भी आम का कोरोबार ठंडा पड़ा हुआ है क्योंकि कोरोना के कारण लोग घरों से कम ही निकल रहे हैं. जिस कारण दुकादारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

Mango shopkeepers suffering loss due to COVID-19 in ranchi
आम का दुकान
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Published : Jun 26, 2020, 1:30 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 5:01 PM IST

रांची: गर्मी का मौसम आते ही लोगों को आम खाने का इंतजार रहता है. इस मौसम में आम खाने का मजा ही कुछ और होता है, लेकिन कोरोना वायरस का ग्रहण फलों का राजा आम पर भी लग गया है. लॉकडाउन की वजह से इसके कारोबार में इस बार काफी फर्क पड़ा है क्योंकि आम लोगों का आवागमन शहरों में अभी न के बराबर है. इस कारण से आम विक्रेता मायूस और हताश नजर आ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

राजधानी के मार्केट में सबसे पहले गुलाब खास आम गर्मी शुरू होते ही मार्केट में आ जाता है. यहां शुरुआती समय में 200 से 300 रुपए प्रति किलो तक बाजार में बिकता है. यह आम अप्रैल महीने से लेकर जून तक बाजार में अपनी धाक जमाए रहता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से गुलाब खास का कोई खास बाजार नहीं रहा. इसके बाद दशहरी आम स्वाद में भरपूर होता है जो जून और जुलाई के महीने में बाजार में आता है. हालांकि, जब लंगड़ा आम बाजार में आता है तो आम का दाम काफी कम हो जाता है, लेकिन इस बार दाम कम होने के बावजूद इसकी बिक्री न के बराबर हो रही है.

दुकादारों को उठाना पड़ रहा नुकसान

दुकानदार की माने तो हर साल आम का व्यापार काफी अच्छा रहता था, लेकिन इस बार आम के सीजन में ही लॉकडाउन लागू हो गया, जिसके कारण आम की बिक्री न के बराबर हुई. वहीं, जब अनलॉक-1 शुरू हुआ है तो लोगों का शहर में आवागमन शुरू हुआ, लेकिन कई प्रतिष्ठान कोर्ट कचहरी आदि बंद हो जाने के कारण आम की बिक्री में कोई फर्क नहीं आया.

कोरोना के कारण आम के रेट में कमी

मॉनसून के समय बाजार में लंगड़ा और मालदा आम जोर शोर से दिखते हैं, जो बाजार में 40 से 50 रुपए किलो में बिकते हैं. वहीं, चौसा आम जुलाई से अगस्त तक बाजार में अपनी धाक जमाए रहता है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण इसके रेट में काफी गिरावट देखने को मिली है. बाजार में सबसे ज्यादा आम उत्तर प्रदेश, बंगाल और बिहार से मंगाए जाते हैं.

सस्ते दाम में मिल रहा आम

खरीदारों की माने तो आम फलों का राजा माना जाता है और इस बार आम काफी सस्ते दाम पर बाजार में मिल रहा है. इसके बावजूद लोग आम नहीं खरीद रहे हैं क्योंकि लोगों के जेब में पैसा नहीं है.

ये भी देखें- उत्तर प्रदेश से चलाई जा रही है जैक की फर्जी वेबसाइट, साइबर सेल को दी गई जानकारी

कई किस्म के पाए जाते हैं आम

पूरी दुनिया में आम की एक अलग ही पहचान है. 1500 से अधिक किस्म के आम पाए जाते हैं, जिसमें से एक हजार किस्मों के आम भारत में पाए जाते हैं. प्रत्येक किस्म की आम की एक अलग पहचान है.

अलग-अलग आमों के नाम

बाजार में फलजी, गुलाब खास, लंगड़ा, दशहरी, बैगनपल्ली, सुवर्णरेखा, नीलम, तोतापुरी, चौसा, किशनभोग, केसर, अल्फांसो, राजपुरी, जमादार, मुलगोबा, केशर, पैरी, मालदा, हिमसागर, मांकुराद, सिंदुरा, बादामी, राजपुरी, इमाम, पसंद, आम्रपाली, लरूबा, कलकतिया, सुपारी आम, जर्दालू, ककरिया आम, मोहन ठाकुर आम, गुलगाई, सफेद यह सभी प्रमुख आम हैं, लेकिन मार्केट में इन तमाम आम के दाम में पिछले साल की अपेक्षा 20 से 25 फिसदी की कमी पाई जा रही है.

रांची: गर्मी का मौसम आते ही लोगों को आम खाने का इंतजार रहता है. इस मौसम में आम खाने का मजा ही कुछ और होता है, लेकिन कोरोना वायरस का ग्रहण फलों का राजा आम पर भी लग गया है. लॉकडाउन की वजह से इसके कारोबार में इस बार काफी फर्क पड़ा है क्योंकि आम लोगों का आवागमन शहरों में अभी न के बराबर है. इस कारण से आम विक्रेता मायूस और हताश नजर आ रहे हैं.

देखें पूरी खबर

राजधानी के मार्केट में सबसे पहले गुलाब खास आम गर्मी शुरू होते ही मार्केट में आ जाता है. यहां शुरुआती समय में 200 से 300 रुपए प्रति किलो तक बाजार में बिकता है. यह आम अप्रैल महीने से लेकर जून तक बाजार में अपनी धाक जमाए रहता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से गुलाब खास का कोई खास बाजार नहीं रहा. इसके बाद दशहरी आम स्वाद में भरपूर होता है जो जून और जुलाई के महीने में बाजार में आता है. हालांकि, जब लंगड़ा आम बाजार में आता है तो आम का दाम काफी कम हो जाता है, लेकिन इस बार दाम कम होने के बावजूद इसकी बिक्री न के बराबर हो रही है.

दुकादारों को उठाना पड़ रहा नुकसान

दुकानदार की माने तो हर साल आम का व्यापार काफी अच्छा रहता था, लेकिन इस बार आम के सीजन में ही लॉकडाउन लागू हो गया, जिसके कारण आम की बिक्री न के बराबर हुई. वहीं, जब अनलॉक-1 शुरू हुआ है तो लोगों का शहर में आवागमन शुरू हुआ, लेकिन कई प्रतिष्ठान कोर्ट कचहरी आदि बंद हो जाने के कारण आम की बिक्री में कोई फर्क नहीं आया.

कोरोना के कारण आम के रेट में कमी

मॉनसून के समय बाजार में लंगड़ा और मालदा आम जोर शोर से दिखते हैं, जो बाजार में 40 से 50 रुपए किलो में बिकते हैं. वहीं, चौसा आम जुलाई से अगस्त तक बाजार में अपनी धाक जमाए रहता है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण इसके रेट में काफी गिरावट देखने को मिली है. बाजार में सबसे ज्यादा आम उत्तर प्रदेश, बंगाल और बिहार से मंगाए जाते हैं.

सस्ते दाम में मिल रहा आम

खरीदारों की माने तो आम फलों का राजा माना जाता है और इस बार आम काफी सस्ते दाम पर बाजार में मिल रहा है. इसके बावजूद लोग आम नहीं खरीद रहे हैं क्योंकि लोगों के जेब में पैसा नहीं है.

ये भी देखें- उत्तर प्रदेश से चलाई जा रही है जैक की फर्जी वेबसाइट, साइबर सेल को दी गई जानकारी

कई किस्म के पाए जाते हैं आम

पूरी दुनिया में आम की एक अलग ही पहचान है. 1500 से अधिक किस्म के आम पाए जाते हैं, जिसमें से एक हजार किस्मों के आम भारत में पाए जाते हैं. प्रत्येक किस्म की आम की एक अलग पहचान है.

अलग-अलग आमों के नाम

बाजार में फलजी, गुलाब खास, लंगड़ा, दशहरी, बैगनपल्ली, सुवर्णरेखा, नीलम, तोतापुरी, चौसा, किशनभोग, केसर, अल्फांसो, राजपुरी, जमादार, मुलगोबा, केशर, पैरी, मालदा, हिमसागर, मांकुराद, सिंदुरा, बादामी, राजपुरी, इमाम, पसंद, आम्रपाली, लरूबा, कलकतिया, सुपारी आम, जर्दालू, ककरिया आम, मोहन ठाकुर आम, गुलगाई, सफेद यह सभी प्रमुख आम हैं, लेकिन मार्केट में इन तमाम आम के दाम में पिछले साल की अपेक्षा 20 से 25 फिसदी की कमी पाई जा रही है.

Last Updated : Jun 26, 2020, 5:01 PM IST
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