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रिम्स का मुकदमा लड़ने के लिए वकीलों की सूची जारी, इन मामलों में अदालत ने सरकार से मांगा फ्रेश शोकाॅज फाइल

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Published : Oct 22, 2021, 8:41 PM IST

रिम्स ने अपना मुकदमा लड़ने के लिए वकीलों की सूची तय कर दी है. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में पक्ष रखने के लिए अलग-अलग वकीलों की सूची तय की गई है. वहीं झारखंड के गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में दायर अवमाननावाद याचिका पर भी हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.

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झारखंड हाई कोर्ट

रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स ने अपना मुकदमा लड़ने के लिए वकीलों की सूची तय कर दी है. सुप्रीम कोर्ट में रिम्स का पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एचके चतुर्वेदी, मनीष कुमार चौधरी, तारकेश्वर नाथ और सुनील जैन मैथ्यू को शामिल किया गया है.

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रिम्स ने झारखंड हाई कोर्ट में भी अपना पक्ष रखने के लिए हाई कोर्ट के अधिवक्ता संजय पिपरवार, अतनु बनर्जी, आशुतोष आनंद, निपुण बख्शी, पूर्णेन्दु सरन, श्रीनू गणपति और पार्थ सारथी आनंद स्वरूप को पैनल में शामिल किया गया है. रिम्स से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट और झारखंड कोर्ट में जो दायर होगा. उसमें रिम्स के पक्ष इन अधिवक्ताओं के द्वारा रखा जाएगा.

संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में सुनवाई

वहीं झारखंड के गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में दायर अवमाननावाद याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए राज्य सरकार को फ्रेश शोकाॅज फाइल करने को कहा है. सरकार को जवाब में यह बताने को कहा है कि अदालत के आदेश के बावजूद भी अब तक आखिर किस कारण से गैर अनुसूचित जिले में संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति की गई है. कब तक कर दी जाएगी. इस पर विस्तृत बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है. सरकार के जवाब आने के बाद मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.

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न्यायाधीश डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की अधिवक्ता के द्वारा अदालत को जानकारी दी गई कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की अनुशंसा की सूची सरकार को भेज दिया गया है. राज्य के 2 गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षक की नियुक्ति भी कर दी गई है. लेकिन अन्य जिले में अभी तक नियुक्ति नहीं की गई है. इसका कोई विशेष कारण नहीं बताया जा रहा है. उन्होंने अदालत से शीघ्र नियुक्ति की गुहार लगाते हुए सरकार को शीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश देने का आग्रह किया. याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति की मांग की है. उनका कहना है कि हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित हो गया है. इसके बावजूद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है.

रांची: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स ने अपना मुकदमा लड़ने के लिए वकीलों की सूची तय कर दी है. सुप्रीम कोर्ट में रिम्स का पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एचके चतुर्वेदी, मनीष कुमार चौधरी, तारकेश्वर नाथ और सुनील जैन मैथ्यू को शामिल किया गया है.

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रिम्स ने झारखंड हाई कोर्ट में भी अपना पक्ष रखने के लिए हाई कोर्ट के अधिवक्ता संजय पिपरवार, अतनु बनर्जी, आशुतोष आनंद, निपुण बख्शी, पूर्णेन्दु सरन, श्रीनू गणपति और पार्थ सारथी आनंद स्वरूप को पैनल में शामिल किया गया है. रिम्स से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट और झारखंड कोर्ट में जो दायर होगा. उसमें रिम्स के पक्ष इन अधिवक्ताओं के द्वारा रखा जाएगा.

संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में सुनवाई

वहीं झारखंड के गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति मामले में दायर अवमाननावाद याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए राज्य सरकार को फ्रेश शोकाॅज फाइल करने को कहा है. सरकार को जवाब में यह बताने को कहा है कि अदालत के आदेश के बावजूद भी अब तक आखिर किस कारण से गैर अनुसूचित जिले में संस्कृत शिक्षक की नियुक्ति की गई है. कब तक कर दी जाएगी. इस पर विस्तृत बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा है. सरकार के जवाब आने के बाद मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी.

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न्यायाधीश डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की अधिवक्ता के द्वारा अदालत को जानकारी दी गई कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की अनुशंसा की सूची सरकार को भेज दिया गया है. राज्य के 2 गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षक की नियुक्ति भी कर दी गई है. लेकिन अन्य जिले में अभी तक नियुक्ति नहीं की गई है. इसका कोई विशेष कारण नहीं बताया जा रहा है. उन्होंने अदालत से शीघ्र नियुक्ति की गुहार लगाते हुए सरकार को शीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश देने का आग्रह किया. याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति की मांग की है. उनका कहना है कि हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित हो गया है. इसके बावजूद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है.

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