रांची: संसद में जोरदार हंगामे के बीच कृषि बिल को मंजूरी दे दी गई. जिसको लेकर देश के कई किसान संगठन और राजनीतिक दल विरोध में सड़क पर उतर आए हैं.
25 सितंबर को प्रदर्शन
कृषि बिल के विरोध का स्वर झारखंड में भी दिखने लगा है. एनडीए के विपक्ष के रूप में राजनीति कर रहे वाम दल ने इसका विरोध करते हुए 25 सितंबर को झारखंड के सभी जिलों में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. इसे लेकर भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने बताया कि जिस तरह से संसद में जबरदस्ती किसान बिल को पास किया गया है और राज्य और देश में कंपनी राज थोपा जा रहा है, इसका विरोध पुरजोर तरीके से वामदल कर रही है.
ये भी पढ़ें- नियोजन नीति के मामले पर मुख्यमंत्री के बयान पर भाजपा का पलटवार, कहा- हर मुद्दे पर फ्लॉप है सरकार
पुरजोर विरोध
उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को झारखंड के हर प्रखंड में भारी संख्या में लोग हल बैल लेकर और अन्य साजो सामान के साथ सड़क पर उतरेंगे और किसान बिल का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट की मांग को नजरअंदाज कर रही है. जिसमें यह कहा गया है कि किसानों को लागत से डेढ़ गुना अधिक लाभ मिले, लेकिन सरकार इस रिपोर्ट को भूल कर किसानों के बाजार को कॉर्पोरेट घरानों के हाथों में बेचने की साजिश कर रही है जो वामदल कभी भी नहीं होने देगा और इस बिल को वापस लेने के लिए पुरजोर विरोध करेगा.