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चाईबासा मामले में जमानत मिलने के बाद भी लालू नहीं निकल सकेंगे जेल से बाहर, RJD की बढ़ीं मुश्किलें

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Published : Oct 4, 2020, 5:30 AM IST

चारा घोटाला के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में 9 अक्टूबर को सुनवाई होगी. हालांकि इस याचिका में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद भी वह जेल में ही रहेंगे. राष्ट्रीय जनता दल को बिना लालू प्रसाद के ही चुनाव मैदान में उतरना होगा.

Lalu's release from jail still difficult
लालू प्रसाद यादव

रांची:चारा घोटाला मामले के सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद आगामी बिहार चुनाव के लिए जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद भी वह जेल में ही रहेंगे. राष्ट्रीय जनता दल को बिना लालू प्रसाद के ही चुनाव मैदान में उतरना होगा. बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद की अलग पहचान है, इसलिए चुनाव में उनकी कमी तो खलेगी ही.

देखें पूरी खबर

9 अक्टूबर को सुनवाई

चारा घोटाला के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में 9 अक्टूबर को सुनवाई होगी. इस मामले में सजा का आधा समय जेल में बिताने के आधार पर उन्हें जमानत मिल भी सकती है. ऐसे में अदालत के आदेश पर कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन उनके अधिवक्ताओं को उम्मीद है कि 9 अक्टूबर को इस मामले में लालू प्रसाद को जमानत मिल सकती है पर लालू प्रसाद को चाईबासा मामले में जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर निकलना मुश्किल है, क्योंकि दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की अदालत से उन्हें 7 साल की सजा दी गई है, उस मामले में वह सजायाफ्ता हैं. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी जमानत मिलने के बाद ही वह जेल से बाहर आ सकते हैं. इसलिए फिलहाल उन्हें चाईबासा मामले में जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा, यानी कि उनकी रिहाई नहीं होगी.

और पढ़ें- लालू यादव से मिले प्रशंसक, बोले पुराना परिचय है

बिहार की राजनीति को समझने वालों का मानना है कि बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद की एक अलग पहचान है और चुनाव में जेल से बाहर नहीं निकल पाने पर काफी प्रभाव पड़ेगा. पिछले चुनाव में वह काफी सक्रिय थे, जिसका प्रभाव यह पड़ा कि उनकी पार्टी अपने एलायंस के साथ सत्ता में भी आई. इस बार उनके जेल में रहने का काफी कुछ प्रभाव दिखेगा.

रांची:चारा घोटाला मामले के सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद आगामी बिहार चुनाव के लिए जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद भी वह जेल में ही रहेंगे. राष्ट्रीय जनता दल को बिना लालू प्रसाद के ही चुनाव मैदान में उतरना होगा. बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद की अलग पहचान है, इसलिए चुनाव में उनकी कमी तो खलेगी ही.

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9 अक्टूबर को सुनवाई

चारा घोटाला के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में 9 अक्टूबर को सुनवाई होगी. इस मामले में सजा का आधा समय जेल में बिताने के आधार पर उन्हें जमानत मिल भी सकती है. ऐसे में अदालत के आदेश पर कुछ कहा नहीं जा सकता है, लेकिन उनके अधिवक्ताओं को उम्मीद है कि 9 अक्टूबर को इस मामले में लालू प्रसाद को जमानत मिल सकती है पर लालू प्रसाद को चाईबासा मामले में जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर निकलना मुश्किल है, क्योंकि दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की अदालत से उन्हें 7 साल की सजा दी गई है, उस मामले में वह सजायाफ्ता हैं. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी जमानत मिलने के बाद ही वह जेल से बाहर आ सकते हैं. इसलिए फिलहाल उन्हें चाईबासा मामले में जमानत मिलने के बाद भी जेल से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा, यानी कि उनकी रिहाई नहीं होगी.

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बिहार की राजनीति को समझने वालों का मानना है कि बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद की एक अलग पहचान है और चुनाव में जेल से बाहर नहीं निकल पाने पर काफी प्रभाव पड़ेगा. पिछले चुनाव में वह काफी सक्रिय थे, जिसका प्रभाव यह पड़ा कि उनकी पार्टी अपने एलायंस के साथ सत्ता में भी आई. इस बार उनके जेल में रहने का काफी कुछ प्रभाव दिखेगा.

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