रांची: गुरुवार को रिम्स के एक लैब टेक्नीशियन के संक्रमित होने के बाद रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कार्यरत सभी लैब टेक्नीशियन ने अपना विरोध जताने अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. लैब टेक्नीशियन ने अपना विरोध जताते हुए बताया कि अगर सरकार जल्द से जल्द हम लैब टेक्नीशियनों को क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था नहीं की जाती है तो हम सभी लैब टेक्नीशियन काम का पूर्णरूपेण विरोध करेंगे.
वहीं, विरोध कर रहे लैब टेक्नीशियनों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और सरकार द्वारा मुहैया कराया गया जो भी संसाधन है वह भी कहीं न कहीं सुरक्षा के मानकों को पूरा नहीं कर पा रहा है. लैब टेक्नीशियन का कहना है कि कोविड-19 महामारी अधिनियम के तहत भी अभी तक स्वास्थ विभाग द्वारा किसी भी टेक्नीशियन को किसी तरह की कोई विशेष ट्रेनिंग नहीं दी गई.
कुछ लैब टेक्नीशियन बता रहे हैं कि पिछले कई महीनों से स्थाई नियुक्ति को लेकर हम सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा न तो किसी तरह की पहल की गई है. ऐसे में हम सभी कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल लैब टेक्नीशियन अपनी भविष्य को सुनिश्चित किए बगैर ही लोगों की जांच कर रहे हैं.
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वहीं, पूरे मामले पर रिम्स के अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप ने बताया कि वर्तमान में माइक्रोबायोलॉजी विभाग को पूरी तरह से सेनेटाइज किया जा रहा है और जो भी लोग संक्रमित लैब टेक्नीशियन के संपर्क में थे उन सभी टेक्निसियनों का सैंपल कलेक्ट कर जांच की जा रही है.