रांची: पिछले 3 सालों से 7वें वेतनमान का एरियर न मिलने के कारण अब जूनियर डॉक्टर प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग से आरपार के मूड में दिख रहे हैं. दरअसल पिछले दिनों शासी परिषद की हुई बैठक में जूनियर डॉक्टर और रेजिडेंट डॉक्टर के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य मंत्री और रिम्स प्रबंधन को बताया कि पिछले 3 सालों से अभी तक उन्हें 7वें वेतनमान का एरियर नहीं मिल पाया है, जबकि इसके लिए चिकित्सकों ने प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को पहले भी सूचना दी है. अभी तक इसको लेकर कोई सुध नहीं ली गई है.
चिकित्सकों की मांग
अपने हक की मांग को लेकर पिछले दिनों जूनियर डॉक्टर और रेजिडेंट चिकित्सकों ने स्वास्थ्य मंत्री और रिम्स प्रबंधन के सामने अपनी बात रखी. इसके साथ ही उन्होंने यह ऐलान किया कि अगर एक सप्ताह के अंदर चिकित्सकों के सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान नहीं होता है तो वह विरोध करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि पिछले 3 सालों के एरियर की मांग को लेकर हम लोग लगातार प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
काला बिल्ला लगाकर करेंगे विरोध
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में रिम्स के जूनियर और रेजिडेंट चिकित्सकों ने जान पर खेलकर मरीजों की जान बचाने का काम किया है. इसके बावजूद भी चिकित्सकों को अपने हक की मांग को लेकर इस तरह से आग्रह करना पड़ रहा है जोकि काफी शर्मनाक है. इसीलिए चिकित्सकों की ओर से यह चेतावनी दी जाती है कि अगर रविवार तक हम चिकित्सकों को सातवें वेतनमान के हिसाब से पिछले 3 सालों का एरियर भुगतान नहीं किया जाता है तो सोमवार से काला बिल्ला लगाकर विरोध जताएंगे. अगर एक सप्ताह में भी सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो हम अपने आंदोलन को उग्र करने के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिसके लिए आने वाले दिनों में रणनीति बनाई जाएगी.
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स्वास्थ्य मंत्री ने दिया आश्वासन
चिकित्सकों की मांग को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस पर विचार किया जाएगा और जो भी जायज होगा उसे करने की कोशिश की जाएगी. चिकित्सकों ने यह चेतावनी दी है कि सरकार जल्द से जल्द निर्णय लें, नहीं तो विरोध करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. ऐसे में अगर स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराती है तो उसके जिम्मेदार सिर्फ रिम्स प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग होगा.