रांची: राज्य के विश्वविद्यालयों में थर्ड ग्रेड में नियुक्ति का अधिकार कुलपतियों से ले लिया गया है. पहले इससे जुड़े अधिकार रघुवर सरकार ने विभाग की ओर से कुलपतियों को दिया था. रघुवर सरकार के फैसले को हेमंत सरकार ने बदल दिया है. अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कुछ विश्वविद्यालयों ने तो इसे लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई है. हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता तनुज खत्री ने सरकार के फैसले को सराहा है.
रघुवर सरकार के दौरान राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों को यह अधिकार दिया गया था कि तृतीय श्रेणी में नियुक्ति का अधिकार कुलपतियों को होगा. विश्वविद्यालय अपने स्तर पर थर्ड ग्रेड की नौकरियों में नियुक्ति कर सकते हैं. हालांकि, इस पूरे फैसले को ही हेमंत सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने बदल दिया है. अब झारखंड कर्मचारी आयोग यानी कि जेएसएससी इन पदों पर नियुक्ति करेगा. विभागीय सचिव ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर 15 दिनों में जेएसएससी को थर्ड ग्रेड की रिक्तियों की संख्या भेजने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है.
कुछ छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया है तो कुछ छात्र संगठनों ने स्वागत भी किया है. इसके अलावा राज्य के विश्वविद्यालयों ने भी इस निर्णय पर फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है. वहीं, लंबे समय से छात्र नेता रहे फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता तनुज खत्री ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालयों द्वारा मनमाने तरीके से अपने लोगों को नियुक्ति किया जा रहा था. इस नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने के लिए राज्य सरकार ने जेएसएससी को इसका अधिकार दिया है और राज्य सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है. विश्वविद्यालय के अधिकारी अब अनियमितता नहीं कर पाएंगे यह एक अच्छा फैसला है.
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कर्मचारी हो रहे हैं रिटायर
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में वर्ष 2021 तक थर्ड ग्रेड और फोर्थ ग्रेड के पदों पर नियुक्त अनेक शिक्षकेतर कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे और इसके आधार पर अब विश्वविद्यालयों को 15 दिनों के अंदर जेएसएससी को थर्ड ग्रेड के लिए कर्मचारियों की संख्या भेजना होगा. विश्वविद्यालय प्रबंधन जितनी जल्दी रिक्तियों की संख्या भेजेगी उतनी जल्दी एसएससी की ओर से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उच्च शिक्षा विभाग के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने इसे लेकर विशेष निर्देश जारी किया है.