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20 वर्षों से कछुए की चाल से चल रहा यह आयोग, बढ़ने की बजाय घटती गईं सीटें - जेपीएससी न्यूज

जेपीएससी की ओर से एक बार फिर सिविल सेवा परीक्षा 2 मई 2021 को आयोजित की जानी है. इस बार जेपीएससी संयुक्त रूप से चार सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कर रही है. इन चार परीक्षाओं के लिए सिर्फ 252 रिक्तियां हैं जो कि पहले की एक सिविल सेवा परीक्षा के बराबर भी नहीं है ऐसे में अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश है.

JPSC Civil Services Examination Controversy in ranchi
जेपीएससी
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Published : Apr 8, 2021, 3:29 PM IST

Updated : Apr 8, 2021, 10:19 PM IST

रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग यानी जेपीएससी का हमेशा से ही विवादों से गहरा नाता रहा है. बीते 20 वर्ष में जेपीएससी ने कुल 6 सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की हैं. शायद ही कोई ऐसी परीक्षा हो जिसमें विवाद ना हुआ हो. सिविल सेवा परीक्षा के आयोजन में समय का अंतराल तो बढ़ता गया लेकिन सीटों की संख्या बढ़ने की बजाय घटती गई. जेपीएससी की तैयारी करने वाले युवा हमेशा ही ठगा महसूस करते हैं और लगातार आंदोलन भी होता रहा है.

देखें पूरी खबर

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गठन के बाद से ही विवाद

झारखंड गठन के बाद वर्ष 2002 में जेपीएससी का गठन हुआ था और वर्ष 2003 में पहला जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की गयी थी. झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से ली गई इस परीक्षा में 64 सीट थी. 2 साल बाद 2005 में 172 सीटों के लिए जेपीएससी ने परीक्षा का आयोजन किया और शुरू से ही जेपीएससी विवादों के घेरे में आ गया. पहली जेपीएससी से लेकर अब तक हुए सिविल सेवा परीक्षा पर कभी करप्शन पर विवाद हुआ तो कभी आरक्षण को लेकर जेपीएससी के अभ्यर्थियों ने जोरदार आंदोलन किया. जेपीएससी के विभिन्न परीक्षाओं को लेकर 42 मामले कोर्ट में चल रहे हैं. वहीं, कई एग्जाम की सीबीआई जांच चल रही है. बीते 20 वर्षों में जेपीएससी ने कुल 6 सिविल सेवा परीक्षा अब तक ली है. शायद ही कोई ऐसी परीक्षा हो जिसमें विवाद ना हुआ हो.

समय अंतराल बढ़ा सीटें घटीं

वहीं, सिविल सेवा परीक्षा के आयोजन में समय का अंतराल तो बढ़ता गया लेकिन सीटों की संख्या बढ़ने के बजाय घटती चली गई. एक बार फिर झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. झारखंड लोक सेवा आयोग संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा 2021 को लेकर प्रारंभिक परीक्षा की संभावित तिथि 2 मई 2021 रखी गयी है. वहीं, मुख्य परीक्षा की संभावित तिथि सितंबर 2021 के तीसरे सप्ताह में है. राज्य में छठी सिविल सेवा परीक्षा के बाद से होने वाली सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के बीच 5 साल का अंतर है. राज्य सरकार की ओर से राज्य लोक प्रशासन में 5 साल तक कोई नियुक्ति नहीं करने के बाद भी सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में रिक्तियों की संख्या कम है और इससे अभ्यर्थी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. छठी सिविल सेवा परीक्षा के रिक्तियों से इस बार के रिक्तियों में 76 सीट कम हो गयी है, जबकि 20 साल में हुई छह सिविल सेवा परीक्षाओं में सबसे ज्यादा नियुक्तियां छठी सिविल सेवा परीक्षा में हुई है और सबसे कम नियुक्ति पहली सिविल सेवा परीक्षा में हुई थी.

ये भी पढ़ें-रांची में जैप अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन, दूसरी वरीयता सूची जारी करने की मांग

छठी सिविल सेवा परीक्षा में सबसे अधिक सीटें

ऐसा पहली बार हो रहा है जब जेपीएससी संयुक्त रूप से चार सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कर रहा है और यह परीक्षा 5 सालों के अंतराल में आयोजित की जा रही है. इसके बावजूद रिक्तियां एक सिविल सेवा परीक्षा के बराबर नहीं है. पहले की परीक्षाओं में रिक्तियों की संख्या को देखें तो पहली सिविल सेवा परीक्षा में रिक्तियों की संख्या 64, दूसरी सिविल सेवा परीक्षा में 172, तीसरी सिविल सेवा परीक्षा में 242 ,चौथी सिविल सेवा परीक्षा में 219, पांचवी सिविल सेवा परीक्षा में 269 और छठी सिविल सेवा परीक्षा में 326 सीटों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. अब तक सबसे अधिक सीटों में छठी सिविल सेवा परीक्षा में ही सीटें रखी गई थी और सबसे ज्यादा विवाद भी छठी सिविल सेवा परीक्षा के दौरान ही हुई है.

7वीं से 10वीं सिविल सेवा परीक्षा के लिए मात्र 252 सीट

सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के लिए 252 पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा होगी. इस परीक्षा के माध्यम से 11 सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. इसे लेकर अभ्यर्थियों में भी काफी आक्रोश है. तमाम लोग लगातार आंदोलित भी है. आरक्षण ,उम्र सीमा, स्थानीयता जैसे कई मामलों को लेकर वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर भी विवाद है. हालांकि सरकार अब इन परीक्षाओं को आयोजित करने को लेकर अडिग है और यह परीक्षाएं आयोजित होगी भी. जेपीएससी परीक्षा में शामिल होने वाले इच्छुक अभ्यर्थी तैयारियों में भी जुटे हैं. उम्मीद है परीक्षा समय पर आयोजित होगी और परिणाम भी बेहतर तरीके से जेपीएससी योजना के तहत प्रकाशित होगी.

सेवा और पदों की संख्याः-

  • झारखंड शिक्षा सेवा वर्ग- 41
  • पुलिस उपाधीक्षक -40
  • उप समाहर्ता- 44
  • जिला समादेष्टा -16
  • कारा अधीक्षक- 2
  • सहायक नगर आयुक्त- 65
  • अवर निबंधक -10
  • सहायक निबंधक -6
  • सहायक निदेशक -2
  • नियोजन पदाधिकारी -9
  • प्रोबेशन पदाधिकारी- 17

रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग यानी जेपीएससी का हमेशा से ही विवादों से गहरा नाता रहा है. बीते 20 वर्ष में जेपीएससी ने कुल 6 सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की हैं. शायद ही कोई ऐसी परीक्षा हो जिसमें विवाद ना हुआ हो. सिविल सेवा परीक्षा के आयोजन में समय का अंतराल तो बढ़ता गया लेकिन सीटों की संख्या बढ़ने की बजाय घटती गई. जेपीएससी की तैयारी करने वाले युवा हमेशा ही ठगा महसूस करते हैं और लगातार आंदोलन भी होता रहा है.

देखें पूरी खबर

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गठन के बाद से ही विवाद

झारखंड गठन के बाद वर्ष 2002 में जेपीएससी का गठन हुआ था और वर्ष 2003 में पहला जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की गयी थी. झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से ली गई इस परीक्षा में 64 सीट थी. 2 साल बाद 2005 में 172 सीटों के लिए जेपीएससी ने परीक्षा का आयोजन किया और शुरू से ही जेपीएससी विवादों के घेरे में आ गया. पहली जेपीएससी से लेकर अब तक हुए सिविल सेवा परीक्षा पर कभी करप्शन पर विवाद हुआ तो कभी आरक्षण को लेकर जेपीएससी के अभ्यर्थियों ने जोरदार आंदोलन किया. जेपीएससी के विभिन्न परीक्षाओं को लेकर 42 मामले कोर्ट में चल रहे हैं. वहीं, कई एग्जाम की सीबीआई जांच चल रही है. बीते 20 वर्षों में जेपीएससी ने कुल 6 सिविल सेवा परीक्षा अब तक ली है. शायद ही कोई ऐसी परीक्षा हो जिसमें विवाद ना हुआ हो.

समय अंतराल बढ़ा सीटें घटीं

वहीं, सिविल सेवा परीक्षा के आयोजन में समय का अंतराल तो बढ़ता गया लेकिन सीटों की संख्या बढ़ने के बजाय घटती चली गई. एक बार फिर झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. झारखंड लोक सेवा आयोग संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा 2021 को लेकर प्रारंभिक परीक्षा की संभावित तिथि 2 मई 2021 रखी गयी है. वहीं, मुख्य परीक्षा की संभावित तिथि सितंबर 2021 के तीसरे सप्ताह में है. राज्य में छठी सिविल सेवा परीक्षा के बाद से होने वाली सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के बीच 5 साल का अंतर है. राज्य सरकार की ओर से राज्य लोक प्रशासन में 5 साल तक कोई नियुक्ति नहीं करने के बाद भी सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में रिक्तियों की संख्या कम है और इससे अभ्यर्थी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. छठी सिविल सेवा परीक्षा के रिक्तियों से इस बार के रिक्तियों में 76 सीट कम हो गयी है, जबकि 20 साल में हुई छह सिविल सेवा परीक्षाओं में सबसे ज्यादा नियुक्तियां छठी सिविल सेवा परीक्षा में हुई है और सबसे कम नियुक्ति पहली सिविल सेवा परीक्षा में हुई थी.

ये भी पढ़ें-रांची में जैप अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन, दूसरी वरीयता सूची जारी करने की मांग

छठी सिविल सेवा परीक्षा में सबसे अधिक सीटें

ऐसा पहली बार हो रहा है जब जेपीएससी संयुक्त रूप से चार सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कर रहा है और यह परीक्षा 5 सालों के अंतराल में आयोजित की जा रही है. इसके बावजूद रिक्तियां एक सिविल सेवा परीक्षा के बराबर नहीं है. पहले की परीक्षाओं में रिक्तियों की संख्या को देखें तो पहली सिविल सेवा परीक्षा में रिक्तियों की संख्या 64, दूसरी सिविल सेवा परीक्षा में 172, तीसरी सिविल सेवा परीक्षा में 242 ,चौथी सिविल सेवा परीक्षा में 219, पांचवी सिविल सेवा परीक्षा में 269 और छठी सिविल सेवा परीक्षा में 326 सीटों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. अब तक सबसे अधिक सीटों में छठी सिविल सेवा परीक्षा में ही सीटें रखी गई थी और सबसे ज्यादा विवाद भी छठी सिविल सेवा परीक्षा के दौरान ही हुई है.

7वीं से 10वीं सिविल सेवा परीक्षा के लिए मात्र 252 सीट

सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के लिए 252 पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा होगी. इस परीक्षा के माध्यम से 11 सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा. इसे लेकर अभ्यर्थियों में भी काफी आक्रोश है. तमाम लोग लगातार आंदोलित भी है. आरक्षण ,उम्र सीमा, स्थानीयता जैसे कई मामलों को लेकर वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर भी विवाद है. हालांकि सरकार अब इन परीक्षाओं को आयोजित करने को लेकर अडिग है और यह परीक्षाएं आयोजित होगी भी. जेपीएससी परीक्षा में शामिल होने वाले इच्छुक अभ्यर्थी तैयारियों में भी जुटे हैं. उम्मीद है परीक्षा समय पर आयोजित होगी और परिणाम भी बेहतर तरीके से जेपीएससी योजना के तहत प्रकाशित होगी.

सेवा और पदों की संख्याः-

  • झारखंड शिक्षा सेवा वर्ग- 41
  • पुलिस उपाधीक्षक -40
  • उप समाहर्ता- 44
  • जिला समादेष्टा -16
  • कारा अधीक्षक- 2
  • सहायक नगर आयुक्त- 65
  • अवर निबंधक -10
  • सहायक निबंधक -6
  • सहायक निदेशक -2
  • नियोजन पदाधिकारी -9
  • प्रोबेशन पदाधिकारी- 17
Last Updated : Apr 8, 2021, 10:19 PM IST
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