रांची: अनलॉक वन के बाद झारखंड सरकार में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जितनी भी ट्रेनों का केंद्र सरकार परिचालन करा रही है. उसमें एक भी ट्रेन झारखंड के लिए नहीं दिया गया है. वहीं उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार को ट्रेनों का परिचालन करना ही था तो भेदभाव नहीं करनी चाहिए.
सरकार को सभी राज्यों के बारे में बराबर सोचना चाहिए. जो भी ट्रेन झारखंड में आई हैं, वह बिहार को देखते हुए परिचालित किया गया है. क्योंकि बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाला है. एक भी ट्रेन सीधे झारखंड के लिये परिचालिन नहीं किया गया है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना के इस संकट काल में झारखंड सरकार को ना तो मास्क, ना पीपीई किट और ना ही अन्य संसाधन मुहैया करा रही है. यह रवैया सीधा केंद्र सरकार के सौतेलेपन को दर्शाता है.
राज्य सरकार ने निभाया अपना वादा
वहीं उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी वादा किया था. मजदूरों को लाने का वह पूरा करके दिखाया. राज्य सरकार ने अपने प्रयास से बस, ट्रेन और विमान के माध्यम से बाहर काम करने वाले मजदूरों को उनके घर लाने का काम किया है और जल्द ही उन मजदूरों को रोजगार देने का भी हर संभव प्रयास कर रही है.
'20 लाख करोड़ का कर्जा पैकेज'
सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार का 20 लाख करोड़ की राहत पैकेज पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पैकेज कर्ज को बढ़ाने का काम करेगा. अगर सरकार उचित राशि का आवंटन करती तो इससे निश्चित रूप से वैकल्पिक व्यवस्था खड़ी की जा सकती थी. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के बदले में कोयला खदान सहित कल-कारखाने और देश की संपत्ति को बेचने की साजिश की जा रही है.
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वहीं उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जिस तरह से राज्य सरकार के जिम्मे प्रवासी मजदूरों को छोड़ दिया है और जिस प्रकार से देश के सभी बड़े संस्थानों को बेचने की साजिश की जा रही है. इससे कहीं ना कहीं मजदूरों को आने वाले समय में बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. इन सब को देखते हुए जल्द ही राज्य के सभी मजदूर और किसान आंदोलन करने का काम करेंगे.
दुमका में उपचुनाव कराने की अपील
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के तारीख का ऐलान हो गया है. भारत निर्वाचन आयोग के कुछ एक्सपर्ट से राय लेकर दुमका विधानसभा चुनाव को भी कराया जाए, क्योंकि दुमका में भी चुनाव कराने की तिथि लॉकडाउन के दौरान समाप्त हो चुकी है.