रांची: सोशल मीडिया को किस तरह क्षेत्रीय पार्टियों ने अपने विरोधी नेताओं पर कटाक्ष करने और अपनी बातें जनता तक पहुंचाने का साधन बना लिया है इसका उदाहरण झारखंड मुक्ति मोर्चा है. झारखंड की मुख्य सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय है. हर दिन राष्ट्रीय और राज्य के मुद्दों पर ट्विटर के माध्यम से विरोधियों पर हमला पार्टी की ओर से बोला जाता है.
बाबा रामदेव पर कटाक्ष
ताजा मामला झारखंड मुक्ति मोर्चा के ट्विटर हैंडल से बाबा रामदेव पर कटाक्ष किया गया है, जिसमें बाबा रामदेव को कहा गया है कि देश को 30 रुपये लीटर पेट्रोल दिलवाने की बात करते-करते बाबा रामदेव अब बच्चों के बीमार पड़ने पर माता पिता को जेल भेजने की बात करने लगे हैं.
झामुमो ने कहा कि बाबा आपको यह समझना होगा कि देश में लोकतंत्र है राजतंत्र नहीं. झामुमो ने बाबा रामदेव पर एलोपैथिक डॉक्टरों को लेकर किए कटाक्ष के बहाने हमला बोला है कि किसी पैथी को लेकर आपके निजी विचार हो सकते हैं पर दिन-रात कोरोना काल में मरीजों की सेवा करने वाले डॉक्टरों को अपमानित करने का अधिकार आपको नहीं है.
बाबूलाल मरांडी पर भी कटाक्ष
ट्वीट में कहा गया है कि बाबूलाल मरांडी अपनी बातों पर टिक नहीं पाते. इसके प्रमाण स्वरूप अखबार की पुरानी कतरन जिसमें बाबूलाल मरांडी के हवाले से यह खबर छपी है कि 'कुतुबमीनार से कूद कर जान देना पसंद, भाजपा में शामिल होना नहीं'. जाहिर सी बात है कि झामुमो, बाबूलाल मरांडी की एक ऐसे नेता की छवि बना देना चाहता जो अपनी कही बातों पर भी नहीं टिक पाते हैं. Jmm की ओर से बाबूलाल मरांडी के भरोसेमंद नहीं होने को लेकर किये गए ट्वीट पर etv भारत ने उनके आप्त सचिव राजेंद्र तिवारी से संपर्क किया पर उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई.