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झारखंड सहाय योजना से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवा लाएंगे ओलंपिक मेडल, खिलाड़ियों को तराशने का काम शुरू

सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की सोच है कि झारखंड को देश में खेलों के लिए पहचाना जाए. इसके लिए इन्होंने झारखंड सहाय योजना (Jharkhand Sahai Scheme ) की शुरुआत की है. इस योजना के तहत सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को जोड़ा जा रहा है. इस योजना को लेकर एक के बाद एक निर्देश जारी किए जा रहे हैं.

Jharkhand Sahay Yojana
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Published : Nov 14, 2021, 1:18 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 2:48 PM IST

रांची: खेल और खिलाड़ियों के लिए झारखंड में कई योजनाएं चलाई जा रही है. इन्ही में से एक है झारखंड सहाय योजना (Jharkhand Sahai Scheme 2021). हालांकि कुछ अन्य योजनाएं भी हैं जिनका का लाभ खिलाड़ियों को मिल रहा है. कई ऐसी योजनाएं भी हैं जो अब तक धरातल पर दिखी ही नहीं है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के निर्देश पर राज्य में खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झारखंड सहाय योजना (Jharkhand Sahai Scheme) से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को जोड़ा जा रहा है.



जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तराशने की योजना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की पहल पर एक बार फिर जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए एक बेहतर योजना तैयार किया जा रहा है. हालांकि, यह योजना अबतक धरातल पर नहीं उतरी है. इस योजना को लेकर एक के बाद एक निर्देश जारी किए जा रहे हैं. सहाय योजना के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (naxal affected areas) के युवाओं को इस योजना के साथ जोड़ने का प्रयास है. खेल को बढ़ावा देने के प्रति राज्य सरकार खासकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के सुझाव और निर्देश पर इस योजना को संचालित करने की बात कही जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच है की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर ये युवा बेहतर करेंगे. अगर इन युवाओं को सही तरीके से तराशा जाए तो अवसर मिलने पर यह युवा अपना हुनर बखूबी दिखाएंगे. सीएम के निर्देश के बाद खेल विभाग नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के लिए सहाय योजना पर कागजी तौर पर काम करना शुरू किया है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: खेल नीति हो चुकी है तैयार, बहुत जल्द झारखंड के खिलाड़ी अपने हुनर को तराश पाएंगे: हेमंत सोरेन

खेल और पुलिस विभाग का समन्वय
जानकारी के मुताबिक इसमें 19 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को जोड़ा जाएगा. इस योजना के तहत पंचायत स्तर से बच्चों को लेकर उन्हें प्रखंड और जिला स्तर तक खेलों के लिए तैयार किया जाएगा. उसके बाद वे अपनी प्रतिभा के अनुसार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा दिखाएंगे. खेल और पुलिस विभाग के समन्वय से यह योजना संचालित किया जाएगा. योजना का उद्देश्य है खेल के माध्यम से लोगों और पुलिस के बीच की दूरी को भी कम करना है. इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्र की प्रतिभा को एक पहचान देकर सकारात्मक जीवन के लिए प्रेरित करना है.

विशेषज्ञों की राय
इस योजना को लेकर हमारी टीम ने राज्य के प्रबुद्ध आदिवासी नेताओं और नक्सल क्षेत्र के युवाओं पर काम करने वाले विशेषज्ञों के साथ-साथ आदिवासी संगठनों से जुड़े लोगों से भी बातचीत की. इन लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री का प्रयास सराहनीय है. लेकिन इस राज्य में योजनाएं तो बनाई जाती हैं लेकिन उस पर अमल नहीं किया जाता. अगर यह योजना वाकई में धरातल पर ले जाना है तो इमानदारी से इसे अमलीजामा पहनाना होगा. तब जाकर सोच के अनुरूप यह योजना बेहतर साबित होगा.

रांची: खेल और खिलाड़ियों के लिए झारखंड में कई योजनाएं चलाई जा रही है. इन्ही में से एक है झारखंड सहाय योजना (Jharkhand Sahai Scheme 2021). हालांकि कुछ अन्य योजनाएं भी हैं जिनका का लाभ खिलाड़ियों को मिल रहा है. कई ऐसी योजनाएं भी हैं जो अब तक धरातल पर दिखी ही नहीं है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के निर्देश पर राज्य में खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झारखंड सहाय योजना (Jharkhand Sahai Scheme) से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को जोड़ा जा रहा है.



जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तराशने की योजना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की पहल पर एक बार फिर जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए एक बेहतर योजना तैयार किया जा रहा है. हालांकि, यह योजना अबतक धरातल पर नहीं उतरी है. इस योजना को लेकर एक के बाद एक निर्देश जारी किए जा रहे हैं. सहाय योजना के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (naxal affected areas) के युवाओं को इस योजना के साथ जोड़ने का प्रयास है. खेल को बढ़ावा देने के प्रति राज्य सरकार खासकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के सुझाव और निर्देश पर इस योजना को संचालित करने की बात कही जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सोच है की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर ये युवा बेहतर करेंगे. अगर इन युवाओं को सही तरीके से तराशा जाए तो अवसर मिलने पर यह युवा अपना हुनर बखूबी दिखाएंगे. सीएम के निर्देश के बाद खेल विभाग नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के लिए सहाय योजना पर कागजी तौर पर काम करना शुरू किया है.

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खेल और पुलिस विभाग का समन्वय
जानकारी के मुताबिक इसमें 19 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को जोड़ा जाएगा. इस योजना के तहत पंचायत स्तर से बच्चों को लेकर उन्हें प्रखंड और जिला स्तर तक खेलों के लिए तैयार किया जाएगा. उसके बाद वे अपनी प्रतिभा के अनुसार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा दिखाएंगे. खेल और पुलिस विभाग के समन्वय से यह योजना संचालित किया जाएगा. योजना का उद्देश्य है खेल के माध्यम से लोगों और पुलिस के बीच की दूरी को भी कम करना है. इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्र की प्रतिभा को एक पहचान देकर सकारात्मक जीवन के लिए प्रेरित करना है.

विशेषज्ञों की राय
इस योजना को लेकर हमारी टीम ने राज्य के प्रबुद्ध आदिवासी नेताओं और नक्सल क्षेत्र के युवाओं पर काम करने वाले विशेषज्ञों के साथ-साथ आदिवासी संगठनों से जुड़े लोगों से भी बातचीत की. इन लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री का प्रयास सराहनीय है. लेकिन इस राज्य में योजनाएं तो बनाई जाती हैं लेकिन उस पर अमल नहीं किया जाता. अगर यह योजना वाकई में धरातल पर ले जाना है तो इमानदारी से इसे अमलीजामा पहनाना होगा. तब जाकर सोच के अनुरूप यह योजना बेहतर साबित होगा.

Last Updated : Nov 14, 2021, 2:48 PM IST
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