रांची: बढ़ती महंगाई ने रसोइयों का जीना हराम कर दिया है. घर और विद्यालय दोनों के चूल्हे पर आफत हो रही है. इसी को देखते हुए राज्य के रसोइया संघ के बैनर तले विधानसभा के समक्ष राज्यभर के सैकड़ों रसोइयों ने विरोध प्रदर्शन किया.
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विरोध प्रदर्शन कर रहे रसोइयों की मांग है कि सरकार सभी रसोइयों का स्थायीकरण करें और उनका डेटाबेस बनाएं ताकि उनका रजिस्ट्रेशन हो सके. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं शशि यादव ने कहा कि मिड-डे मील में काम कर रही हजारों रसोइया आज दाने-दाने को मोहताज है, पर सरकार का ध्यान उनकी तरफ नहीं जा रहा है.
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हेमंत सरकार हमारी समस्याओं के निराकरण को लेकर कोई निर्णय नहीं लेती है तो हम आने वाले समय में अपना विरोध प्रदर्शन उग्र करेंगे और इसकी जिम्मेदार सिर्फ वर्तमान सरकार होगी. चुनाव से पूर्व सरकार ने रसोइया संघ को नियमित करने का वादा किया था. लेकिन सरकार अब अपने वादे से पीछे हट रही है. शशि यादव ने बताया कि 24 सितंबर को मिड-डे मील कर्मियों की देशव्यापी हड़ताल होगी, अगर इससे भी बात नहीं बनेगी तो देशभर के रसोइए भारत बंद में शामिल होंगे ताकि केंद्र सरकार इस पर विचार करे.
झारखंड राज्य विद्यालय रसोइया संघ ने एक 14 सूत्री मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा है. जिसमें सभी रसोइयों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, रसोइयों को मासिक वेतन 21 हजार करने और दुर्घटना बीमा देने की गारंटी की मांग की गई है. इस विरोध-प्रदर्शन में संघ की अध्यक्ष अनीता देवी, एक्टू के महासचिव शुभेंदु सेन, मजदूर नेता सलोनी सोरेन, चिंता देवी, देवकी देवी, निर्मला देवी, भुवनेश्वर केवट समेत हजारों रसोइया और कर्मचारी मौजूद रहे.