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दुष्कर्म की वजहों के आंकड़े जुटा रही झारखंड पुलिस, डेटा के हिसाब से रणनीति करेगी तैयार

झारखंड पुलिस दुष्कर्म की वारदात को रोकने के लिए पीड़ितों और आरोपियों के खास तरह की जानकारी का डेटाबेस तैयार कर रही है. इस जानकारी के इकट्ठा होने के बाद पुलिस उसी हिसाब से अपनी रणनीति तैयार करेगी और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करेगी.

Jharkhand Police is preparing database of rape victim
झारखंड पुलिस
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Published : Dec 13, 2020, 10:27 PM IST

रांची: झारखंड में दुष्कर्म की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस पीड़िताओं और आरोपियों के सामाजिक-आर्थिक व शैक्षणिक पहलूओं का डाटाबेस तैयार कर रही है. डीजीपी एमवी राव के आदेश पर राज्य पुलिस खास तरह के आंकड़े तैयार कर रही. पीड़िताएं अमीर हैं या गरीब, उनके आर्थिक पृष्टभूमि को लेकर डाटा तैयार किया जा रहा. पीड़िताओं की शैक्षणिक पृष्टभूमि मसलन पीड़िता अशिक्षित, मैट्रिक से नीचे तक पढ़ी है, मैट्रिक पास है या स्नातक की जानकारी भी जिलों के पुलिस से मांगी गई है. इसी तरह दुष्कर्म के कांडों के आरोपियों के संबंध में भी इन्हीं सभी बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है.

किस स्थल पर हुआ दुष्कर्म

राज्य पुलिस के द्वारा दुष्कर्म के स्थल, पीड़िता के घर, आरोपी के घर, पीड़िता के कार्यस्थल की जानकारी मांगी गई है. वहीं, जिलों के एसपी से पूछा गया है कि ऐसा कोई स्थल जहां पीड़िता समान्यत: मवेशी चराने, लकड़ी चुनने, खेती करने या सब्जी बेचने जाती थी तो इसकी भी जानकारी दें. अगर इन चारों जगहों के अतिरिक्त किसी अन्य घटनास्थल पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ हो तो पीड़िता के उस समय वहां मौजूदगी के कारण की भी जानकारी मांगी गई है.

ये भी पढ़ें: माइनिंग से खतरे में इको टूरिज्म, जानिए और क्या हो रहा है नुकसान?



कब से कब तक की घटनाओं के संबंध में मांगी गई है जानकारी

सीआईडी ने 1 जनवरी से सितंबर 2020 तक घटित घटनाओं की डेडलाइन तय की है. सीआईडी ने सभी जिलों के थाना कांड संख्या धारा सहित, घटना की तिथि व समय, कांड में दुष्कर्म पीड़िता की हत्या हुई तो इसका विवरण, अमीर या गरीब होने की जानकारी, शैक्षणिक पृष्टभूमि की जानकारी, आरोपी के आर्थिक- शैक्षणिक पृष्टभूमि की जानकारी समेत 13 बिंदुओं पर प्रति केस वार रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि राज्य में इस दौरान 1359 दुष्कर्म के वारदात हुए थे.

डीजीपी करेंगे समीक्षा

दुष्कर्म के कांडों के विवरण मिलने के बाद डीजीपी एमवी राव इस संबंध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. समाजिक- आर्थिक पृष्टभूमि के अध्ययन के बाद दुष्कर्म के वारदातों को रोकने के लिए नई रणनीति बनाने का काम होगा. इससे पहले सीआईडी ने अनुसूचित जाति, जनजाति की युवतियों के साथ हुए दुष्कर्म के कांडों को लेकर भी आंकड़े मांगे थे.

क्यों जुटाए जा रहे आंकड़े

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता साकेत सिंह के अनुसार राज्य पुलिस के द्वारा सारे कांडों की स्टडी की जाएगी. जानकारी जुटाने के बाद यह देखा जाएगाा कि किन परिस्थितियों में या किस तरह के समाजिक- आर्थिक बैकग्राउंड के लोग दुष्कर्म के शिकार हुए हैं. पूर्व में पुलिस ने समीक्षा बैठक की थी, जिसमें यह तथ्य सामने आया था कि अधिकांश मामलों में परिचितों ने ही दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. ऐसे में अलग-अलग बिंदुओं पर जानकारी जुटायी जा रही ताकि नई रणनीति पर काम हो सके.

रांची: झारखंड में दुष्कर्म की वारदातों को रोकने के लिए पुलिस पीड़िताओं और आरोपियों के सामाजिक-आर्थिक व शैक्षणिक पहलूओं का डाटाबेस तैयार कर रही है. डीजीपी एमवी राव के आदेश पर राज्य पुलिस खास तरह के आंकड़े तैयार कर रही. पीड़िताएं अमीर हैं या गरीब, उनके आर्थिक पृष्टभूमि को लेकर डाटा तैयार किया जा रहा. पीड़िताओं की शैक्षणिक पृष्टभूमि मसलन पीड़िता अशिक्षित, मैट्रिक से नीचे तक पढ़ी है, मैट्रिक पास है या स्नातक की जानकारी भी जिलों के पुलिस से मांगी गई है. इसी तरह दुष्कर्म के कांडों के आरोपियों के संबंध में भी इन्हीं सभी बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है.

किस स्थल पर हुआ दुष्कर्म

राज्य पुलिस के द्वारा दुष्कर्म के स्थल, पीड़िता के घर, आरोपी के घर, पीड़िता के कार्यस्थल की जानकारी मांगी गई है. वहीं, जिलों के एसपी से पूछा गया है कि ऐसा कोई स्थल जहां पीड़िता समान्यत: मवेशी चराने, लकड़ी चुनने, खेती करने या सब्जी बेचने जाती थी तो इसकी भी जानकारी दें. अगर इन चारों जगहों के अतिरिक्त किसी अन्य घटनास्थल पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ हो तो पीड़िता के उस समय वहां मौजूदगी के कारण की भी जानकारी मांगी गई है.

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कब से कब तक की घटनाओं के संबंध में मांगी गई है जानकारी

सीआईडी ने 1 जनवरी से सितंबर 2020 तक घटित घटनाओं की डेडलाइन तय की है. सीआईडी ने सभी जिलों के थाना कांड संख्या धारा सहित, घटना की तिथि व समय, कांड में दुष्कर्म पीड़िता की हत्या हुई तो इसका विवरण, अमीर या गरीब होने की जानकारी, शैक्षणिक पृष्टभूमि की जानकारी, आरोपी के आर्थिक- शैक्षणिक पृष्टभूमि की जानकारी समेत 13 बिंदुओं पर प्रति केस वार रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि राज्य में इस दौरान 1359 दुष्कर्म के वारदात हुए थे.

डीजीपी करेंगे समीक्षा

दुष्कर्म के कांडों के विवरण मिलने के बाद डीजीपी एमवी राव इस संबंध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. समाजिक- आर्थिक पृष्टभूमि के अध्ययन के बाद दुष्कर्म के वारदातों को रोकने के लिए नई रणनीति बनाने का काम होगा. इससे पहले सीआईडी ने अनुसूचित जाति, जनजाति की युवतियों के साथ हुए दुष्कर्म के कांडों को लेकर भी आंकड़े मांगे थे.

क्यों जुटाए जा रहे आंकड़े

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता साकेत सिंह के अनुसार राज्य पुलिस के द्वारा सारे कांडों की स्टडी की जाएगी. जानकारी जुटाने के बाद यह देखा जाएगाा कि किन परिस्थितियों में या किस तरह के समाजिक- आर्थिक बैकग्राउंड के लोग दुष्कर्म के शिकार हुए हैं. पूर्व में पुलिस ने समीक्षा बैठक की थी, जिसमें यह तथ्य सामने आया था कि अधिकांश मामलों में परिचितों ने ही दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. ऐसे में अलग-अलग बिंदुओं पर जानकारी जुटायी जा रही ताकि नई रणनीति पर काम हो सके.

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