रांची: झारखंड पुलिस के 50 हजार से अधिक सिपाही और हवलदार बुधवार से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के पहले चरण में सभी पुलिसकर्मी काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं. आंदोलन कर रहे पुलिसकर्मी 9 से 11 मार्च तक काला बिल्ला लगा कर काम करेंगे.
बुधवार को झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के आह्वान पर वर्दी के साथ काला बिल्ला लगाकर ही पुलिस के जवान ड्यूटी पर निकले. पुलिस मुख्यालय पुलिस लाइन थानों से लेकर हर जगह जो भी पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात है उसने काला बिल्ला लगा रखा है. झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के नेतृत्व में पुलिसकर्मी अपनी 19 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
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ये हैं प्रमुख मांगें
- 20 दिनों की क्षतिपूर्ति अवकाश पूर्व की तरह बहाल करें
- पुलिसकर्मियों को मिलनेवाली एक महीने का अतिरिक्त वेतन में त्रुटि का निदान
- एसीपी, एमएसीपी से संबंधित आदेश में त्रुटि का निराकरण
- सातवें वेतन के अनुरूप वर्दी भत्ता, राशन, धुलाई, विशेष कर्तव्य, चालक, द्रुह राइफल, तकनीकी, शिक्षण, प्रशिक्षण एंव अन्य भत्ता लागू करें
- जवानों को बेहतर इलाज के लिए मेडिकल सुविधा की व्यवस्था या प्रतिपूर्ति की जटिल प्रक्रिया को समाप्त करें
- राज्य में तनाव के कारण आए दिन जवानों द्वारा किये जा रहे आत्महत्या को रोकने के लिए सार्थक पहल करें
- उग्रवादी अभियान में लगे जवान की सुविधा एवं मनोबल बढ़ाना
- नये वाहिनी एवं राज्य के कई जिलों में पुलिसकर्मियों का कार्यालय, पारिवारिक आवास भवन, एवं बैरक का निर्माण
बड़े आंदोलन की चेतावनी: झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय बताया कि पुलिसकर्मियों के मांगों को लेकर मुख्यमंत्री, मंत्रियों और डीजीपी को मांग पत्र सौंपा गया है. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने भी गृह विभाग को जानकारी दी है. आंदोलन के दौरान भी एसोसिएशन के पदाधिकारी सरकार या सक्षम प्राधिकार से बात करने को तैयार हैं. पुलिसकर्मी आंदोलन के प्रथम चरण में 9 से 11 मार्च तक काला बिल्ला लगा कर ड्यूटी करेंगे. इसकी शुरुआत बुधवार से हो चुकी है. अगर मांगें नहीं मानी जाती हैं तो 21 मार्च 2022 को सभी सिपाही, हवलदार चूल्हा चौका बंद कर सामूहिक उपवास पर रहते हुए ड्यूटी करेंगे. 31 मार्च को मेंस एसोसिएशन अपनी मांगों के समर्थन में पुलिस मुख्यालय और जिले के समादेष्टा एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय के ठीक सामने एक दिन के धरने पर बैठेंगे. इतने पर भी बात नहीं बनी तो 14 अप्रैल से राज्य के तमाम सिपाही, हवलदार पांच दिनों के सामूहिक अवकाश पर चले जायेंगे. मेंस अध्यक्ष राकेश पांडेय ने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों में अगर किसी भी प्रकार की परेशानी आमलोगों को होती है तो उसकी पूरी जवाबदेही सरकार व सक्षम प्राधिकार की होगी.