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निजी स्कूल और शिक्षा विभाग के खिलाफ पेरेंट्स एसोसिएशन करेंगे आंदोलन, दिखा आक्रोश

झारखंड अभिभावक संघ ने फीस को लेकर बैठक की. बता दें कि झारखंड निजी स्कूल एसोसिएशन और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के साथ वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया था की राज्य के तमाम निजी स्कूल फिलहाल अभिभावकों से ट्यूशन फीस ही लेंगे. इसके अलावा अन्य मदों पर फीस नहीं लिया जाएगा. इसे लेकर राज्य सरकार एक आदेश पत्र भी जारी करेगा. लेकिन बैठक होने के 15 दिन बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से इससे संबंधित कोई पत्र नहीं निकाला गया.

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झारखंड अभिभावक संघ
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Published : Jun 24, 2020, 3:45 PM IST

रांची: निजी स्कूल फीस मामला अब तक अधर में ही लटका हुआ है, क्योंकि स्कूलों के वेबसाइट अपडेट नहीं हुए हैं और अभिभावकों से फीस के अलावा अन्य मदों में भी शुल्क स्कूल प्रबंधकों की ओर से मांगे जा रहे हैं. यह कहना है झारखंड अभिभावक संघ का. संघ के अध्यक्ष ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर इसके खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

देखें पूरी खबर
झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने आक्रोश जताया
बता दें कि झारखंड निजी स्कूल एसोसिएशन और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के साथ वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया था की राज्य के तमाम निजी स्कूल फिलहाल अभिभावकों से ट्यूशन फीस ही लेंगे. इसके अलावा अन्य मदों पर फीस नहीं लिया जाएगा. इसे लेकर राज्य सरकार एक आदेश पत्र भी जारी करेगा. लेकिन बैठक होने के 15 दिन बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से इससे संबंधित कोई पत्र नहीं निकाला गया है. इस वजह से लगातार अभिभावकों सहित विभिन्न स्कूल प्रबंधकों की ओर से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में भी शुल्क मांगे जा रहे हैं. इसे लेकर लगातार अभिभावकों को एसएमएस किया जा रहा है. वेबसाइट भी अधिकतर स्कूलों के इस मामले को लेकर अपडेट नहीं किया गया है. पुराने ढर्रे पर ही तमाम निजी स्कूलों के वेबसाइट संचालित हैं. झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने आक्रोश जताया है.

ये भी पढ़ें- विदेश में पति की मौत पर एक पत्नी की गुहार, सीएम ने विदेश मंत्री से की अपील

पेरेंट्स एसोसिएशन ने हाई कोर्ट जाने की कही थी बात
बैठक के बाद भी पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने राज्य सरकार और निजी स्कूलों के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया था. एक बार फिर विभिन्न स्कूलों से संबंधित अभिभावकों से विचार विमर्श करने के बाद ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. साथ ही सरकार की ओर से आदेश निकालने के बाद हाई कोर्ट के शरण में भी पेरेंट्स एसोसिएशन जाएंगे. फिलहाल, पैरंट्स एसोसिएशन का कहना है कि लगातार अब निजी स्कूलों के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा.


26 जून से शुरू होगा चरणबद्ध आंदोलन
26 जून को सांकेतिक उपवास और सोशल मीडिया की ओर से झारखंड सरकार का ध्यानाकर्षण किया जाएगा. 27 जून को जिला शिक्षा विभाग के समक्ष झारखंड अभिभावक संघ के 5 प्रतिनिधियों और अभिभावक सांकेतिक धरना और मांग पत्र सौंपेंगे. 28 जून को प्रदेश इकाई मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा जाएगा. 29 जून को राजभवन और सभी जिलों के जिला शिक्षा विभाग के समक्ष आमरण अनशन की शुरुआत की जाएगी.

यो भी पढ़ें- ठेकेदार पर हमला मामले में हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पर आरोप, बीजेपी ने कहा रंगदारों को मिल रहा समर्थन

'3 जुलाई से हंगर स्ट्राइक करने को बाध्य होंगे'

वहीं, 30 जून को ट्विटर अभियान के तहत राज्य और केंद्र सरकार को ट्वीट के जरिए नो स्कूल, नो फीस, नो वैक्सीन, नो स्कूल. ध्यान आकर्षित किया जाना है. झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों के मनमानी के खिलाफ आक्रोश है और इसे लेकर सभी राज्यों में आंदोलन चलाए जा रहे हैं. इसी क्रम में 30 जून तक स्पष्ट आदेश नहीं आने पर देश के अभिभावक एसोसिएशन 3 जुलाई से हंगर स्ट्राइक करने को बाध्य होंगे.

रांची: निजी स्कूल फीस मामला अब तक अधर में ही लटका हुआ है, क्योंकि स्कूलों के वेबसाइट अपडेट नहीं हुए हैं और अभिभावकों से फीस के अलावा अन्य मदों में भी शुल्क स्कूल प्रबंधकों की ओर से मांगे जा रहे हैं. यह कहना है झारखंड अभिभावक संघ का. संघ के अध्यक्ष ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर इसके खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

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झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने आक्रोश जतायाबता दें कि झारखंड निजी स्कूल एसोसिएशन और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के साथ वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया था की राज्य के तमाम निजी स्कूल फिलहाल अभिभावकों से ट्यूशन फीस ही लेंगे. इसके अलावा अन्य मदों पर फीस नहीं लिया जाएगा. इसे लेकर राज्य सरकार एक आदेश पत्र भी जारी करेगा. लेकिन बैठक होने के 15 दिन बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से इससे संबंधित कोई पत्र नहीं निकाला गया है. इस वजह से लगातार अभिभावकों सहित विभिन्न स्कूल प्रबंधकों की ओर से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों में भी शुल्क मांगे जा रहे हैं. इसे लेकर लगातार अभिभावकों को एसएमएस किया जा रहा है. वेबसाइट भी अधिकतर स्कूलों के इस मामले को लेकर अपडेट नहीं किया गया है. पुराने ढर्रे पर ही तमाम निजी स्कूलों के वेबसाइट संचालित हैं. झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने आक्रोश जताया है.

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पेरेंट्स एसोसिएशन ने हाई कोर्ट जाने की कही थी बात
बैठक के बाद भी पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने राज्य सरकार और निजी स्कूलों के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया था. एक बार फिर विभिन्न स्कूलों से संबंधित अभिभावकों से विचार विमर्श करने के बाद ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. साथ ही सरकार की ओर से आदेश निकालने के बाद हाई कोर्ट के शरण में भी पेरेंट्स एसोसिएशन जाएंगे. फिलहाल, पैरंट्स एसोसिएशन का कहना है कि लगातार अब निजी स्कूलों के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा.


26 जून से शुरू होगा चरणबद्ध आंदोलन
26 जून को सांकेतिक उपवास और सोशल मीडिया की ओर से झारखंड सरकार का ध्यानाकर्षण किया जाएगा. 27 जून को जिला शिक्षा विभाग के समक्ष झारखंड अभिभावक संघ के 5 प्रतिनिधियों और अभिभावक सांकेतिक धरना और मांग पत्र सौंपेंगे. 28 जून को प्रदेश इकाई मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा जाएगा. 29 जून को राजभवन और सभी जिलों के जिला शिक्षा विभाग के समक्ष आमरण अनशन की शुरुआत की जाएगी.

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'3 जुलाई से हंगर स्ट्राइक करने को बाध्य होंगे'

वहीं, 30 जून को ट्विटर अभियान के तहत राज्य और केंद्र सरकार को ट्वीट के जरिए नो स्कूल, नो फीस, नो वैक्सीन, नो स्कूल. ध्यान आकर्षित किया जाना है. झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों के मनमानी के खिलाफ आक्रोश है और इसे लेकर सभी राज्यों में आंदोलन चलाए जा रहे हैं. इसी क्रम में 30 जून तक स्पष्ट आदेश नहीं आने पर देश के अभिभावक एसोसिएशन 3 जुलाई से हंगर स्ट्राइक करने को बाध्य होंगे.

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