रांची: हाल के कुछ दिनों में कई हाथी के बच्चों की मौत की खबर मीडिया में आने पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है और उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान स्थानीय मीडिया में आई खबर के आधार पर यह संज्ञान लिया है.
16 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को नोटिस देकर मामले में राज्य सरकार के वन विभाग के सचिव और पीसीसीएफ को 16 सितंबर को अदालत में सुनवाई के दौरान उपस्थित होकर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी. अदालत ने सरकार से यह जानना चाहा है कि हाथी के बच्चों की लगातार मौत क्यों हो रही है? इसके लिए राज्य सरकार और वन विभाग के द्वारा क्या कुछ कदम उठाए जा रहे हैं? अब तक क्या-क्या किया गया है? क्या कुछ किया जाने वाला है. इन तमाम बिंदुओं पर विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है.
रांची में भी हाथी के बच्चे की हुई थी मौत
पिछले अगस्त माह में रांची के तमाड़ के चिरूपीड़ी जंगल मैं हाथी के बीमार बच्चे की मौत हो गई थी. कहा जाता है कि बीमार बच्चे का इलाज ठीक से नहीं हो पाया क्योंकि 10 हाथी उन्हें चारों तरफ से घेरकर बैठे हुए थे. हाथियों के कारण इलाज नहीं किया जा सका जिससे बच्चे की मौत हो गई. उसके बाद हाथी के बच्चे का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, एक दूसरे हाथी के बच्चे की मौत चंदवा प्रखंड के अंतर्गत आने वाले जंगलों में हो गई थी. लातेहार जिले के हरि जंगल में भी एक हाथी के बच्चे की मौत हुई है. लगातार हो रही इन मौतों पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है सरकार से जवाब मांगा है.