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लातेहार में टाना भगतों के आंदोलन पर झारखंड हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, डीजीपी से मांगा जवाब

लातेहार सिविल कोर्ट में आंदोलन का झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने स्वतः संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने मुख्य सचिव और डीजीपी से जवाब मांग की है. इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने का भी निर्देश दिए हैं.

Jharkhand High Court
लातेहार सिविल कोर्ट परिसर में हुए आंदोलन का झारखंड हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
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Published : Oct 11, 2022, 4:43 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 7:09 PM IST

रांचीः लातेहार सिविल कोर्ट परिसर में 10 अक्टूबर को टाना भगतों द्वारा घेराव किया गया था(Tana Bhagat movement in Latehar). इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबर के आधार पर स्वतः संज्ञान लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी से जवाब तलब किया है.

यह भी पढ़ेंः लातेहार में टाना भगतों पर लाठीचार्ज, कई पुलिसकर्मी भी घायल

हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और डीजीपी से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया है कि लातेहार व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा चाक-चौबंद सुनिश्चित करें. इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी. बता दें कि 10 अक्टूबर को टाना भगतों की ओर से लातेहार व्यवहार न्यायालय का घेराव किया. इस दौरान पत्थरबाजी हुई, जिसमें सदर थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. उग्र प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और वॉटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा था. इसके साथ ही लाठीचार्ज भी करनी पड़ी. टाना भगतों ने इस दौरान पुलिस की पीसीआर वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया.

क्या कहते हैं अधिवक्ता


अखिल भारतीय टाना भगत संघ की ओर से पांचवीं अनुसूची में किए गए प्रावधानों की मांग को लेकर न्यायालय का घेराव किया. कोर्ट कचहरी बंद करने की मांग को लेकर ही लातेहार व्यवहार न्यायालय का घेराव किया और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई. घायल पुलिसकर्मियों में थानेदार अमित कुमार गुप्ता, सिपाही सत्यनारायण उरांव, कुमारी अमित लक्ष्मी, अंजू रोज खलखो और मनोरमा कुमारी शामिल हैं.

रांचीः लातेहार सिविल कोर्ट परिसर में 10 अक्टूबर को टाना भगतों द्वारा घेराव किया गया था(Tana Bhagat movement in Latehar). इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने स्थानीय मीडिया में प्रकाशित खबर के आधार पर स्वतः संज्ञान लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी से जवाब तलब किया है.

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हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और डीजीपी से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया है कि लातेहार व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा चाक-चौबंद सुनिश्चित करें. इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी. बता दें कि 10 अक्टूबर को टाना भगतों की ओर से लातेहार व्यवहार न्यायालय का घेराव किया. इस दौरान पत्थरबाजी हुई, जिसमें सदर थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. उग्र प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और वॉटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा था. इसके साथ ही लाठीचार्ज भी करनी पड़ी. टाना भगतों ने इस दौरान पुलिस की पीसीआर वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया.

क्या कहते हैं अधिवक्ता


अखिल भारतीय टाना भगत संघ की ओर से पांचवीं अनुसूची में किए गए प्रावधानों की मांग को लेकर न्यायालय का घेराव किया. कोर्ट कचहरी बंद करने की मांग को लेकर ही लातेहार व्यवहार न्यायालय का घेराव किया और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई. घायल पुलिसकर्मियों में थानेदार अमित कुमार गुप्ता, सिपाही सत्यनारायण उरांव, कुमारी अमित लक्ष्मी, अंजू रोज खलखो और मनोरमा कुमारी शामिल हैं.

Last Updated : Oct 11, 2022, 7:09 PM IST
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