रांची: जमशेदपुर के सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में बुधवार को घर में घुस कर गवाह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है. अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जनहित याचिका में बदलकर मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया है.
ये भी पढ़ें: घर में घुसकर युवक पर ताबड़तोड़ की फायरिंग, हत्या के बाद फरार हुए अपराधी
मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत स्थानीय मीडिया में खबर आने पर इस पर संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि केंद्र सरकार के द्वारा गवाहों को दिए जाने वाले प्रोटेक्शन एक्ट झारखंड में लागू है या नहीं, यह कब से लागू है. इस मामले पर सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं.
जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में तीन महीने पहले हुई फायरिंग के मामले में सिदगोड़ा थाना इलाके में रहने वाले मनप्रीत को तीन युवक गवाही नहीं देने की धमकी दे रहे थे. इसके बाद भी मनप्रीत ने गवाही दी थी. जिसके बाद तीनों युवकों ने सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के एग्रिको सी ब्लॉक के रहने वाले मनप्रीत पाल सिंह के घर में घुसकर गोली मारकर दी. घटना के बाद परिवार के लोग मनप्रीत को लेकर टीएमएच पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद ही मृत घोषित कर दिया.
इस वारदात में रिटायर्ड सिपाही कालिका सिंह के बेटे राहुल सिंह के अलावा अक्षय सिंह और गौरव गुप्ता का नाम सामने आ रहा है. तीन माह पहले गौरव पर फायरिंग हुई थी. घटना में मनप्रीत सिंह गवाह था. तीनों आरोपियों ने मनप्रीत को गवाही देने से मना किया था. सोमवार को ही मनप्रीत पंजाब से गवाही देने के लिए आया था. पंजाब के गुरुनानक देवसिंह यूनिर्वसिटी में वह बी कॉम की पढ़ाई कर रहा था. बुधवार को उसने कोर्ट में जाकर गवाही दी थी.
घटना के बारे में परिवार के लोगों ने बताया कि मनप्रीत जब अपने घर पर था. तभी तीनों घर में घुस गये थे और मनप्रीत की मां के साथ मारपीट की थी इसके बाद उन्होंने मनप्रीत को गोली मार दी. इसमें से एक गोली उसके सिर पर, दूसरा हाथ पर और तीसरी गोली पैर लगी. घटना के समय करीब 8 राउंड गोलियां चलने की सूचना है.