रांची: कोरोना की इस लड़ाई से निपटने के राज्य सरकार की तैयारी के मामले में लिए गए स्वत संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान कोरोना के मरीजों की जांच रिपोर्ट आने से पूर्व ही उसे घर भेजे जाने के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसमें कड़ाई करे, ऐसे मरीजों को तत्काल घर भेजने पर रोक लगे. जब तक जांच रिपोर्ट न आ जाए तब तक संदिग्ध मरीजों को घर नहीं भेजा जाना चाहिए. अदालत ने मामले में राज्य सरकार को 5 मई तक जवाब पेश करने को कहा है.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कोरोना के इस लड़ाई से निपटने के मामले पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीशों ने मामले की सुनवाई अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि कोरोना के जो भी संदिग्ध मरीज हैं, उनकी जब तक रिपोर्ट पूरी नहीं आ जाती तब तक उन्हें घर नहीं भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई ऐसे मामल देखने में आये हैं कि प्रशासन संदिग्ध मरीजों को घर भेज दिया है और उसके बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है. ऐसे में फिर लोगों की परेशानी बढ़ जाती है, इसलिए अदालत ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है कि जब तक रिपोर्ट पूरी तरह से न आ जाए तब तक संदिग्ध मरीजों को घर नहीं भेजा जाना चाहिए.
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अदालत ने राज्य सरकार को इसे कड़ाई से पालन करने को कहा है. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि राजधानी रांची के हॉटस्पॉट कहे जाने वाले हिंदपीढ़ी में राज्य सरकार के द्वारा पुल टेंपलिंग शुरू कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि पुल टेंपलिंग के माध्यम से 5 लोगों का सैंपल लिया जाता है और उसका टेस्ट किया जाता है. उन्होंने कहा है कि कोरोना के मरीजों की टेस्ट में तेजी लाई गई है. वहीं केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य में मरीजों की संख्या को देखते हुए उन्हें जांच सामग्री लगातार प्रदान कर रही है. जिस पर अदालत ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को 5 मई तक मामले में जवाब पेश करने को कहा है. बता दें कि कोरोना से निपटने की तैयारी के मामले पर अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा द्वारा लिखे गए पत्र पर हाई कोर्ट द्वारा स्वत संज्ञान लिया गया है. उसी स्वत संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को जांच में तेजी लाने और रिपोर्ट पूरी आने के बाद ही संदिग्ध मरीजों को घर भेजने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी.