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झारखंड हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी कोर्ट होंगे पेपरलेस, सभी तैयारियां की गईं - Jharkhand High Court will be paperless

झारखंड हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी सभी कोर्ट को पेपरलेस बनाने की तैयारी शुरु कर दी गयी है. पेपर लेस कोर्ट में सभी मामलों की डिजिटल सुनवाई की जाएगी. हाई कोर्ट के सभी पुराने केसों से संबंधित दस्तावेज डिजिटल कर दिए गए हैं. इसके लिए 32 आधार बनाए गए हैं.

jharkhand high court and other courts will become paperless soon, झारखंड हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी कोर्ट को पेपरलेस करने की तैयारी शुरू
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Sep 5, 2020, 9:38 PM IST

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी कोर्ट को पेपरलेस बनाने की तैयारी शुरु कर दी गयी है. पेपर लेस कोर्ट में सभी मामलों की डिजिटल सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका, प्रतिवादी का जवाब और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से फाइल होंगे. सभी की स्कैन कॉपी जजों के लैपटॉप में रहेगी और लैपटॉप से ही सभी दस्तावेजों को जज देखेंगे. मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद आदेश भी ऑनलाइन ही लिखाया जाएगा. इसके लिए तैयारी शुरु कर दी गई है.

पूर्व में किया गया ट्रायल

हालांकि इसका ट्रायल 19 मई को मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की युगल पीठ में किया गया था. इस दिन 10 मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थे. इसमें दो मामलों का निष्पादन भी किया गया. दोनों मामले के आदेश लिखाकर ऑनलाइन जारी कर दिया था. मुख्य न्यायाधीश ने इस ट्रायल को देखने के बाद से ही हाई कोर्ट सहित राज्य के अन्य कोर्ट को पूरी तरह पेपरलेस बनाने की तैयारी शुरु हो गयी है.

वर्तमान में याचिका ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से फाइल हो रही हैं. ई-मेल से फाइल होने वाली याचिकाओं का प्रिंट निकालकर फाइल में रखा जा रहा है. पेपरलेस कोर्ट होने के बाद एक भी कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. उच्च न्यायालय के सभी अदालतों में यही व्यवस्था धीरे-धीरे लागू की जाएगी.

पूर्व केस के दस्तावेज हुए डिजिटल

झारखंड हाई कोर्ट के सभी पुराने केसों से संबंधित दस्तावेज डिजिटल कर दिए गए हैं. इसके लिए 32 आधार बनाए गए हैं. इसमें बेंच कोड, केस टाइप, केस नंबर, प्रार्थी, प्रतिवादी का नाम, दोनों पक्षों के वकील के नाम, जिला, जज का नाम, मामले के निष्पादन की तिथि समेत अन्य बिंदु शामिल हैं. इसके आधार पर रिकॉर्ड देखा जा सकेगा. दस्तावेजों के डिजिटल होने से केस का रेफरेंस आसानी से मिलेगा. रिकॉर्ड निकालने में विलंब नहीं होगा और सभी रिकॉर्ड हमेशा सुरक्षित रहेंगे.

और पढ़ें- पत्नी की टांग तोड़ खुद को चाकू मार की आत्महत्या, बेरोजगारी से था परेशान

व्यावसायिक विवाद के निपटारे के लिए रांची, धनबाद और जमशेदपुर में 2016 में ही कोर्ट की स्थापना की गई है. इन कोर्ट में ई-फाइलिंग की सुविधा शुरू कर दी गई है, घर या कार्यालय से कोई भी अपनी याचिका ऑनलाइन दाखिल कर सकता है. इसके लिए झारखंड ई-कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (जेईसीएमएस) बनाया गया है, अगर किसी को याचिका दाखिल करनी है तो उसे हाई कोर्ट की वेबसाइट पर जाकर जेईसीएमएस के आइकन को क्लिक करना होगा, इसके बाद व्यावसायिक कोर्ट की साइट खुलेगी या फिर कामर्शियल कोर्ट डॉट झारखंड डॉट जीओवी डॉट इन पर जा सकते हैं, जिसमें रजिस्ट्रेशन करने के बाद आप याचिका दाखिल कर सकते हैं.

रांचीः झारखंड हाई कोर्ट सहित राज्य के सभी कोर्ट को पेपरलेस बनाने की तैयारी शुरु कर दी गयी है. पेपर लेस कोर्ट में सभी मामलों की डिजिटल सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका, प्रतिवादी का जवाब और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से फाइल होंगे. सभी की स्कैन कॉपी जजों के लैपटॉप में रहेगी और लैपटॉप से ही सभी दस्तावेजों को जज देखेंगे. मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद आदेश भी ऑनलाइन ही लिखाया जाएगा. इसके लिए तैयारी शुरु कर दी गई है.

पूर्व में किया गया ट्रायल

हालांकि इसका ट्रायल 19 मई को मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की युगल पीठ में किया गया था. इस दिन 10 मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थे. इसमें दो मामलों का निष्पादन भी किया गया. दोनों मामले के आदेश लिखाकर ऑनलाइन जारी कर दिया था. मुख्य न्यायाधीश ने इस ट्रायल को देखने के बाद से ही हाई कोर्ट सहित राज्य के अन्य कोर्ट को पूरी तरह पेपरलेस बनाने की तैयारी शुरु हो गयी है.

वर्तमान में याचिका ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से फाइल हो रही हैं. ई-मेल से फाइल होने वाली याचिकाओं का प्रिंट निकालकर फाइल में रखा जा रहा है. पेपरलेस कोर्ट होने के बाद एक भी कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. उच्च न्यायालय के सभी अदालतों में यही व्यवस्था धीरे-धीरे लागू की जाएगी.

पूर्व केस के दस्तावेज हुए डिजिटल

झारखंड हाई कोर्ट के सभी पुराने केसों से संबंधित दस्तावेज डिजिटल कर दिए गए हैं. इसके लिए 32 आधार बनाए गए हैं. इसमें बेंच कोड, केस टाइप, केस नंबर, प्रार्थी, प्रतिवादी का नाम, दोनों पक्षों के वकील के नाम, जिला, जज का नाम, मामले के निष्पादन की तिथि समेत अन्य बिंदु शामिल हैं. इसके आधार पर रिकॉर्ड देखा जा सकेगा. दस्तावेजों के डिजिटल होने से केस का रेफरेंस आसानी से मिलेगा. रिकॉर्ड निकालने में विलंब नहीं होगा और सभी रिकॉर्ड हमेशा सुरक्षित रहेंगे.

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व्यावसायिक विवाद के निपटारे के लिए रांची, धनबाद और जमशेदपुर में 2016 में ही कोर्ट की स्थापना की गई है. इन कोर्ट में ई-फाइलिंग की सुविधा शुरू कर दी गई है, घर या कार्यालय से कोई भी अपनी याचिका ऑनलाइन दाखिल कर सकता है. इसके लिए झारखंड ई-कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (जेईसीएमएस) बनाया गया है, अगर किसी को याचिका दाखिल करनी है तो उसे हाई कोर्ट की वेबसाइट पर जाकर जेईसीएमएस के आइकन को क्लिक करना होगा, इसके बाद व्यावसायिक कोर्ट की साइट खुलेगी या फिर कामर्शियल कोर्ट डॉट झारखंड डॉट जीओवी डॉट इन पर जा सकते हैं, जिसमें रजिस्ट्रेशन करने के बाद आप याचिका दाखिल कर सकते हैं.

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