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राजनीति की प्रयोगशाला के रूप में जाना जाता है झारखंड, 22 साल में 11 मुख्यमंत्री ने किया राज

झारखंड गठन के साथ ही यहा की राजनीति अस्थिरता की भंवर में झूलती रही है. 22 सालों में झारखंड की सियासत में बहुत से उतार चढ़ाव आए, कई बार मुख्यमंत्री बदले. Uncertain Political Journey of Jharkhand.

Political Journey of Jharkhand
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Published : Aug 26, 2022, 9:30 AM IST

रांची: 2019 में जब रघुवर दास ने मुख्यमंत्री के पांच साल का कार्यकाल पूरा किया तो लगा कि (Political Journey of Jharkhand) झारखंड की राजनीति अब परिपक्व हो गई है. यहां राजनीतिक स्थिरता आ गई है. 2019 चुनाव में भी झारखंड की जनता ने परिपक्वता दिखाते हुए जेएमएम के नेतृत्व में महागठबंध को प्रचंड बहुमत से जिताया. हेमंत सोरेन ने मोदी लहर में जिस तरह से अपना दम दिखाया उसकी पूरे देश में चर्चा होने लगी. लेकिन महज दो साल बाद 2022 में झारखंड की राजनीति एक बार फिर अस्थिरता की ओर जाती दिख रही है. हेमंत सोरेन ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले (Hemant Soren Office of Profit case) में फंसते दिख रहे हैं.

ये भी पढ़ें- हेमंत नहीं तो कौन, चुनाव आयोग की रिपोर्ट के बाद राजनीतिक विकल्पों पर चर्चा तेज

15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य की स्थपना हुई. जल जंगल जमीन की लड़ाई अलग राज्य बनने का आधार बना. लोगों को नए राज्य से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के कारण लोगों की उम्मीदें अब तक पूरी नहीं हुईं. झारखंड के राजनीतिक इतिहास में अब तक एकमात्र मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया.

Political Journey of Jharkhand
झारखंड में कब कौन बने मुख्यमंत्री

22 साल में 11 मुख्यमंत्री: 22 साल के झारखंड की राजनीति में राज्य ने अबतक 11 मुख्यमंत्री देखे जल्द ही 12वें मुख्यमंत्री देखने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. रघुवर दास को छोड़ दें तो अबतक किसी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है. झारखंड में बीजेपी और जेएमएम का दबदबा रहा है, पांच बार बीजेपी के मुख्यमंत्री बने तो पांच पार जेएमएम के नेता मुख्यमंत्री बने. लेकिन इनमें से एक को छोड़कर किसी के नाम कार्यकाल पूरा करने का रिकॉर्ड नहीं है. बीजेपी से अर्जुन मुंडा और जेएमएम से शिबू सोरेन तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं लेकिन इन्होंने एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया.

झारखंड के नाम ये है अनोखा रिकॉर्ड: झारखंड ही एक ऐसा राज्य है जहां पर एक निर्दलीय को मुख्यमंत्री बनाया गया. 10 सितंबर 2006 को निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा ने कांग्रेस और जेएमएम के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. लेकिन वो भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. मधु कोड़ा लगभग दो साल तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे.

पांच साल में 4 मुख्यमंत्री: साल 2005 विधानसभा चुनाव के बाद से 2009 विधानसभा चुनाव के बीच 5 सालों में झारखंड में 4 मुख्यमंत्री बने. इस दौरान शिबू सोरेन दो बार मुख्यमंत्री बने. अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा ने एक-एक बार सीएम पद की शपथ ली.

रांची: 2019 में जब रघुवर दास ने मुख्यमंत्री के पांच साल का कार्यकाल पूरा किया तो लगा कि (Political Journey of Jharkhand) झारखंड की राजनीति अब परिपक्व हो गई है. यहां राजनीतिक स्थिरता आ गई है. 2019 चुनाव में भी झारखंड की जनता ने परिपक्वता दिखाते हुए जेएमएम के नेतृत्व में महागठबंध को प्रचंड बहुमत से जिताया. हेमंत सोरेन ने मोदी लहर में जिस तरह से अपना दम दिखाया उसकी पूरे देश में चर्चा होने लगी. लेकिन महज दो साल बाद 2022 में झारखंड की राजनीति एक बार फिर अस्थिरता की ओर जाती दिख रही है. हेमंत सोरेन ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले (Hemant Soren Office of Profit case) में फंसते दिख रहे हैं.

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15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य की स्थपना हुई. जल जंगल जमीन की लड़ाई अलग राज्य बनने का आधार बना. लोगों को नए राज्य से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता के कारण लोगों की उम्मीदें अब तक पूरी नहीं हुईं. झारखंड के राजनीतिक इतिहास में अब तक एकमात्र मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया.

Political Journey of Jharkhand
झारखंड में कब कौन बने मुख्यमंत्री

22 साल में 11 मुख्यमंत्री: 22 साल के झारखंड की राजनीति में राज्य ने अबतक 11 मुख्यमंत्री देखे जल्द ही 12वें मुख्यमंत्री देखने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. रघुवर दास को छोड़ दें तो अबतक किसी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है. झारखंड में बीजेपी और जेएमएम का दबदबा रहा है, पांच बार बीजेपी के मुख्यमंत्री बने तो पांच पार जेएमएम के नेता मुख्यमंत्री बने. लेकिन इनमें से एक को छोड़कर किसी के नाम कार्यकाल पूरा करने का रिकॉर्ड नहीं है. बीजेपी से अर्जुन मुंडा और जेएमएम से शिबू सोरेन तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं लेकिन इन्होंने एक बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया.

झारखंड के नाम ये है अनोखा रिकॉर्ड: झारखंड ही एक ऐसा राज्य है जहां पर एक निर्दलीय को मुख्यमंत्री बनाया गया. 10 सितंबर 2006 को निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा ने कांग्रेस और जेएमएम के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. लेकिन वो भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. मधु कोड़ा लगभग दो साल तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे.

पांच साल में 4 मुख्यमंत्री: साल 2005 विधानसभा चुनाव के बाद से 2009 विधानसभा चुनाव के बीच 5 सालों में झारखंड में 4 मुख्यमंत्री बने. इस दौरान शिबू सोरेन दो बार मुख्यमंत्री बने. अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा ने एक-एक बार सीएम पद की शपथ ली.

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