रांचीः झारखंड सरकार ने शराब बेचकर एक महीने में रिकॉर्ड 188 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है. उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि 1 मई से नई उत्पाद नीति के तहत शराब बिक्री की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद एक माह में सबसे ज्यादा राजस्व संग्रह किया गया है, जो रिकॉर्ड है.
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उत्पाद सचिव ने कहा कि राजस्व संग्रह की दृष्टि से नई शराब नीति काफी लाभदायक है. सरकार ने नई उत्पाद नीति के तहत चार नीति बनाई है, जिसके जरिए चेक एंड बैलेंस का ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा कि नई उत्पाद नीति लागू होने से पहले 166 करोड़ एक महीने में राजस्व संग्रह हुआ था. वहीं, अप्रैल 22 में विभाग की ओर से 109 करोड़ राजस्व संग्रह की गई थी. उन्होंने कहा कि नई शराब नीति की वजह से राजस्व संग्रहण में 70 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है, जो एक रिकॉर्ड है.
विनय कुमार चौबे ने कहा कि नई उत्पाद नीति को राजस्व वृद्धि के अनूकूल बनाया गया है. इसमें तीन बिंदुओं जैसे थोक बिक्रेता, खुदरा बिक्रेता और बार संचालन को लेकर नई नीतियां बनाई गयी हैं. इसके अलावे देसी शराब नीति में संशोधन किया गया है. उन्होंने कहा कि पुरानी नीति में बिक्री पर राजस्व का प्रावधान था. लेकिन नई नीति में उठाव पर राजस्व का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि साल 2017 के अगस्त में उत्पाद नीति लागू की गयी थी तो अगस्त महीने में सिर्फ 23 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति हुई थी. लेकिन एक मई 2022 को नई शराब नीति लागू की गई तो 188 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई है.
उन्होंने कहा कि मई महीने में कंट्री लीकर की समस्या आई थी. लेकिन अलगे दस दिनों के भीतर इस समस्या से निजात मिल जायेगा. उत्पाद आयुक्त अमित कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में 1434 दुकानें सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने से 49 दुकान ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के तहत संचालित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 1 जून से रांची, जमशेदपुर, धनबाद, सरायकेला और बोकारो में भी ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम शुरू किया जायेगा. यह व्यवस्था लागू होने के बाद लिकेज की संभावना लगभग खत्म हो जायेगी. बीयर किल्लत पर उत्पाद आयुक्त ने कहा कि अपने राज्य में सीमित संख्या में प्लांट है. इससे दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है.